अंबिकापुर : सरगुजा के सीतापुर थाना क्षेत्र से तीन माह पूर्व लापता आदिवासी राजमिस्त्री की हत्या कर दी गई थी।राजमिस्त्री का शव मैनपाट के ग्राम लुरैना में सौर ऊर्जा संचालित पानी टँकी के नीचे दफना दिया गया था। ठेकेदार ने सहयोगियों के माध्यम से घटना कारित की थी शुक्रवार को पुलिस ने पानी टँकी के निर्माण को हटाकर एक्सीवेटर की मदद से नींव के फाउंडेशन वाले हिस्से को खोदा तो शव बरामद हुआ। शव का ऊपरी हिस्सा सड़क चुका था।कपड़ा और ढांचा सुरक्षित था।युवक की पहचान सुनिश्चित करने के लिए पुलिस कंकाल का डीएनए टेस्ट भी कराएगी। हालांकि संदेहियों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर ही कंकाल बरामद किया गया है। मृतक के स्वजन ने कपड़े व अन्य सामानों के माध्यम से उसकी पहचान कर ली है। पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में ले लिया है।
सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम उलकिया हाई स्कूल भवन का निर्माण कार्य सीतापुर के ठेकदार अभिषेक पांडेय द्वारा कराया जा रहा था। तीन माह पूर्व निर्माण कार्य स्थल से छड़, सीमेंट एवं अन्य निर्माण सामग्री की चोरी हो गई थी। सात जून को ठेकेदार एवं साथियों ने बेलजोरा निवासी संदीप लकड़ा नामक आदिवासी राजमिस्त्री को उठा लिया था।संदीप निर्माण कार्य में लगा था।अपनी वाहन में बैठाकर उसे ले गए थे। इसके बाद संदीप लकड़ा घर वापस नहीं लौटा था। पहले दिन से ही उसकी हत्या कर दिए जाने का संदेह घरवाले जता रहे थे। आठ जून को ठेकेदार अभिषेक पांडेय ने ही सीतापुर थाने में शिकायत की थी कि राजमिस्त्री संदीप और सहयोगियों ने निर्माण स्थल से छड़ की चोरी कर बेच दिया है। उधर संदीप की पत्नी सलीमा लकड़ा ने 16 जून को सीतापुर थाने में अपने पति के गुमशुदा होने की शिकायत दर्ज कराई थी।
उन्होंने ठेकेदार पर अपहरण और हत्या का आरोप भी लगाया था। स्वजन व घरवालों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाकर ठेकेदार को पकड़ने की मांग भी की थी। आरोप है कि ठेकेदार को पुलिस ने दबाब के बाद पूछताछ के लिए बुलाया था फिर छोड़ दिया था। इधर संदीप लकड़ा के लापता होने के बाद पुलिस को भ्रमित करने साजिश रची गई थी। उसके मोबाइल का लोकेशन लेकर उसकी तलाश की जा रही थी। उसका मोबाइल गोवा एवं मुंबई में कुछ समय के लिए चालू हुआ था।
दोबारा पूछताछ में खुला राज
अगस्त माह में सर्व आदिवासी समाज ने संदीप लकड़ा की हत्या की आशंका जताते हुए कार्रवाई की मांग को लेकर थाने का घेराव किया था। पुलिस ने मामले में ठेकेदार अभिषेक पांडेय, प्रत्युश पांडेय सहित अन्य सथियों के खिलाफ अपहरण, मारपीट और आदिवासी एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया था। मोबाइल लोकेशन स्पष्ट नहीं होने के कारण पुलिस ने ठेकेदार अभिषेक पांडेय व प्रत्युश पांडेय के सहयोगियों को हिरासत में लिया। सीएसपी रोहित शाह की टीम ने ठेकेदार के सहयोगियों से कड़ाई से पूछताछ की तो उन्होंने संदीप लकड़ा की हत्या कर मैनपाट के लुरैना में निर्माणाधीन पानी टंकी के नीचे दफनाने की जानकारी दी।
एक्सीवेटर से खोदाई के बाद मिला शव
