रायपुर: छत्तीसगढ़ के बच्चों में ओमिक्रॉन संक्रमण बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को 13 लोगों में ओमिक्रॉन संक्रमण की पुष्टि हुई। इसमें दो बच्चे हैं, जिनकी उम्र 13 और 17 साल की है। जिन लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है उनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। वे विदेश से आए किसी व्यक्ति या परिवार के भी संपर्क में नहीं आए थे।
छत्तीसगढ़ के डायरेक्टर एपिडेमिक कंट्रोल डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया, गुरुवार शाम भुवनेश्वर लैब से जीनोम सीक्वेंसिंग जांच की रिपोर्ट आ गई है। लैब ने 28 दिसम्बर से 3 जनवरी तक भेजे गए नमूनों की जांच की है। इसमें 13 लोगों में ओमिक्रॉन की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। इनमें से 7 लोग राजनांदगांव जिले के हैं। इनमें एक महिला भी शामिल है। रायपुर के तीन लोगों में ओमिक्रॉन मिला है। इसमें से एक 17 साल का बच्चा है। वहीं दुर्ग में जिन तीन लोगों में ओमिक्रॉन पाया गया है उनमें से एक 13 साल की बच्ची है।
डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया, संक्रमण की चपेट में आए सभी लोग ठीक हो चुके हैं। उन्होंने बताया, उनकी कांटेक्ट ट्रेसिंग से पता चला कि इन 13 लाेगाें में से कोई भी विदेश से नहीं गया था। इनका विदेश से लौटे किसी व्यक्ति या उसके संपर्कियों से भी किसी संपर्क की जानकारी नहीं है। इसका मतलब है कि इन सभी व्यक्तियों को नए वैरिएंट का संक्रमण स्थानीय लोगों से ही लगा है।
अब तक 21 केस मिल चुके
छत्तीसगढ़ में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के अब तक 21 केस मिल चुके हैं। पांच जनवरी काे बिलासपुर में ओमिक्रॉन के पहले केस की पुष्टि हुई थी। संक्रमित व्यक्ति एक महीने पहले दुबई से लौटा था। 10 जनवरी को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सहित 4 लोगों के संक्रमित पाए जाने की रिपोर्ट आई। 16 जनवरी को बिलासपुर में 3 नए केस मिल गए। इनमें से सभी की रिपोर्ट ठीक होने के बाद आई है।
अब तक की जांच में सबसे अधिक डेल्टा वैरिएंट
डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया, अभी तक प्रदेश से 4 हजार 83 सैंपल भुवनेश्वर लैब को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है। इसमें से एक हजार 972 में कोरोना के दूसरे वैरिएंट पाए गए हैं। सबसे अधिक एक हजार 343 नमूनों में डेल्टा वैरिएंट पाया गया है। 125 में बी-1, 38 में कापा और 26 नमूनों में कोरोना के यूके वैरिएंट की मौजूदगी पाई गई है।