Thursday, July 3, 2025

छत्तीसगढ़ : बलौदाबाजार में कलेक्टर-SP ऑफिस के सामने लगाया सफेद ध्वज, उपद्रवियों ने 75 बाइक, 20 कार, 2 दमकल वाहन फूंके; आगजनी में कई दस्तावेज खाक

Baloda Bazar: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में सतनामी समुदाय के प्रदर्शन के दौरान सोमवार को उपद्रवियों ने 75 बाइक, 20 कार और 2 दमकल वाहन को आग के हवाले कर दिया गया। लोगों ने कलेक्ट्रेट में खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ की। इसके बाद कुछ लोगों ने कलेक्ट्रेट में आगजनी की।

इससे कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर खाक हो गए। वहीं उपद्रवियों ने कलेक्टर कार्यालय के सामने स्थित ध्वजारोहण के पोल पर सफेद रंग का ध्वज लगा दिया था। मामले में अब तक पुलिस ने 150 लोगों को हिरासत में लिया है।

उपद्रवियों ने बलौदाबाजार में कलेक्टर कार्यालय के सामने ध्वजारोहण पोल पर सफेद ध्वज लगा दिया।

उपद्रवियों ने बलौदाबाजार में कलेक्टर कार्यालय के सामने ध्वजारोहण पोल पर सफेद ध्वज लगा दिया।

इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। इसमें पुलिसकर्मियों सहित कुछ लोग भी घायल हुए हैं। घटना की सूचना मिलने के बाद डिप्टी CM विजय शर्मा सोमवार देर रात घटनास्ठल पहुंचकर मौके का जायजा लिया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उपद्रवियों की गिरफ्तारी के आदेश जारी कर दिए हैं।

घटना की सूचना मिलने पर डिप्टी CM विजय शर्मा सोमवार देर रात घटनास्थल पहुंचे थे।

घटना की सूचना मिलने पर डिप्टी CM विजय शर्मा सोमवार देर रात घटनास्थल पहुंचे थे।

पहले तस्वीरों में देखिए उपद्रव…

कलेक्टर परिसर में आग लगाने से कई विभागों में रखे दस्तावेज जल गए। वहीं कई वाहनों को भी फूंक दिया गया है।

कलेक्टर परिसर में आग लगाने से कई विभागों में रखे दस्तावेज जल गए। वहीं कई वाहनों को भी फूंक दिया गया है।

दशहरा मैदान में प्रदर्शन के दौरान की तस्वीर।

दशहरा मैदान में प्रदर्शन के दौरान की तस्वीर।

पथराव के चलते कलेक्टर परिसर में कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। कई वाहनों को प्रदर्शनकारियों ने पलट दिया।

पथराव के चलते कलेक्टर परिसर में कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। कई वाहनों को प्रदर्शनकारियों ने पलट दिया।

कलेक्टर परिसर में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी है।

कलेक्टर परिसर में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी है।

फायर ब्रिगेड की ही गाड़ी को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया

फायर ब्रिगेड की ही गाड़ी को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया

कलेक्टर और SP ऑफिस का हाल, बवाल और आगजनी के बाद की तस्वीर

कलेक्टर और SP ऑफिस का हाल, बवाल और आगजनी के बाद की तस्वीर

IG और कमिश्नर को मौके पर भेजा गया
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उपद्रवियों की गिरफ्तारी के आदेश जारी कर दिए हैं। मौके पर IG और कमिश्नर को भेजकर रिपोर्ट तलब की गई है। इससे पहले CM ने इस मामले में उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और मुख्य सचिव व DGP को तलब किया।

जैतखाम तोड़ने से नाराज है समाज
जानकारी के मुताबिक, 15 मई की देर रात सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। जैतखाम तोड़े जाने के विरोध में समाज के हजारों लोग कलेक्ट्रेट के पास मौजूद दशहरा मैदान में कई दिन से प्रदर्शन कर रहे थे।

पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लोगों का आरोप है कि पकड़े गए लोग असली आरोपी नहीं हैं और पुलिस दोषियों को बचा रही है। सोमवार को प्रदर्शन के दौरान लोग इसी बात को लेकर उग्र हो गए। इसके बाद हालात बिगड़ते चले गए।