शुक्रवार को संदेहियों को लेकर पुलिस टीम लुरैना पहुंची। प्रत्युश पांडेय ने पुलिस को बताया कि सामानों की चोरी की घटना पर नाराज़गी थी। संदीप की उन्होंने पिटाई की थी एवं उसे अपने पास रखा हुआ था। सुबह संदीप की मौत हो गई थी। पुलिस की कार्रवाई से बचने उसके शव को लुरैना में सौर ऊर्जा चलित पानी टंकी के फांउडेशन में दफन कर दिया था। इसी जानकारी के आधार पर पुलिस ने लापता संदीप के स्वजन एवं सर्व आदिवासी समाज के लोगों के साथ शव बरामद करने लुरैना पहुंची। यहां सौर ऊर्जा चलित पानी टँकी के ऊपरी हिस्से को गिराया गया। एक्सीवेटर से लगभग 15 से 20 फीट नीचे खोदाई करने पर युवक का शव बरामद हुआ। फारेंसिक एक्सपर्ट कुलदीप कुजुर की टीम ने कंकाल को प्रिजर्व किया है।स्वजन ने शव की पहचान उसके कपड़ों से की है। घटनास्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था।
सात जून की रात पिटाई से हुई मौत, आठ जून की रात दफनाया शव
सरगुजा पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल ने बताया कि सात जून को राजमिस्त्री का अपहरण कर लिया गया था। रात में उसकी पिटाई की गई। सुबह उसकी मौत हो गई। दिनभर आरोपितों ने शव को रखा। रात को सभी ने मिलकर लुरैना ग्राम में सौर ऊर्जा चलित पानी टँकी निर्माण स्थल पर दफना दिया था। उसके ऊपर फाउंडेशन खड़ा कर दिया गया था। उसके ऊपर लोहे के एंगल वाले टँकी का निर्माण कर उसके ऊपर 1000 लीटर क्षमता की पानी टँकी रखवा दिया गया था।इस कार्य का ठेका भी आरोपितों को ही मिला था। पूछताछ में ठेकेदार के सहयोगी टूट गए और सच्चाई बता दी। मामले में ठेकेदार अभिषेक पांडेय फरार बताया है।अभी पुलिस की जांच जारी है।
चार आरोपित हिरासत में , पुलिस को किया था गुमराह
सरगुजा पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल ने बताया कि अपहरण और हत्या के इस मामले में पुलिस ने चार आरोपितों को हिरासत में लिया है। इसमें प्रत्यूष पांडेय, गुड्डू, शैल शक्ति व तुलेश्वर शामिल हैं।उन्होंने बताया कि घटना के बाद आरोपितो ने पुलिस को गुमराह करने की भी कोशिश की थी। मृतक के मोबाइल को लेकर आरोपित शैली शक्ति मुंबई भी गया था। वहां मृतक के मोबाइल को उसने चालू किया था ताकि पुलिस को लगे कि आरोपित भाग कर मुंबई की ओर चला गया है। उन्होंने बताया कि मृतक के स्वजन ने कपड़े और मृतक द्वारा पहने गए कड़े के आधार पर उसकी पहचान कर ली है फिर भी पुलिस अपनी ओर से डीएनए जांच कराएगी।
इनका कहना
घटना बेहद दुखद है। पुलिस की लापरवाही भी सामने आ रही है।स्वजन ने पहले ही अपहरण और हत्या का संदेह जता दिया था। इसके बाद भी पुलिस ने बारीकी से छानबीन नहीं की। आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में आदिवासी युवक की हत्या कर दी गई। आदिवासियों की सुरक्षा की चिंता सरकार को करनी होगी। मैं जानना चाहता हूं कि क्या जिस तरह दूसरे अपराधियों के घरों पर बुलडोजर चलता है वैसी ही कार्रवाई आदिवासी युवक की हत्या के मामले में होगी।
अमरजीत भगत, पूर्व मंत्री छत्तीसगढ़
मैं पीड़ित परिवार के साथ था, हूं और आगे भी खड़ा रहूंगा। मेरे संज्ञान में जैसे ही मामला आया था मैंने व्यक्तिगत रूप से वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से चर्चा कर जरूरी निर्देश दिए थे। हमने सीतापुर क्षेत्र का एक युवा खोया है। घटना दुखद है। यह समय राजनीति करने का नहीं है। दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होगी। पुलिस की कार्रवाई के अतिरिक्त अतिक्रमण और ठेका व्यवसाय पर भी कार्रवाई आप सभी को दिखेगी।
रामकुमार टोप्पो, विधायक सीतापुर
(Bureau Chief, Korba)