रायपुर: छत्तीसगढ़ के हर्बल्स उत्पाद का व्यापार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया है। साल 2021-22 के पहले नौ महीने में ही छत्तीसगढ़ हर्बल्स ब्रांड नेम से बेचे जा रहे उत्पाद से लगभग चार करोड़ 34 लाख रुपए के उत्पादों की बिक्री हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में वनवासियों को लघु वनोपजों और वनौषधियों के संग्रहण, प्रसंस्करण और मार्केटिंग के जरिए रोजगार और आय के साधन उपलब्ध कराने के काम में अच्छी सफलता मिल रही है।
आदिवासियों महिला स्व सहायता समूह और वनवासियों द्वारा तैयार किए जाने वाले हर्बल उत्पादों को अच्छा बाजार उपलब्ध कराने के लिए सभी जिलों में 30 संजीवनी केंद्र प्रारंभ किए गए है। बताया गया है कि छत्तीसगढ़ हर्बल्स, छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ की एक इकाई हैं। संघ 52 लघु वनोपज खरीदता है और 150 से अधिक मूल्य वर्धित उत्पादों का उत्पादन कर रहा है। छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने एक निजी फर्म को काम पर रखने से नए क्षेत्र खुले हैं।
अवनि आयुर्वेद प्राइवेट लिमिटेड को मार्च 2021 में हर्बल्स के अधिकृत वितरक के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने मार्केटिंग और ब्रांडिग करने उत्पाद को बाजार में उतारा। उन्होंने 9 माह में 15 डीलर नियुक्त किए। छत्तीसगढ़ हर्बल्स में अनाज, मसाले, कुकीज, पर्सनल केयर आइटम आदि जैसी नई उत्पाद श्रृंखला के जुड़ने से ग्राहकों को खरीदारी करने के लिए व्यापक रेंज मिली। ग्राहकों की सुविधा के लिए गिफ्ट हैंपर्स की प्रीमियम श्रृंखला बनाईं गई।
अमेजन और फ्लिपकार्ट में भी मौजूद
छत्तीसगढ़ हर्बल्स ने दुबई में अंतर्राष्ट्रीय गल्फ फूड फेस्टिवल, दिल्ली में इंटरनेशनल इंडसफूड इवेंट, दिल्ली में ट्राइबल फेस्टिवल, भोपाल में इंटरनेशनल हर्बल फेयर, छत्तीसगढ़ दिवाली हाट मेला, राज्योत्सव और मॉल में प्रदर्शनियों में भाग लिया। अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में छत्तीसगढ़ हर्बल्स मौजूद है।
सब्जी-फल के उत्पादन से बढ़ेगा सुपोषण: चौबे
कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि सब्जी और फल के उत्पादन को बढ़ावा देने से प्रदेश में सुपोषण बढ़ेगा। इसलिए उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने वाली योजनाओं पर फोकस करें। चौबे ने शाकंभरी बोर्ड के कार्यालय के उद्घाटन अवसर पर यह बातें कहीं। कृषि मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सब्जी-भाजी की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहन और योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए शाकंभरी बोर्ड का गठन किया गया है।
चौबे ने कहा कि छेरछेरा पर्व और शाकंभरी जयंती का छत्तीसगढ़ के जन-जीवन में विशेष महत्व है। यह समृद्ध दानशीलता और सामाजिक समरसता का पर्व है। दान देने और ग्रहण करने का यह पर्व छोटे-बड़े के भेदभाव और अहंकार की भावना को समाप्त करता है। उन्होंने उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित नदी-कछार योजना के माध्यम से किसानों को साग-सब्जी की खेती से जोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि क्लस्टर में उद्यानिकी फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
राज्य के अलग-अलग क्षत्रों में वहां के मौसम, जलवायु एवं मिट्टी के आधार पर उद्यानिकी की फसलों की खेती करना ज्यादा लाभप्रद होगा। सुराजी गांव योजना से बाड़ी कार्यक्रम के तहत राज्य में लगभग 2 लाख बाड़ियां विकसित हुई हैं। इस अवसर पर शाकंभरी बोर्ड के अध्यक्ष रामकुमार पटेल, सदस्य दुखवाराम पटेल, अनुराग पटेल, हरि पटेल, पवन पटेल, उद्यानिकी संचालक माथेश्वरन वी, बोर्ड के सचिव नारायण सिंह लावत्रे आदि मौजूद थे।