Saturday, November 23, 2024
Homeछत्तीसगढ़कोरबाChhattisgarh : बाढ़ राहत कोष में गबन, कर्मचारी का बहाली आदेश निरस्त,...

Chhattisgarh : बाढ़ राहत कोष में गबन, कर्मचारी का बहाली आदेश निरस्त, हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले को डिवीजन बेंच ने किया खारिज; पढ़िए कहा का है मामला

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि विभागीय जांच अगर सही नहीं है तो फिर से जांच के लिए फाइल लौटाने पर दोषी कर्मचारी को बहाल नहीं किया जा सकता। डिवीजन बेंच ने राजनांदगांव जिले के छुरिया नगर पालिका परिषद के कर्मचारी को बहाल करने सिंगल बेंच के आदेश को निरस्त कर दिया है। साथ ही नगर पालिका के CMO को छह सप्ताह के भीतर विभागीय जांच पूरी करने का आदेश भी दिया है।

दरअसल, नगर पालिका परिषद में पदस्थ लेखापाल भूपेश गंधर्व ने साल 2013-14 में झारखंड बाढ़ आपदा राहत कोष की राशि में हेराफेरी की थी। आरोप है कि उसने राहत कोष के पैसे का गबन कर लिया। इस मामले की जांच कराई गई, जिसमें उसे दोषी पाया गया। जिसके बाद उसे नगर पालिका की सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।

नगर पालिका के आदेश के खिलाफ पहुंचा हाईकोर्ट
नगर पालिका से नौकरी से निकाले जाने पर भूपेश गंधर्व ने 2017 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इस मामले की सुनवाई सिंगल बेंच में हुई। सभी पक्षों को सुनने के बाद सिंगल बेंच ने विभागीय जांच अधूरी होने और याचिकाकर्ता को सुनवाई का अवसर नहीं देने पर बर्खास्तगी आदेश को निरस्त कर दिया। साथ ही याचिकाकर्ता कर्मचारी को नौकरी में बहाल करने और उसके सभी देयकों का भुगतान करने का आदेश दिया।

सिंगल बेंच के फैसले को डिवीजन बेंच में दी चुनौती
इधर, नगर पालिका परिषद छुरिया ने सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए एडवोकेट संदीप दुबे के माध्यम से डिवीजन बेंच में अपील की। इसमें बताया गया कि नगर पालिका अधिनियम के प्रावधान के अनुसार संबंधित कर्मचारी को सुनवाई का पूरा अवसर दिया गया है। विभागीय जांच अगर सही नहीं है तो फाइल फिर से जांच के लिए लौटाया जाए तब भी कर्मचारी को दोष मुक्त नहीं किया जा सकता है और न ही उसकी सेवा बहाल की जा सकती है। क्योंकि प्रारंभिक जांच में दोष सिद्ध हो चुका है।

इस केस की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की डिवीजन बेंच ने नगर पालिका के तर्कों पर सहमति जताई। डिवीजन बेंच ने कहा कि अगर सिंगल बेंच को लगा कि याचिकाकर्ता को सुनवाई का अवसर नहीं दया गया है तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत उसे फिर से जांच के लिए भेजा जा सकता है। लेकिन, नौकरी से बहाल करना गलत है। हाईकोर्ट ने सिंगल बेंच के कर्मचारी की बहाली आदेश को निरस्त कर दिया है। साथ ही नगर पालिका परिषद को छह सप्ताह के भीतर विभागीय जांच पूर्ण करने का आदेश दिया है।




Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular