Friday, August 22, 2025

छत्तीसगढ़ के युवक ने बैंगलुरू में की आत्महत्या… 7 मई को बहन की शादी में आने वाला था घर, 16 अप्रैल को पकड़नी थी ट्रेन

सरगुजा: जिला के सीतापुर थाना क्षेत्र के रहने वाले युवक ने बैंगलुरू में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वो वहां कपड़ा फैक्ट्री में मजदूरी करता था। 7 मई को उसकी बहन की शादी होनी थी और घर आने के लिए उसने 16 अप्रैल की ट्रेन टिकट बुक कराई थी।

जानकारी के मुताबिक, सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम पेंट निवासी खिजर खान (30 वर्ष) रोजगार की तलाश में अपने 2 दोस्तों के साथ 5 साल पहले बैंगलुरू गया था। यहां वे सभी कपड़े की एक फैक्ट्री में मजदूरी करते थे।सभी युवक अलग-अलग किराए के मकान में रहते थे। शनिवार की सुबह खिजर के एक दोस्त ने परिजन को फोन कर कहा कि उसने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। अचानक मौत की खबर सुनते ही परिजन सदमे में आ गए। परिजनों ने शव छत्तीसगढ़ मंगवाने के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। शव वापस लाने की पहल जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है।

मृत युवक खिजर खान का सरगुजा के सीतापुर थाना क्षेत्र में स्थित घर।

मृत युवक खिजर खान का सरगुजा के सीतापुर थाना क्षेत्र में स्थित घर।

मृत युवक की मां ने बताया कि 14 अप्रैल को बेटे से आखिरी बार बात हुई थी, जिसमें उसने बताया था कि 16 अप्रैल को उसकी ट्रेन है। इसी बीच 15 अप्रैल को उसके दोस्तों ने मोबाइल पर घरवालों को जानकारी दी कि उसने आत्महत्या कर ली है और उसका शव फंदे पर झूलता हुआ पाया गया है। बेटी के शादी से पहले बेटे की मौत की खबर सुनकर माता-पिता सदमे में हैं।

मां ने रोते हुए बताया बहन की शादी में आने वाला था घर

मृतक खिजर खान मां-बाप का बड़ा बेटा था। उसके सहारे ही परिवार का भरण-पोषण हो रहा था। मां सईदा खातून ने बताया कि बेटे से शुक्रवार की रात को काफी देर तक बात हुई थी। 7 मई को उसकी बहन की शादी है। वह शादी में शामिल होने के लिए ट्रेन का रिजर्वेशन भी करा चुका था। ये समझ से परे है कि आखिर उसने आत्महत्या क्यों की। मां ने बताया कि 14 अप्रैल को हुई बातचीत से कहीं से भी ऐसा नहीं लगा था कि वो परेशान है या फिर आत्महत्या जैसा ख्याल उसके मन में भी है। उसने बिल्कुल सामान्य बातचीत की थी और बहन की शादी में घर आने की तैयारी कर रहा था।

शव मंगाने की जा रही पहल

सीतापुर एसडीओपी ध्रुवेश जायसवाल ने बताया कि मृतक के शव को वापस मंगाने की पहल की जा रही है। बैंगलुरू के एचएसओ से बात हुई है। शव को सौंपने के लिए वारिस की जरूरत पड़ती है। शव लेने के लिए मृतक के दोस्त मुस्तफा से बात हुई है। वहां की सारी प्रक्रिया पूरी कर शव मुस्तफा को सौंप दिया जाएगा।



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