Saturday, July 27, 2024
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Chhattisgarh: घरघोड़ा रेंज में संकट में हाथी.. सूंड उठाया तो आया बिजली तार की चपेट में; 6 महीने में ही तीन हाथियों की मौत, दो की करंट से गई जान

Raigarh: शुक्रवार सुबह घरघोड़ा रेंज के कुडुमकेला के पुसल्दा गांव कृषक आत्माराम राठिया की बाड़ी में बोर पंप के लिए लगे करंट प्रवाहित तार की चपेट में आने से हाथी के बच्चे की मौत हो गई। महीनेभर में करंट से हाथी की मौत का यह दूसरा मामला है।

वन विभाग के अनुसार बच्चा सालभर का था। हाथी की रायगढ़ डिविजन में 4 साल से एक भी मौत नहीं थी। इस साल घरघोड़ा रेंज में 3 हाथियों की मौत हो गई। 2017 में एक हाथी की मौत हुई थी, 2018 से 2021 तक रायगढ़ डिविजन एक भी मौत नहीं हुई है। 2022 में 3 हाथियों की मौत सामने आ चुकी है।

पुसल्दा में एक किसान की बाड़ी में बोरवेल लगा था। खंभे से उसके खेत तक कनेक्शन के लिए तार डाला था। तार सामान्य ऊंचाई पर बताया गया है। हाथी ने सूंड ऊपर उठाई होगी, इससे उसकी मौत हुई है। अफसरों ने माना कि किसान ने जानवरों को करंट लगाने की मंशा से तार नहीं खींचा था। हाथी प्रभावित इलाकों में बोर या दूसरे विद्युत कनेक्शन के लिए कंसील्ड बिजली तार का उपयोग करें तो इससे बचा जा सकता है।

दोनों डिविजन में हाथियों की मौत के बढ़ते मामलों को देखते हुए सोमवार को जिला पंचायत सीईओ की अध्यक्षता में दोनों डिविजन के डीएफओ, पुलिस, बिजली विभाग के अफसर के साथ ज्वाइंट बैठक हुई। धरमजयगढ़ डीएफओ अभिषेक जोगावत बताते हैं जंगली इलाकों में लोग शाम 6 से सुबह 5 बजे बिजली तार बिछा रहे हैं।

करंट और लू से गई थी दो हाथियों की जान

  • 18 नवंबर को अमलडीह घरघोड़ा में शिकारियों ने वन्य जीवों के शिकार के लिए बिछाए गए करंट की चपेट में आने से हथिनी की मौत हो गई। 6 लोगों ने हाथी और पशुओं को खेत से दूर रखने के लिए बिजली तार बिछाकर रखा था। रात को हाथी के चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। इन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिले में रायगढ़ और धरमजयगढ़ वन मंडल के गांवों में किसान वन्य जीवों से फसल की रक्षा करने के लिए खेत के आसपास करंट वाले तार लगाते हैं।
  • 12 जून को घरघोड़ा कोनपारा के काजू बगीचा इलाके में लू लगने से हाथी की मौत हुई। उसके साथ आधा दर्जन और हाथियों दल था।

बीट गार्ड और डिप्टी रेंजर की तैनाती पर सवाल खड़े हो रहे

वन विभाग के ही कुछ अफसर बताते हैं कि जहां हाथियों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं उससे बीट गार्ड और डिप्टी रेंजर की मुस्तैदी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। 4-5 गांव के लिए एक बीट गार्ड होता है। इसका काम जंगली इलाकों में घूमना, बस्तियों में लोगों को सचेत करना और साथ ही वन्य जीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी होता है। ज्यादातर बीट गार्ड अपने क्षेत्र में नहीं जाते। हर रेंज में दो-तीन डिप्टी रेंजर होते हैं जिनका काम मॉनिटरिंग का होता है लेकिन इसके बाद भी करंट लगने से हाथी, वन्य प्राणियों और इंसानों की जान जाने के मामले सामने आ रहे हैं।

ज्वाइंट टीम के साथ गश्त

ऐसी घटनाओं को देखते हुए बिजली, पुलिस, वन विभाग सहित विभिन्न विभागों के अफसरों के साथ रात्रिकालीन गश्त कराई जा रही है। जिन इलाकों में लोग तार बिछाते हैं, ऐसे इलाकों को चिह्नांकित किया जा रहा है। बिजली विभाग को उन पर कार्रवाई करने के लिए कहा है। ग्राम सभा और जनप्रतिनिधियों के माध्यम जागरूकता कार्यक्रम कर भी इस तरह कार्रवाई रोकने के लिए कहा गया है।

मामले की जांच की जा रही

घरघोड़ा के कुडमकेला में हाथी की मौत हुई है। मैंने मौके पर गई थी। हाथी जामपाली क्षेत्र जाने के बाद फिर पुसल्दा बगीचा गन्ना खेत में आ गया। कृषक के खेत में लगे बोर पंप का तार ऊपर से गुजर रहा था, उसकी चपेट में आने से हाथी की मौत हुई है, ग्रामीण की कोई मंशा नहीं थी कि जानबूझ कर करंट तार बिछाया गया था।
-स्टाइलो मंडावी, डीएफओ, रायगढ़

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