दुर्ग: शासकीय बाल गृह दुर्ग में लगातार बड़ी बड़ी लापरवाही की घटनाएं हो रही हैं. बीती रात यहां से एक 13 साल का नाबालिग लड़का भाग गया। जब वार्डन से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके यहां सभी बच्चे मौजूद हैं। जब एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने बच्चे की फोटो दिखाई तो वार्डन के होश उड़ गए। एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने वार्डन पर गैर जिम्मेदाराना कार्य करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।
एनएसयूआई दुर्ग के शहर अध्यक्ष वरुण केवलतानी ने बताया कि उन्हें बीती रात दुर्ग रेलवे स्टेशन के पास एक बच्चा दिखा। उसकी उम्र 13 साल है। बच्चे ने बताया कि वो शासकीय बाल गृह में रहता है और पढ़ाई करता है। केवलतानी का कहना है कि एक 12-13 साल का बच्चा रात को दो बजे बाल गृह से भाग कर स्टेशन में भटक रहा है और बाल गृह के जिम्मेदारों को कोई होश ही नहीं है।
पुलिस की मौजदूगी में बच्चे को सुरक्षित पहुंचा गया बाल गृह
वरुण केवलतानी और उसके साथियों ने जब इसकी सूचना पद्मनाभपुर पुलिस में दी तो वहां से एक पेट्रोलिंग गाड़ी पहुंची और बच्चे को लेकर शासकीय बाल गृह दुर्ग पहुंचे। यहां पहुंचने पर यहां की अधीक्षिका मंजू शुक्ला ने कहा कि उनके यहां से कोई बच्चा नहीं भागा। सभी बच्चे अपने कमरे में है। जब एनएसयूआई के लड़कों ने लड़के की फोटो दिखाई तो मंजू शुक्ला व बाकी स्टाफ हड़बड़ा गया। आनन फानन में बच्चे को बाल गृह में भेजा गया। इस बारे में जानकारी के लिए जब मंजू शुक्ला और महिला बाल विकास अधिकारी अजय शर्मा को कई बार फोन लगाया गया तो उन्होंने कोई फोन नहीं उठाया।
देर रात अधीक्षिका ने कहा सभी बच्चे हॉस्टल में मौजूद
एनएसयूआई ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने कहा कि एक नाबालिग बच्चा रात में बाल गृह से भाग जाता है। बाहर उसका किडनैप हो जाए या एक्सीडेंट हो जाए उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। बाल गृह की अधीक्षिका की हालत यह है कि उन्हें रात तक यह नहीं पता था कि बच्चा उनके यहां से गयब है। उन्होंने मांग की है कि इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
बच्चो को चिढ़ाने के चलते वो हॉस्टल से भागा
बाल गृह से भागे बच्चे ने पूछने पर बताया कि उसके पिता नहीं हैं। एक अपराध के चलते उसके पापा ही उसे यहां छोड़कर चार साल बहले गए थे। यहां उसे हॉस्टल में बाकी बच्चे काफी चिढ़ाते थे। उसने इसके बारे में कई बार वहां के स्टाफ और अधीक्षिका से शिकायत की, लेकिन उन्होंने भी उस पर कोई ध्यान नहीं दिया। इससे तंग आकर वो वहां से भागकर अपने घर कोलकाता जा रहा था।
तीन साल पहले भी लगा था संगीन आरोप
शासकीय बाल गृह दुर्ग का विवादों से पुराना नाता है। तीन साल पहले यहां से चार बच्चे भागे थे। उन्हें चाइल्ड लाइन की टीम ने पकड़ा था। पूछताछ में बच्चों ने बताया कि वहां की महिला बाल कल्याण अधिकारी उन्हें अश्लील वीडियो दिखाती थी और उनके साथ अश्लील हरकत करती थीं। इसके बाद तत्कालीन कलेक्टर ने मामले में जांच टीम भी गठित की थी।
(Bureau Chief, Korba)