रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को छत्तीसगढ़ से जुड़े मसलों को लेकर दो पत्र लिखे हैं। जिसमें पहली चिट्ठी में सीएम भूपेश ने छत्तीसगढ़ की 6 हजार करोड़ की बकाया राशि केन्द्र से मांगी है,जबकि ODF के बावजूद प्रदेश के 15 लाख परिवारों के शौचालय रहित होने पर निर्माण प्रोत्साहन राशि 12 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रुपए करने की मांग की है। सीएम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे गए पहले पत्र में भारत सरकार की लंबित देनदारी की ओर ध्यान आकर्षित किया है। इस पत्र में सीएम ने लिखा है कि वर्तमान स्थिति में भारत सरकार/भारतीय खाद्य निगम के स्तर पर राज्य की एजेन्सियों की लम्बित देनदारियां लगभग 6,000 करोड़ रूपये की हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि केंद्रीय पूल में राज्य सरकार की ओर से जमा चावल के बाद बचे शेष धान के निराकरण में भी राज्य सरकार को बड़ी हानि उठानी पड़ती है, जिसकी भरपाई भारत सरकार नहीं कर रही है। इससे राज्य सरकार को अतिरिक्त आर्थिक भार वहन करना पड़ता है।
इस पत्र में सीएम भूपेश बघेल ने पीएम से छत्तीसगढ़ की बकाया राशि देने की बात कही है।
उन्होनें पीएम मोदी से इस पत्र में कहा है कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुये संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करें कि वे राज्य की एजेन्सियों की लम्बे समय से लम्बित सभी बकाया राशि की समय-सीमा निर्धारित करें और राज्य के विधिक क्लेम की राशि जल्द राज्य सरकार को भेजने के लिए जरूरी कार्यवाही करें।
सीएम ने अपने दूसरे पत्र में किया इन बातों का किया उल्लेख
दूसरे पत्र में सीएम भूपेश बघेल ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर चिंता जताई है कि पिछली सरकार द्वारा राज्य को ODF घोषित किए जाने के बावजूद 15 लाख परिवार शौचालय की सुविधा से वंचित हैं। बघेल ने इन परिवारों को यह सुविधा उपलब्ध कराने की मांग प्रधानमंत्री से की है। साथ ही कहा है कि उन्नत शौचालय निर्माण की प्रोत्साहन राशि 12000 रुपए प्रति परिवार से बढ़ाकर 30000 रुपए की जानी चाहिए। उन्होंने दुर्गम इलाकों में ऐसे शौचालयों का निर्माण ग्राम पंचायतों के माध्यम से स्वीकृत करने का अनुरोध किया है।
दूसरे पत्र में मुख्यमंत्री ने शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्साहन राशि 30 हजार रुपए करने की मांग की है।
सीएम भूपेश ने पत्र में लिखा है कि भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के तत्वावधान में कराये गये राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 6 (2019-21 ) में यह पाया गया है कि छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्रों में 88.2 प्रतिशत परिवार और ग्रामीण क्षेत्रों के 73.5 प्रतिशत परिवार उन्नत शौचालय सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। इस तरह राज्य के कुल परिवारों में से 76.8 प्रतिशत परिवार शौचालय की सुविधा का उपयोग कर रहे हैं और 23.2 प्रतिशत परिवार इस सुविधा से वंचित हैं। पिछले महीने राज्य सरकार के सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के दौरान शौचालयों के भौतिक सत्यापन से राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के जारी आंकड़ों की पुष्टि होती है। पत्र में उन्होंने आगे कहा है कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में राज्य में 32 लाख से अधिक शौचालय बने थे और जनवरी 2018 में संपूर्ण राज्य को ODF घोषित किया गया था। शौचालयों के निर्माण में लगभग 4,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि हुई थी। इतना खर्च करने के बाद भी राज्य के लगभग 15 लाख परिवारों को वर्तमान में शौचालय की सुविधा नहीं मिल पाना चिंता और जांच का विषय है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को पत्र के जरिए अनुरोध करते हुए लिखा है कि भारत सरकार के प्रशासकीय विभाग, खुद तीसरे पक्ष से वस्तुस्थिति की जांच करें और राज्य की भौगोलिक और जनांकिकीय स्थिति को ध्यान में रखते हुये जिन घरों में शौचालय नहीं है वहां प्रति परिवार प्रोत्साहन राशि को 12,000 रू की जगह 30,000 रू करते हुए राशि स्वीकृत करें। अतिवाद प्रभावित और दुर्गम क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों के माध्यम से शौचालय निर्माण की सहमति दी जाये।