जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर और मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में नक्सलियों ने शुक्रवार सुबह 2 लोगों की हत्या कर दी। मोहला-मानपुर में नक्सलियों ने एक युवक का धारदार हथियार से गला रेत दिया। लोकसभा चुनाव के बहिष्कार और भाजपा नेताओं को मारकर भगाने की धमकी दी है।
वहीं नारायणपुर में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में युवक की हत्या की है। मारा गया युवक सरेंडर नक्सली था। नक्सलियों ने पहले युवक को अगवा किया और फिर गद्दार बताकर उसकी जान ले ली। वारदात के बाद शव को गांव के पास फेंककर नक्सली भाग निकले।
मोहला-मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले में नक्सलियों ने युवक का गला रेतकर गांव में फेंका शव।
20 से ज्यादा नक्सली पहुंचे थे गांव
जानकारी के मुताबिक, मोहला-मानपुर के सीतागांव क्षेत्र के पिटेमेटा गांव में शुक्रवार सुबह नक्सलियों ने युवक की हत्या की है। मारे गए युवक का नाम प्रेम सिंह है। बताया जा रहा है कि 20 से ज्यादा नक्सली गांव में पहुंचे और प्रेम सिंह का गला रेत दिया। इसके बाद शव को गांव में फेंककर भाग गए।
नक्सलियों ने शव के पास पर्चे भी फेंके हैं। इसमें चुनाव का बहिष्कार और भाजपा के लोगों को मारकर भगाने की बात लिखी गई है। एसपी वाईपी सिंह ने मामले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि घटना की जिम्मेदारी नक्सलियों की आरकेबी डिवीजन कमेटी ने ली है। कुछ दिन पहले ही नक्सलियों ने इसी क्षेत्र में बीएसएनएल के मोबाइल टावर में आग लगा दी थी।
नारायणपुर में नक्सलियों ने अगवा कर सरेंडर नक्सली को मार डाला।
नारायणपुर: एक दिन पहले ही गांव लौटा था युवक
वहीं नारायणपुर में मारे गए सरेंडर नक्सली का नाम अजित है। वह छोटे डोंगर थाना क्षेत्र के तुरूसमेटा गांव का रहने वाला था। पिछले साल ही नक्सलवाद छोड़कर मुख्य धारा में लौटा था। वह गुरुवार को किसी काम से मुचनार गांव गया था। वहां नक्सली उसे अगवा कर ले गए और देर रात जंगल में हत्या कर दी।
सुबह पुलिस को हत्या का पता चला
नक्सलियों ने हत्या के बाद शव को गांव के नजदीक फेंक दिया। अगले दिन शुक्रवार सुबह पुलिस को सूचना मिली। इसके बाद जवानों को रवाना किया गया। मारे गए सरेंडर नक्सली का शव लेकर जवान जिना मुख्यालय लौट आए हैं। SP प्रभात कुमार ने कहा कि मामले की जांच कर रहे हैं।
नक्सलियों ने जारी किया पर्चा।
पर्चा फेंक नक्सली बोले- गोपनीय सैनिक था
शव के पास नक्सलियों के पूर्व बस्तर डिवीजन कमेटी के नाम से एक पर्चा भी बरामद किया गया है। इसमें लिखा है कि गस्सू कोर्राम उर्फ अजित 2012 में संगठन में शामिल हुआ था। 2021 में उसने संगठन छोड़ दिया और 2023 में पुलिस के सामने जाकर सरेंडर कर दिया। वो पुलिस के लिए गोपनीय सैनिक के रूप में काम कर रहा था, इसलिए उसे मौत की सजा दे दी गई।
(Bureau Chief, Korba)