Sunday, November 24, 2024
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Chhattisgarh : बिना डिग्री क्लीनिक चला रही थी महिला डॉक्टर, कई बड़े अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में कर चुकी हैं काम, स्वास्थ्य विभाग ने थमाया नोटिस

दुर्ग: जिले में प्रभा पटैरिया नाम की महिला डॉक्टर बिना डिग्री के अपना क्लीनिक संचालित कर रही थी। इतना ही नहीं उसने अपनी फर्जी डिग्री के आधार पर कई बडे़ निजी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज तक में सेवाएं दी और अभी भी दे रही हैं। इसकी जानकारी होने पर दुर्ग CMHO ने नर्सिंग होम एक्ट के तहत नोटिस जारी कर 3 दिन के भीतर जवाब मांगा है।

दुर्ग जिले के नर्सिंग होम एक्ट के नोडल अधिकारी डॉ. अनिल शुक्ला ने बताया कि उन्हें शिकायत मिली थी कि डॉ. प्रभा पटैरिया बिना वैध डिग्री के रूआबांधा बस्ती भिलाई में आकृति नाम से क्लीनिक का संचालन कर रही हैं।

डॉ. प्रभा पटैरिया द्वारा चलाया जा रहा अवैध क्लीनिक

डॉ. प्रभा पटैरिया द्वारा चलाया जा रहा अवैध क्लीनिक

किसी भी प्रकार की कोई मेडिकल की डिग्री नहीं

उनके पास किसी भी प्रकार की कोई मेडिकल की ऐसी डिग्री नहीं है, जिससे वो एलोपैथी का उपचार कर सकें। इसकी जानकारी उन्होंने सीएमएचओ दुर्ग जेपी मेश्राम और कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी को दी। इसके बाद उनके निर्देश पर एक टीम का गठिन किया गया।

आकृति क्लीनिक में छापेमारी

CMHO के निर्देश पर टीम ने 8 जून शनिवार को रूआबांधा जाकर आकृति क्लीनिक में छापा मारा। छापेमारी के दौरान डॉ. शुक्ला ने डॉ. प्रभा पटैरिया से क्लीनिक संचालन के लिए वैध दस्तावेज और डिग्री मांगी, लेकिन वो नहीं दे सकीं। बिना डिग्री के कोई भी व्यक्ति एलोपैथी पद्धति से चिकित्सीय सेवा का कार्य नहीं कर सकता है।

डॉ. अनिल शुक्ला, नोडल अधिकारी नर्सिंग होम एक्ट दुर्ग

डॉ. अनिल शुक्ला, नोडल अधिकारी नर्सिंग होम एक्ट दुर्ग

इसके बावजूद डॉ. पटैरिया बिना नर्सिंग होम एक्ट का लाइसेंस लिए लोगों को गलत जानकारी देकर उनका इलाज करती रहीं। नोटिस में पूछा गया है कि क्लीनिक के बोर्ड में खून और पेशाब जांच की सुविधा उलब्ध की जानकारी दी गई है। जब आपके पास नर्सिंग होम एक्ट का लाइसेंस नहीं है तो यह सुविधा किस लाइसेंस के तहत दी जा रही थी।

कई बड़े अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में भी कर चुकी हैं काम

डॉ. प्रभा बिना वैध डिग्री के चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल हॉस्पिटल, कोठारी नर्सिंग होम दुर्ग में काम कर चुकी हैं। कुछ समय पहले तक डॉ. पटैरिया श्रीशंकराचार्य मेडिकल कॉलेज में अपनी सेवाएं दे रही थीं, लेकिन जैसे ही उन्हें उनकी डिग्री के बारे में जानकारी मिली उनकी सेवाएं 16 जनवरी 2024 को समाप्त कर दी गईं।

डॉ. प्रभा पटैरिया वीवाय हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। साथ ही जिस प्रसूता के केस में वीवाय हॉस्पिटल को बंद किया गया है उसके उपचार के दौरान भी वो हॉस्पिटल में दिखीं थीं। नोटिस के माध्यम से डॉ. प्रभा से पूछा गया कि वो इन हॉस्पिटल में किस पद और किस प्रकार का चिकित्सीय कार्य कर रही थीं उसकी जानकारी दें।

बिना लाइसेंस संचालित हो रहा था क्लीनिक

डॉ. अनिल शुक्ला ने बताया कि डॉ. प्रभा पटैरिया ने सीएमएचओ कार्यालय से आकृति क्लीनिक चलाने के लिए नर्सिंग होम एक्ट का लाइसेंस नहीं लिया था। बिना लाइसेंस के क्लीनिक का संचालन करना नर्सिंग होम एक्ट के तहत दंडनीय अपराध है।

इसे देखते हुए उन्हें तत्काल क्लीन को बंद करने का आदेश दिया गया है। इतना ही नहीं उनके पास जो डिग्री थीं उनसे वे आयुर्वेदिक उपचार कर सकती थीं, लेकिन वो एलोपैथी पद्धति से इलाज कर रही थीं।

क्लीनिक के बोर्ड में गलत डिग्री का डिसप्ले

डॉ. प्रभा पटैरिया रूआबांधा में अवैध तरीके से आकृति क्लीन चलते हुए पाई गईं। इतना ही नहीं उन्होंने लोगों को गुमराह करने के लिए बोर्ड में अपनी योग्यता BSC, BAMS, PGDYN और MHA लिखी है। जब नर्सिंग होम एक्ट की टीम ने उनसे वो डिग्री मांगी वो उसे नहीं दे पाईं। इससे यह साबित होता है कि बिना वैध डिग्री के डॉ. प्रभा मरीज का उपचार कर उनकी जान जोखिम में डाल रहीं थीं।

इसके साथ ही उनके क्लीनिक में अभिषेक पटैरिया भी मरीजों का उपचार करते हुए पाए गए, जबिक उनके पास भी किसी प्रकार की कोई वैध डिग्री नहीं है। क्लीनिक में एलोपैथी दवाएं और इंजेक्शन रखे गए थे, जो कि मरीजों को दिए जा रहे थे।

वीवाय हॉस्पिटल में डॉ. प्रभा और डॉ. विश्वनाथ ने बुलाई थी प्रेस कॉन्फ्रेंस

वीवाय हॉस्पिटल में डॉ. प्रभा और डॉ. विश्वनाथ ने बुलाई थी प्रेस कॉन्फ्रेंस

प्रेस कांफ्रेस करके बुरी फंसी डॉक्टर

डॉ. प्रभा पटैरिया और वीवाय हॉस्पिटल के डॉक्टर विश्वनाथ ने कुछ दिन पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। उसमें उन्होंने नर्सिंग होम एक्ट के संचालक डॉ. अनिल शुक्ला के खिलाफ पैसे मांगने का आरोप और गलत कार्रवाई करने का आरोप लगाया था।

डॉ. अनिल शुक्ला ने नोटिस में यह लिखा है कि डॉ. प्रभा पटैरिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उन्होंने वीवाय में एक प्रसूता का इलाज किया है। उनसे पूछा गया कि जब उनके पास कोई वैध डिग्री नहीं है तो उन्होंने किस आधार पर प्रसूता का इलाज किया। उनकी इस गलती से उस महिला की जान भी जा सकती थी।

इसके साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर गलत आरोप लगाकर मीडिया को भ्रमित करने का काम किया गया। यह शासकीय कार्य में बाधा डालना और जनहित के खिलाफ है। उनसे पूछा गया है कि क्यों ना इस कार्य के लिए आपके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराते हुए नियमानुसार कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जाए।




Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
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