Tuesday, June 24, 2025

कोरोना वायरस: 12 दिन में 3000 से ज्यादा एक्टिव केस कम हुए, संख्या घटकर 4089 पहुंची, बीते 24 घंटे में 3 की मौत,7 नए मामले सामने आए; डॉक्टर बोले- अब कोविड गंभीर बीमारी नहीं

नई दिल्ली: देशभर में कोरोना वायरस के केस बीते 2 हफ्ते से घट रहे हैं। 12 दिन में 3000 से ज्यादा एक्टिव केस कम हुए हैं। 12 जून को देशभर में 7131 एक्टिव केस थे, जिनकी संख्या घटकर 4089 पहुंच गई है। बीते 24 घंटे में केवल 7 नए मामले सामने आए हैं। 336 मरीज रिकवर हुए हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कोरोना के नए वैरिएंट से जनवरी 2025 से अब तक 127 की मौत हुई है। बीते 24 घंटे में 3 मरीजों ने जान गंवाई है। सबसे ज्यादा 40 मौतें केरल में हुई हैं। वहीं महाराष्ट्र में 33 लोगों की जान गई है।

मैक्स साकेत हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ रोमेल टिक्कू ने कहा- अब कोविड एक एंडेमिक (स्थायी रूप से मौजूद) बीमारी है। यह अब कोई बड़ी या गंभीर खतरे वाली बीमारी नहीं रह गई है। हर किसी को बुखार, खांसी या सर्दी होने पर कोविड टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है।

राज्यों से कोरोना अपडेट…

  • उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए सावधानी बरतने का निर्देश जारी किया है। प्रमुख स्वास्थ्य अधिकारियों ने सभी अस्पतालों को जरूरी दवाएं, पीपीई किट, जांच सुविधाएं, आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, आईसीयू और वेंटिलेटर जैसी सुविधाओं को तैयार रखने को कहा है।
  • केरल: स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा के लक्षणों वाले मरीजों का इलाज करते समय जून 2023 में जारी की गई कोविड गाइडलाइन पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पतालों में सभी को मास्क लगाना अनिवार्य है। साथ ही ​​​​​​जुकाम, खांसी और बुखार जैसे लक्षण वाले मरीजों का कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है।
  • कर्नाटक: गुलबर्गा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ने में 25 बेड का कोविड वार्ड बनाया गया है। इनमें से पांच-पांच बेड ICU (वेंटिलेटर समेत), हाई डिपेंडेंसी यूनिट और पांच प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए हैं। बाकी 10 नॉर्मल बेड हैं।

भारत में मिले कोविड-19 के 4 नए वैरिएंट

भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG , JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं।

बाकी जगहों से नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है, ताकि नए वैरिएंट की जांच की जा सके। मामले बहुत गंभीर नहीं हैं, लोगों को चिंता नहीं, बस सतर्क रहना चाहिए।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने भी इन्हें चिंताजनक नहीं माना है। हालांकि, निगरानी में रखे गए वैरिएंट के रूप में कैटेगराइज किया है। चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है।

NB.1.8.1 के A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं। इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता।

भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं।

JN.1 वैरिएंट इम्यूनिटी कमजोर करता है​​​​​

JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं।

अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है।

JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।


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