भिलाई: दुर्ग पुलिस ने भिलाई नगर निगम के पार्षद और उप सभापति इंजीनियर सलमान पिता मोहम्मद सुभान के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। शारदापारा वार्ड 35 छावनी भिलाई निवासी सलमान के ऊपर निगम चुनाव में फर्जी जाति प्रमाण पत्र जमाकर चुनाव लड़ने का आरोप है। सुपेला पुलिस ने उनके खिलाफ धोखाधड़ी, दस्तावेजों का दुरुपयोग, और जानबूझ कर दस्तावेजों में कूट रचना का मामला दर्ज किया है।
भिलाई नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा और वार्ड 35 के छाया पार्षद चंदन यादव ने इस मामले में सुपेला थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने पुलिस को बताया कि साल 2021 में नगर निगम भिलाई का चुनाव आयोजित किया गया था। उसमें इंजीनियर सलमान ने फर्जी व कूटरचित दस्तावेज पेश करके पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ा था। इन्ही फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वो ओबीसी कटेगरी से चुनाव जीता है।
भोजराज सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष, नगर पालिक निगम भिलाई
भोजराज सिन्हा ने बताया कि भिलाई नगर निगम में कुल 70 वार्ड हैं। इन सभी वार्डों में पार्षद पद के चुनाव लड़ने के लिए निर्वाचन आयोग ने आरक्षम रोस्टर जारी किया था। इसके तहत शारदापारा वार्ड 35 को ओबीसी कटेगरी में रखा गया था। इंजीनियर सलमान के पास ओबीजी जाति प्रमाण पत्र नहीं था। इसके बाद भी उसने किसी दूसरे की जाति प्रमाण पत्र पर अपना नाम अंकित करवाकर उसे निर्वाचन आयोग के सामने पेश किया और चुनाव लड़कर आज वहां का पार्षद और निगम का एमआईसी मेंबर है। इस आधार पर सलमान का निर्वाचन फर्जी है। इस बारे में जब उप सभापति इंजीनियर सलमान से बात की गई तो उन्होंने कोई भी जवाब देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
इस तरह जाति प्रमाण पत्र में किया गया फर्जीवाड़ा
शिकायत में नेता प्रतिपक्ष ने बताया है कि निर्वाचन के दौरान इंजीनियर सलमान ने जो ओबीसी सर्टिफिकेट जिला निर्वाचन आयोग में जमा किया है उसका क्रमांक 363/ब-221/2015-16 है। ये सर्टिफिकेट 15 जून 2016 में बना था। जब एसडीएम दुर्ग के कार्यालय से इस जाति प्रमाण पत्र की सत्यापित कापी सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई तो इस क्रमांक का जाति प्रमाण पत्र किसी नोमिता देशमुख के आधार जारी किया गया है। इससे साफ है कि इंजीनियर सलमान ने जो जाति प्रमाण पत्र जिला निर्वाचन आयोग में दिया वो फर्जी जाति प्रमाण पत्र है।
रविशंकर सिंह, अधिवक्ता व दुर्ग बार एसोसिएशन के सचिव
हो सकती है आजीवन कारावास तक की सजा
वरिष्ठ अधिवक्ता संघ दुर्ग के सचिव और एडवोकेट रवि शंकर सिंह ने बताया कि जिन धाराओं के तहत पुलिस ने इंजीनियर सलमान के खिलाफ मामला दर्ज किया है उसके मुताबिक उन्हें आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। जैसे धारा 420 का दोषी पाए जाने पर दोषी को सात साल के कारावास व जुर्माने की सजा हो सकती है। इसी तरह धारा 467, 468 और 471 में आजीवन कारावास या दस साल का कारावास व जर्माने की सजा हो सकती है। अधिवक्ता रवि शंकर सिंह का कहना है कि सलमान के खिलाफ जो आरोप है उसके तहत उसका जेल जाना तय है और उस जिन धाराओं में मामला दर्ज हुआ है उसमें जमानत भी नहीं मिलेगी।
(Bureau Chief, Korba)