जानिए अब तक क्या हुआ…

  • 15 मई : सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया था।
  • 16 मई : सुबह लोगों को पता चला तो उन्होंने मौके पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
  • 17 मई : पुलिस में मामला दर्ज कर किया।
  • 19 मई : मानाकोनी बस्ती में समाज के लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चक्का-जाम किया था। इस दौरान समाज के गुरु और पूर्व मंत्री रुद्रकुमार ने कार्रवाई की मांग की, वहीं गुरु खुशवंत साहेब ने कांग्रेस सरकार में हुए प्रदर्शन की याद दिलाई।
  • 19 मई : पुलिस ने इस मामले में बिहार निवासी 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि नल-जल योजना कार्य में ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था। इसलिए शराब के नशे में आरोपियों ने तोड़फोड़ कर दी।
  • 20 मई : समाज के लोगों की बैठक हुई। इसमें कहा गया कि गलत आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। जो दोषी हैं, उन्हें पकड़ा जाए। वहीं आंदोलन की रूप रेखा तैयार हुई।
  • 21 मई : पुलिस और प्रशासन को दोषियों की गिरफ्तारी को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। इसके बाद से ही लगातार समाज के लोग आवेदन देकर जांच और कार्रवाई की मांग करते रहे।
  • 08 जून : कलेक्टर ने प्रशासनिक अफसरों, पुलिस अफसरों और समाज के लोगों के साथ शांति समिति की बैठक बुलाई। इसमें अपील की गई कि आंदोलन से बचें। साथ ही जांच में तेजी लाने की बात कही गई।
  • 09 जून: डिप्टी CM और गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच कराने के निर्देश दिए।
  • 09 जून : इसी दिन प्रशासन की अनुमति से कलेक्ट्रेट के पास दशहरा मैदान में समाज ने 10 जून को एक दिवसीय प्रदर्शन की अनुमति मांगी।
  • 10 जून : इसी प्रदर्शन के दौरान अचानक से लोग उग्र हो गए और बवाल बढ़ता चला गया।

पुलिस इंटेलिजेंस फेल
दशहरा मैदान में सोमवार को शांतिपूर्ण चल रहा प्रदर्शन दोपहर के बाद अचानक उग्र हो गया। हजारों की भीड़ कलेक्टर परिसर में घुस गई और तोड़फोड़ शुरू कर दी। इन प्रदर्शनकारियों में 70 प्रतिशत युवा थे। ये लोग CBI जांच की मांग कर रहे थे।

पुलिस-प्रशासन को प्रदर्शन को सूचना थी, लेकिन उन्हें लगा था कि सामान्य प्रदर्शन होगा। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस बल भी तैनात किया गया था। इसी दौरान समाज के लोग आक्रोशित होकर कलेक्ट्रेट का घेराव करने निकल गए। फिर बवाल बढ़ता चला गया।

SP बोले- भीड़ बेकाबू हुई, समझाने पर भी नहीं माने
SP सदानंद कुमार ने बताया कि समाज विशेष के लोगों को धरना-प्रदर्शन की इजाजत दी गई थी। उनकी ओर से शांतिपूर्वक करने का आश्वासन दिया गया था। अचानक हंगामा शुरू कर दिया और लोग बेकाबू हो गए। आगजनी और पथराव शुरू कर दिया।

दूसरे रास्ते से भी उपद्रवी आए और बैरिकेड तोड़कर कलेक्ट्रेट परिसर में घुस गए। बिल्डिंग को आग लगा दी। पथराव किया, इसके चलते कई पुलिसकर्मी और एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट घायल हो गए। इसके बाद भी उन्हें समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन वे नहीं माने और कलेक्ट्रेट के अंदर घुस गए।

SP ने बताया कि, शहर में भी कुछ जगह उपद्रव का प्रयास किया गया, लेकिन उन्हें कंट्रोल कर लिया गया। फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण हैं। आग पर काबू पा लिया गया है। पूरी घटना की वीडियो-फोटोग्राफी कराई गई है। इसके जरिए उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

गुरु रुद्र कुमार ने कहा- हिंसक झड़प नहीं होनी चाहिए थी

सतनामी समाज के गुरु कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके गुरु रुद्र कुमार ने दैनिक भास्कर से कहा कि यह घटना अप्रिय है। इस घटना की भी जांच होनी चाहिए। जैतखाम तोड़े जाने की घटना की CBI जांच की मांग का मैं समर्थन करता हूं। हिंसक झड़प नहीं होनी चाहिए थी, गुरु घासीदास हमें शांति का मार्ग बताते हैं। घटना की जांच करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।


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