Tuesday, September 16, 2025

छत्तीसगढ़: जवानों ने एनकाउंटर में डेढ़ करोड़ के इनामी नक्सली मोडेम बालकृष्ण समेत 10 नक्सली को मार गिराया, हेलीकॉप्टर से लाए गए 6 पुरुष, 4 महिलाओं के शव

गरियाबंद: जिले में गुरुवार को जवानों ने एनकाउंटर में डेढ़ करोड़ के इनामी नक्सली मोडेम बालकृष्ण समेत 10 नक्सली को मार गिराया। सभी के शव हेलीकॉप्टर से गरियाबंद लाए गए हैं। मोडेम बालकृष्ण ओडिशा स्टेट कमेटी का सचिव था। मामला मैनपुर थाना क्षेत्र के मटाल पहाड़ी का है।

मिली जानकारी के मुताबिक मारे गए नक्सलियों में 6 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल हैं। इनमें मनोज बालाकृष्णन (CCM), प्रमोद उर्फ ​​पांडु (SZC/ईस्टर्न ब्यूरो), विमल (DVCM/टेक्निकल टीम), विक्रम (सिनापाली ACM), समीर (मनोज सिक्योरिटी टीम) शामिल हैं।

इसके साथ ही उमेश (ACM/SDK डिप्टी कमांडर, अंजलि (SDK ACM), सिंधु (ACM/तकनीकी टीम), रजिता (ACM/तकनीकी टीम) और आरती (तकनीकी टीम) शामिल हैं। छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्रप्रदेश सरकार ने सभी पर 3 करोड़ 4 लाख का इनाम घोषित किया था।

वहीं बीजापुर जिले में शुक्रवार सुबह जवानों ने 2 नक्सलियों को मार गिराया है। दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र से दोनों नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। जवानों ने मौके से एक 303 राइफल समेत भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए हैं। बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव ने मुठभेड़ की पुष्टि की है।

एनकाउंटर के बाद की ये तस्वीरें देखिए…

गरियाबंद में एनकाउंटर के बाद हेलीकॉप्टर से नक्सलियों के शव लाए गए।

गरियाबंद में एनकाउंटर के बाद हेलीकॉप्टर से नक्सलियों के शव लाए गए।

गरियाबंद में हेलीकॉप्टर से लाए गए नक्सलियों के शव को पिकअप में लोडकर अस्पताल लाया गया।

गरियाबंद में हेलीकॉप्टर से लाए गए नक्सलियों के शव को पिकअप में लोडकर अस्पताल लाया गया।

गरियाबंद में जवानों ने 10 नक्सलियों को जंगल में घेरकर मारा। सभी के शव बरामद।

गरियाबंद में जवानों ने 10 नक्सलियों को जंगल में घेरकर मारा। सभी के शव बरामद।

गरियाबंद में मारे गए सभी नक्सलियों के शवों को रक्षित केंद्र में रखा गया है।

गरियाबंद में मारे गए सभी नक्सलियों के शवों को रक्षित केंद्र में रखा गया है।

पांव पसारने से पहले नक्सलियों का खात्मा- एडीजी

एडीजी एंटी नक्सल ऑपरेशन विवेकानंद सिन्हा ने बताया कि नए जगह पांव पसारने से पहले नक्सलियों का खात्मा कर दिया गया। बड़े नक्सल नेटवर्क को तोड़ा गया है। जवानों ने जंगल में घेरकर नक्सलियों को मारा। सभी इनामी नक्सली थे। ऑपरेशन अभी खत्म नहीं हुआ है, जारी है।

वहीं रायपुर रेंज आईजी अमरेश मिश्रा ने कहा कि जवानों ने इसी जगह पर कहा था कि शस्त्र पूजन से पहले रक्त पूजन करेंगे, उन्होंने कर दिखाया। एसपी निखिल राखेचा ने कहा कि 8 माह पहले हमने आत्मसर्पण की अपील की थी।अब भी कह रहे हैं कि मूल रास्ते से भटके लोग सरेंडर नीति के तहत मुख्यधारा से जुड़ सकते हैं।

अब पढ़िए गरियाबंद नक्सल एनकाउंटर की कहानी ?

दरअसल, मारे गए नक्सली मोडेम बालकृष्ण के गार्ड कैलाश ने सरेंडर किया था। इसी से पुलिस को मोडेम के बारे में सीक्रेट जानकारी मिली। कैलाश के बताए ठिकानों में पुलिस ने नजर रखना शुरू किया। लोकेशन कन्फर्म होते ही जवानों की टीम गुरुवार सुबह मैनपुर के कुल्हाड़ी घाट पहुंची।

इस दौरान कुल्हाड़ी घाट से लगे पहाड़ी इलाके मटाल में जवानों ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया। एनकाउंटर में सेंट्रल कमेटी सदस्य मनोज उर्फ बालन्ना उर्फ मोडेम बालकृष्ण अपने 9 साथियों के साथ मारा गया। एसपी निखिल राखेचा ने इसकी पुष्टि की है।

गरियाबंद के मैनपुर के जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है।

गरियाबंद के मैनपुर के जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है।

STF, कोबरा और CRPF के जवानों ने मार गिराया

रायपुर रेंज के आईजी अमरेश मिश्रा ने बताया कि मैनपुर थाना क्षेत्र के जंगल में सुरक्षाकर्मी नक्सल विरोधी अभियान पर थे, तभी STF, कोबरा बटालियन, CRPF और राज्य पुलिस के जवानों का सामना नक्सलियों से हो गया।

रायपुर रेंज आईजी ने बताया कि जंगल में नक्सलियों के शव पड़े हुए थे। आईईडी लगे होने का भी खतरा था, इसलिए रात में सर्च ऑपरेशन नहीं किया जा सकता। फिलहाल, मुठभेड़ रुक गई है। जवान शवों को लेकर लौटेंगे, तो डिटेल में जानकारी दे पाएंगे।

