गरियाबंद: जिले में एक दिव्यांग लोन के लिए साल भर से चक्कर काट रहा है। उसका कहना है कि फॉर्मेलिटी पूरी कर करके थक गया हूं। 7 दिवस के भीतर लोन नहीं दिया, तो जनपद कार्यालय के आगे आत्मदाह कर लूंगा।
दरअसल, लाटापारा निवासी दिव्यांग अशोक सोनी ने मंगलवार को एसडीएम को पत्र लिखा है। समाज कल्याण विभाग की दिव्यांग लोन योजना के तहत उसने साल भर पहले देवभोग जनपद के समाज कल्याण साखा के माध्यम से लोन के लिए आवेदन किया था।
अधिकारी को आवेदन देता दिव्यांग।
दुकान में सामान बढ़ाने ले रहा लोन
40 हजार की पगड़ी (बयाना) देकर उसने जनपद से ही दुकान किराए पर लिया है। दुकान में सामान बढ़ाना चाहता है, ताकि दुकान का किराया और गुजारा निकल सके। माता का भरण पोषण की भी जिम्मेदारी है। आर्थिक तंगी के बीच लोन के लिए दस्तावेज बनाने और जनपद का बार बार चक्कर काटते थक चुका हूं।
हर बार कोई न कोई नया बहाना बनाकर उसे लोन देने टाल मटोल किया जा रहा है। इस बार गारंटर के रूप में पंचायत सचिव का दस्तावेज दिया गया, पर उसे नियमित कर्मचारी नहीं होना बताकर दूसरा गारंटर का दस्तावेज मांगा जा रहा है।
एसडीएम अर्पिता पाठक ने कहा कि संबंधित विभाग से चर्चा कर विधिवत निराकरण करने कहा जा रहा है।
75 फीसदी दिव्यांग है अशोक
43 वर्षीय अशोक कुशल कारीगर था, जो पुट्टी और प्लंबर का काम करता था। गरियाबंद के संतोषी पारा वार्ड के एक मकान में काम करने के दरम्यान छत से गुजरे हाईटेंशन तार के चपेट में आ गया। चारो हाथ-पैर झुलस गए और दाहिना हाथ को काटना पड़ा।
पिता भी कर चुके हैं आत्महत्या
बाया हाथ भी पूरी तरह ठीक नहीं हो सका है। वह 75 फीसदी विकलांग है। इलाज के लिए कर्ज के बोझ से दबे पिता 2016 में आत्महत्या कर चुके है। घटना के बाद पत्नी घर छोड़ के भाग गई। अब बूढ़ी मां का अशोक इकलौता सहारा है।
अफसर कुछ और बता रहे
अशोक का आरोप था कि उसे गारंटर बदलने कहा जा रहा, लेकिन मामले को लेकर समाज कल्याण विभाग के उपसंचालक डोनर ठाकुर ने कहा कि विभाग से लोन देना बंद कर दिए हैं। क्योंकि पहले भेजे गए तीन प्रकरण में मंजूरी नहीं मिल सकी है। मेरी बात अशोक से हुई है। उसकी फाइल को मंगवाया गया है। जिला अंतव्यवाई हो या फिर उद्योग विभाग जहां मिल सके लोन दिलवाया जाएगा।
2 करोड़ की वसूली बकाया, इसलिए पल्ला झाड़ रहे
मामले की पड़ताल करने पर पता चला कि समाज कल्याण विभाग में दिव्यांग जन को लोन देने की योजना है। जिसके लिए ज्यादा फॉर्मेलिटी की भी जरूरत नहीं पड़ती। मार्च 2023 समाज कल्याण विभाग को 4 करोड़ का कर्ज वसूली करना था, लेकिन विभाग आधे ही वसूल पाई। अभी भी 52 हितग्राही से 2 करोड़ की वसूली बकाया है।
बकाया राशि के चलते ही नए सत्र में किए 3 आवेदन के फाइल पर ऊपर अफसरों ने मंजूरी नहीं दिया। फरवरी माह में तो आवेदन न लेने का फरमान भी जारी कर दिया गया है। अफसरों के सख्त रवैये के कारण ही अब अशोक सोनी की फाईल को खामियां गिना गिना कर रोका जा रहा है।
(Bureau Chief, Korba)