जांजगीर: अपनी चार साल की बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले अपने रिश्तेदार के खिलाफ जिस बाप ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वही बाप अपनी बेटी के दर्द का समझौता कर गया। कोर्ट में गवाही के दौरान वह अपने बयान व रिपोर्ट से मुकर गया। उसने कोर्ट में बयान दिया कि उसने आरोपी से समझौता कर लिया है और कोई सजा नहीं चाहता। उसके इस बयान के बाद कोर्ट ने उसके लिए पक्षद्रोही शब्द का प्रयोग किया है। पिता के अपनी रिपोर्ट व बयान से मुकरने के बाद भी पुलिस ने अपनी विवेचना व डॉक्टरी परीक्षण व साइंटिफिक जांच से यह साबित कर दिया कि आरोपी ने चार साल की मासूम के साथ दुष्कर्म किया था।
इसलिए विशेष न्यायाधीश पॉक्सो खिलावन राम रिगरी ने आरोपी को सजा देते समय लिखा है कि अभियुक्त का शेष प्राकृत जीवन काल के लिए कारावास होगा। आरोपी को 50 हजार जुर्माना किया है। चार साल के मासूम के साथ हैवानियत की यह घटना 22 अगस्त 21 की रात हुई थी। इस दिन रक्षाबंधन का त्योहार था। पीड़िता का पिता रिश्तेदार के घर गया था। वह अपने साथ अपनी बेटी को भी ले गया। पीड़िता की रिश्तेदार ने धनंजय भारद्वाज से प्रेम विवाह किया था। रात में पीड़िता की रिश्तेदार का पति से विवाद होने पर वह बच्चों के साथ देवर के घर चली गई। घर में आरोपी धनंजय और पीड़िता तथा उसके पिता थे। दोनों ने शराब पी और शराब पीने के लिए धनंजय ने रिश्तेदार को शराब लाने के लिए भेज दिया। उसके जाने के बाद धनंजय ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। उसी दौरान उसका रिश्तदेार लौटा तो पीड़िता ने घटना की जानकारी दी। पामगढ़ में थाना प्रभारी ओमप्रकाश कुर्रे ने इस मामले में गंभीरता से विवेचना व साक्ष्य संकलित किया।
खुद ही गया था रात में रिपोर्ट लिखाने
रात में ही आरोपी का रिश्तेदार अपनी बेटी को लेकर पामगढ़ थाना रिपोर्ट लिखाने गया था। पुलिस ने अपराध दर्ज कर घटना स्थल को सील किया और आरोपी को पकड़ भी लिया था। दूसरे दिन पीड़िता का मुलाहिजा हुआ। डॉक्टर्स ने घटना की पुष्टि की थी।
आरोपी ने खुद को शुगर पेशेंट बता अक्षम बताया
आरोपी धनंजय भारद्वाज ने कोर्ट में खुद को शुगर पेशेंट बताते हुए संभोग करने में अक्षम बताया था, लेकिन वह इसके लिए साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सका। जांच करने वाले पामगढ़ सीएचसी के डॉक्टर ने उसे शारीरिक रूप से संभोग के लिए सक्षम बताया ।
आरोपी पीड़िता के पिता का रिश्तेदार इसलिए मुकरा कोर्ट में
आरोपी धनंजय भारद्वाज पीड़िता के रिश्तेदार का पति है। जिस दिन घटना हुई तब उसने कड़ी सजा की मांग की थी, लेकिन समय बीतने पर वह मुकरने लगा। कोर्ट में उसने यह माना कि आरोपी उसका रिश्तेदार है, इसलिए वह सजा नहीं चाहता, पर वह अपने रिश्तेदार को बचा नहीं सका। पैरवीविशेष लोक अभियोजक पॉक्सो चंद्रप्रताप सिंह ने की।