Thursday, March 28, 2024
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BCC News 24: CG न्यूज़- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डेयरी योजना के 25 हितग्राहियों को वितरित की 13.63 लाख रूपए अनुदान राशि

  • हितग्राहियों ने मुख्यमंत्री से वर्चुअल चर्चा के दौरान दिया धन्यवाद

रायपुर: राज्य में दुग्ध उत्पादन एवं डेयरी के व्यवसाय को बढ़ावा देेने के लिए राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत सामान्य वर्ग के हितग्राहियों को इकाई लागत का 50 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति तथा अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों को दो तिहाई अनुदान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में इस योजना के तहत गौठानों में डेयरी स्थापित करने वाले 25 हितग्राहियों को 13 लाख 63 हजार 500 रूपए की अनुदान सहायता राशि उनके बैंक खातों में अंतरित की। 

अनुदान
राशि

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि गांवों में उत्पादित होने वाले दूध का वितरण आंगनबाड़ी और स्कूलों के मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम में किया जाना चाहिए। जिससे बच्चों का कुपोषण दूर होगा और दूध उत्पादकों को भी अच्छा मूल्य मिल सकेगा। उन्होंने इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कांकेर जिले के पोटगांव गौठान, कोण्डागांव के बोलबोला गौठान, बलौदाबाजार के पुरैना खपरी गौठान, दुर्ग के मोहलई गौठान एवं रायगढ़ के बनसियां गौठान में डेयरी चलाने वाले हितग्रहियों से चर्चा कर उन्हें राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई अनुदान राशि, दूध का गांवों में मिल रहे रेट, पशुओं के लिए चारे-पानी की व्यवस्था की जानकारी ली। 

डेयरी व्यवसाय से जुड़ी कांकेर जिला के पोटगांव गौठान के स्व-सहायता समूह की हितग्राही श्रीमती प्यारी टांडिया, श्रीमती भोज बेलोदिया, श्रीमती प्रेमिता भेड़िया और श्रीमती अंजू कुल्हरिया को भी आज अनुदान राशि प्राप्त हुई। प्रत्येक हितग्राही को 70 हजार रूपये की लागत के जर्सी नस्ल की दुधारू गाय एवं बछड़ा दिया गया है, जिसके लिए पशुधन विकास विभाग के मद से 46 हजार 620 रूपये और शेष राशि डीएमएफ मद से अनुदान में दी गई है। गाय-बछड़ा के लिए तीन महीने का दाना भी दिया गया है। दुधारू गाय प्राप्त होने से हितग्राही महिला श्रीमती अंजू कुल्हारिया ने खुशी का ईजहार करते हुए कहा कि प्रतिदिन 10 लीटर दूध मिलेगा जिसे कांकेर ले जाकर बेचेंगे तथा गाय के गोबर को अपने गांव के गौठान में बेचकर आमदनी प्राप्त करेंगे। राज्य शासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि उनके द्वारा गाय-बछड़े की अच्छी तरह देखभाल की जायेगी।

पोटगांव गौठान में उपस्थित संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी ने गौठान में संचालित विभिन्न गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने गोधन न्याय योजना के एक हितग्राही श्री जनक राम साहू का परिचय कराते हुए यह जानकारी दी कि श्री साहू ने गोबर बेचकर 65 हजार रूपए की आय अर्जित की है, जिससे उन्होंने अपना घर बनाना शुरू किया है। अभी उन्हें गोबर बेचने के एवज में 25 हजार रूपए की राशि और प्राप्त होगी। श्री सोरी ने बताया कि गौठान में 40 स्व-सहायता समूह जुड़े हैं। 

कोण्डागांव जिले के बोलबोला ग्राम स्थित गोठान के ग्रामीण भी इस कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े थे। बोलबोला में 05 हितग्राहियों को 46-46 हजार अनुदान पर दुधारू गायें प्रदान की गई हैं। इस अवसर पर हितग्राही दयासर मण्डावी ने मुख्यमंत्री श्री बघेल से बात करते हुए बताया कि उनके द्वारा 50 हजार रूपयों की गाय ली गई थी। जिस पर उन्हें 46 हजार का अनुदान प्राप्त हुआ है। जिससे उन्हें प्रतिदिन 12 लीटर दूध प्राप्त हो रहा है। जिसे वे घर के बच्चों को पिलाने के बाद बचे अतिरिक्त दूध को घर-घर जाकर बेच रहे हैं। जिसके लिए उन्हें 50 रूपये प्रति लीटर प्राप्त हो रहे हैं, उन्होंने मुख्यमंत्री को राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत् गाय प्रदान करने हेतु धन्यवाद भी ज्ञापित किया। जिस पर मुख्यमंत्री ने दयासर को डेयरी के माध्यम से उन्नति करने हेतु बधाई दी। इस योजना में दयासर मण्डावी के अलावा पिलुराम मण्डावी, चेतमनी कोर्राम, मनीराम नेताम, चमरू मण्डावी को अनुदान पर गाय प्राप्त हुई हैं।

