Sunday, November 24, 2024
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छत्तीसगढ़ : बम्लेश्वरी मंदिर के ट्रस्टी के घर मशीन से गिने नोट, कस्टम मिलिंग घोटाले में 18 घंटे चली कार्रवाई; कैश- दस्तावेज लेकर निकले ED के अफसर

राजनांदगांव: जिले के डोंगरगढ़ में शनिवार को बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और राइस एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल के घर ED की कार्रवाई 18 घंटे तक चली। शनिवार सुबह 5 बजे से शुरू हुई कार्रवाई रात 11 बजे तक चली। इसके बाद ED की टीम घर से कैश और दस्तावेज लेकर रवाना हो गई।

कस्टम मिलिंग घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय के अफसरों की टीम MH पासिंग और CG 04 पासिंग कार से अग्रवाल के डोंगरगढ़ और रायपुर स्थित घर पहुंची थी। देर रात स्थानीय पुलिस के साथ 2 सील बंद बैग लेकर ED के अधिकारी रायपुर के लिए रवाना हुए। बताया जा रहा है कि मनोज अग्रवाल के घर से बरामद हुए रुपए गिनने के लिए टीम को 2 मशीनें मंगवानी पड़ी थीं।

मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और राइस एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल के घर 2 गाड़ियों में पहुंची टीम।

मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और राइस एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल के घर 2 गाड़ियों में पहुंची टीम।

शनिवार सुबह 5 बजे ED ने शुरू की थी कार्रवाई

राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल को डोंगरगढ़ और रायपुर के खम्हारडीह स्थित आवास पर ED ने शनिवार सुबह 5 बजे कार्रवाई शुरू की थी। पूरे 18 घंटे चली कार्रवाई के दौरान दोनों ठिकानों पर कस्टम मिलिंग से जुड़े कई दस्तावेज खंगाले गए। ये कार्रवाई रात 11 बजे तक चली। हालांकि ये पता नहीं चल पाया है कि अग्रवाल के घर से कितनी रकम मिली है।

मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और राइस एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल

मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और राइस एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल

मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल के घर से बैग में कैश के साथ दस्तावेज भी ED की टीम अपने साथ ले गई है।

मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल के घर से बैग में कैश के साथ दस्तावेज भी ED की टीम अपने साथ ले गई है।

आइए आपको बताते हैं क्या है कस्टम मिलिंग घोटाला…

कमीशन के संबंध में सवाल-जवाब कर रही ED

ED का आरोप है कि मार्कफेड के अधिकारी और राज्य चावल मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मिलकर कस्टम मिलिंग घोटाले को अंजाम दिया है। इसके लिए अधिकारी और मिलर्स ने विशेष प्रोत्साहन राशि का दुरुपयोग किया है। करोड़ों की रिश्वत कमाने की साजिश रची है।

दो साल से चल रहा था खेल

कारोबारियों के अनुसार, मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी और उनके सहयोगियों का खेल दो साल से चल रहा था। इसके लिए पूरी टीम बनाई गई थी। टीम में मॉर्कफेड के अफसर और छत्तीसगढ़ स्टेट मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी भी शामिल थे। आरोप है कि कस्टम मिलिंग, डीओ काटने, मोटे धान को पतला करने, पतले धान को मोटा करने, FCI को नान में कंवर्ट करने का पैसा लिया जाता था।

अक्टूबर 2023 में ईडी ने कई अफसरों और राइस मिलर्स के ठिकानों पर छापा मारा था।

अक्टूबर 2023 में ईडी ने कई अफसरों और राइस मिलर्स के ठिकानों पर छापा मारा था।

इस तरह बनाया गया था वसूली का सिस्टम

ED की जांच में ये पाया गया कि, तत्कालीन जिला मार्केटिंग ऑफिसर प्रीतिका पूजा केरकेट्टा को मनोज सोनी ने रोशन चंद्राकर के माध्यम से निर्देश दिया था। इसमें कहा गया था कि उन्हीं राइस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाना है, जिन्होंने वसूली की राशि रोशन चंद्राकर को दे दी है।

किन राइस मिलर्स को भुगतान किया जाना है, इसकी जानकारी संबंधित जिले के राइस मिलर्स एसोसिएशन के जरिए मिलती थी। रोशन चंद्राकर जिन मिलर्स की जानकारी प्रीतिका को देता थे, उनका भुगतान कर बाकी मिलर्स की राशि रोक दी जाती थी।

कस्टम मिलिंग मामले में हुई भष्टाचार की जांच और मनोज सोनी की गिरफ्तारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने राइस मिलर्स को समंस जारी किया है। वहीं, एसोसिएशन से जुड़े कई लोगों ने ED दफ्तर पहुंच कर अपने बयान दर्ज कराए हैं। पूछताछ में सहयोग नहीं करने और समंस के बाद भी नहीं आने वाले अधिकारियों और एसोसिएशन से जुड़े लोगों को जल्द ही ED गिरफ्तार कर सकती है।




Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
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