ओडिशा स्टेट कमेटी का सचिव था बालकृष्ण

गरियाबंद पुलिस ने गुरुवार को मैनपुर के कुल्हाड़ी घाट से लगे पहाड़ी इलाके मटाल में संयुक्त ऑपरेशन चलाया। सुबह से रुक-रुककर कई घंटे तक मुठभेड़ चली। एनकाउंटर में सेंट्रल कमेटी सदस्य मनोज उर्फ बालन्ना उर्फ मोडेम बालकृष्ण अपने 9 साथियों के साथ मारा गया। बालकृष्ण के पास ओडिशा राज्य कमेटी के सचिव की भी जिम्मेदारी थी।

चलपति के मारे जाने के बाद बालकृष्ण को मिली थी जिम्मेदारी

14 जनवरी को चलपति समेत 16 नक्सलियों के ढेर होने के बाद धमतरी, गरियाबंद और नुआपड़ा डिवीजन कमेटी को विस्तार करने की जिम्मेदारी बालकृष्ण को दी गई थी। यह सूचना पुलिस तक आ चुकी थी। बालकृष्ण की मौजूदगी की पुख्ता सूचना के बाद एसपी निखिल राखेचा ने संयुक्त ऑपरेशन लॉन्च किया था।

अब पढ़िए बालकृष्ण तक कैसे पहुंची पुलिस ?

मोडेम 25 साल से सुरक्षा एजेंसियों की नजरों से बच रहा था। एजेंसियों के पास बालकृष्ण के जवानी की तस्वीर भर थी। 15 दिन पहले ही मोडेम बालकृष्ण के गार्ड कैलाश नाम के नक्सली ने सरेंडर किया था। उसी से कुख्यात नक्सली मोडेम के बारे में एजेंसी को कई पुख्ता जानकारियां मिलीं।

पुलिस के मुताबिक मोडेम बालकृष्ण कई साल से शुगर की बीमारी से जूझ रहा था। उसके सिर के बाल झड़ गए हैं। उसे चलने के लिए 2 लाठियों का सहारा लेना पड़ता था।

गरियाबंद में जनवरी में 16 नक्सली मारे गए थे

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में इसी साल 14 जनवरी को करीब 80 घंटे तक चले ऑपरेशन में 16 नक्सली मारे गए थे। इनमें से 12 नक्सलियों पर कुल 3 करोड़ 16 लाख रुपए का इनाम घोषित था।

मारे गए नक्सलियों में नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी का मेंबर चलपति भी था। चलपति पर 90 लाख का इनाम था। वहीं नुआपड़ा-गरियाबंद-धमतरी डिवीजन कमेटी का प्रमुख सत्यम गावड़े भी एनकाउंटर में मारा गया था।

यह पहला मौका था जब छत्तीसगढ़ में किसी मुठभेड़ में सेंट्रल कमेटी का सदस्य मारा गया। चलपति ऊर्फ अप्पा राव गरियाबंद के भालूडिग्गी इलाके से ही 3 राज्यों में नक्सल एक्टिविटी को कंट्रोल करता था।

अब चलपति के बारे में जानिए

आंध्र प्रदेश का रहने वाला था जयराम उर्फ चलपति

जयराम रेड्डी उर्फ रामाचंद्रा रेड्डी उर्फ अप्पाराव उर्फ रामू आंध्र प्रदेश के चित्तूर के माटेमपल्ली का रहने वाला था। इसकी उम्र करीब 60 साल थी। इसने 10वीं तक की पढ़ाई की थी। वह सेंट्रल कमेटी मेंबर (CCM) कैडर का था। चलपति बस्तर के अबूझमाड़ इलाके में भी सक्रिय था। AK-47, SLR जैसी राइफल रखता था।

इसकी सुरक्षा में भी करीब 8 से 10 गार्ड रहते थे। अबूझमाड़ में लगातार हो रही मुठभेड़ के बाद कुछ इसने अपना ठिकाना बदल दिया और गरियाबंद-ओडिशा बॉर्डर पर चला गया था। यह नक्सल संगठन में फ्रंटलाइन का लीडर था।

नक्सल ऑपरेशन में मारा गया 90 लाख का इनामी नक्सली चलपति।

नक्सल ऑपरेशन में मारा गया 90 लाख का इनामी नक्सली चलपति।

शाह की डेडलाइन, 2026 तक करेंगे नक्सलवाद का खात्मा

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अगस्त 2024 और दिसंबर 2024 में छत्तीसगढ़ के रायपुर और जगदलपुर आए थे। वे यहां अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग मंचों से नक्सलियों को चेताते हुए कहा था कि हथियार डाल दें। हिंसा करोगे तो हमारे जवान निपटेंगे।

वहीं उन्होंने एक डेडलाइन भी जारी की थी कि 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद का खात्मा कर दिया जाएगा। शाह के डेडलाइन जारी करने के बाद से बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन काफी तेज हो गए हैं।

लगातार बड़े नक्सली लीडर मारे जा रहे

  • इससे पहले 21 मई को हुई मुठभेड़ में 27 नक्सली मारे गए। इसमें 1.5 करोड़ का इनामी बसवा राजू भी था।
  • 21 मई की मुठभेड़ से 7 दिन पहले पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कर्रेगुट्टा ऑपरेशन की भी जानकारी दी थी। इसमें 31 नक्सलियों को मार गिराया था।
  • छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर स्थित कर्रेगुट्टा के पहाड़ों पर सुरक्षाबलों ने 24 दिनों तक ऑपरेशन चलाया था।


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