रायगढ़ जिले के बनसियां ग्राम से भी डेयरी उद्यमिता के लाभार्थी कार्यक्रम में जुड़े। इनमें से एक हितग्राही डोलनारायण सारथी ने अपने अनुभव मुख्यमंत्री श्री बघेल से साझा करते हुए कहा कि उन्हें दो जर्सी गाय मिली हैं। जिनसे 18 से 20 लीटर दूध मिल रहा है। जिसे बेचकर वो कमाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे 30 रूपए लीटर में दूध बेच रहे हैं। नारायणी महिला स्व-सहायता समूह की ओर से सदस्य कृष्णा चौधरी ने समूह के कामकाज के बारे में मुख्यमंत्री श्री बघेल को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समूह की महिलाएं गौठान में गोबर खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, बाड़ी विकास और मुर्गी पालन के काम से आय अर्जित कर रही हैं। महिलाओं ने आटा चक्की भी लगाई है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने महिला समूह को बेहतर कार्य करने के लिए अपनी शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में रायगढ़ जिले के 6 हितग्राहियों को अनुदान राशि के चेक सौंपे गए। इन हितग्राहियों को जर्सी नस्ल की गाय दी गयी है। जिसकी कीमत 1 लाख 40 हजार रुपये जोड़ी है। योजना के प्रावधानों के तहत हितग्राहियों को 66.66 प्रतिशत का अनुदान प्रदान किया गया। जिसके अंतर्गत अनुदान राशि 93 हजार 200 रुपये के चेक सभी 6 हितग्राहियों को दिए गए। जिनमें डोलनारायण सारथी, मंगलू सारथी, नंदराम सारथी, सेतराम सारथी, रविन्द्र सारथी, भगउराम सारथी को चेक प्रदान किया गया। 

बलौदाबाजार जिले के पुरैना-खपरी गौठान के डेयरी व्यवसाय से जुड़े श्री कुमार साहू ने बताया कि गाय खरीदने उन्हें 35 हजार रूपए की छूट मिली। एक दिन में 12 लीटर दूध होता है। जिसका 30 से 35 रूपए रेट मिलता है। इस गौठान के तीन हितग्राहियों श्री कुमार साहू, श्री रामप्रसाद यादव और श्री घसिया राम धु्रव को गाय के लिए कुल 01 लाख 16 हजार 500 रूपए का अनुदान दिया गया है। 

दुर्ग जिले के मोहलई गौठान में 5 हितग्राहियों श्रीमती दुर्गा बाई, श्रीमती ममता, श्रीमती पुष्पा बाई कुंभकार, श्रीमती हेमलता और श्रीमती रामप्यारी को कुल 01 लाख 86 हजार 600 रूपए अनुदान राशि मिली है। सरस्वती समूह की एक हितग्राही ने बताया कि उन्हें 5 गाय दी गई हैं। गाय एक दिन में 10 से 15 लीटर दूध देती हैं। गांव में 40 रूपए लीटर में वे लोग दूध बेचते हैं। 

गौरतलब है कि राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना वर्ष 2019 से संचालित की जा रही है। योजना में इच्छुक हितग्राहियों को उन्नत देसी नस्ल अथवा उच्च संकर नस्ल की दो दुधारू गाय अथवा भैंस देने का प्रावधान है। डेयरी इकाई की लागत एक लाख 40 हजार रूपए है जिसमें सामान्य एवं अन्य पिछड़े वर्ग के हितग्राहियों को 70 हजार रुपए का अनुदान देने का प्रावधान है। योजना में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के हितग्राहियों को 93 हजार 200 रूपए का अनुदान दिया जाता है। 

मुख्यमंत्री ने आज राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के जिन 25 हितग्राहियों को अनुदान की राशि प्रदान की, उनमें 7 हितग्राही भूमिहीन, 8 हितग्राही राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लाभार्थी एवं 10 हितग्राही स्व सहायता समूह के सदस्यों के परिवार के हैं। गौठानों में डेयरी व्यवसाय प्रारंभ करने से हितग्राहियों के दुधारू पशुओं को हरा चारा, सूखा चारा की निःशुल्क उपलब्ध होगा, जिससे पशुपालन के व्यय में कमी आएगी और वह दूध एवं गोबर का विक्रय कर ज्यादा लाभ प्राप्त कर सकेंगे।

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