Sunday, September 29, 2024




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BCC News 24: BIG न्यूज़- फ्री फायर की लत में बना ‘पागल’.. हैकर आया, हैकर आया चिल्लाते हुए वाहनों के सामने हाईवे पर दौड़ने लगा, रस्सी से बांधना पड़ा

राजस्थान: चित्तौड़गढ़ में एक युवक को ऑनलाइन गेम की ऐसी लत लगी है कि उसे रस्सी से बांधना पड़ा। फ्री फायर के चक्कर में वह पागलों जैसी हरकतें करने लगा। हाईवे पर वाहन चालकों को रोककर हैकर-हैकर चिल्लाने लगता। इस पर लोगों को उसे बांधकर रखना पड़ा। खोलते ही वह फिर भागने लगता है।

मामला चित्तौड़गढ़ के भदेसर इलाके का है। 22 साल का इरफान अंसारी कुछ दिन पहले ही छपरा(बिहार) से यहां आया था। युवक को घंटों फ्री फायर गेम खेलने की लत है। गुरुवार रात को जब वह गेम खेल रहा था तो अचानक उसका मोबाइल बंद हो गया। इसके बाद उसकी हालत पागलों जैसी हो गई। वह गेम की दुनिया से बाहर नहीं निकल सका। बार-बार हैकर आया, पासवर्ड चेंज और आईडी लॉक जैसे शब्द बोल रहा। रात भर उसे समझाया गया। मगर सुबह होते ही वह वापस सिक्स लेन हाईवे पर दौड़ने लगा। वाहन चालकों को रोककर आईडी हैक करने की बात कहने लगा। इससे उसके दोस्त पकड़कर लाए और एक खाट पर रस्सी से बांध दिया।

मोबाइल खराब होने से बिगड़ी हालत
बानसेन ग्राम पंचायत सरपंच कन्हैयालाल वैष्णव ने बताया कि मोबाइल खराब होने से युवक की मानसिक हालत बिगड़ गई। मोबाइल उसके हाथ में था। उसके बाद भी अन्य लोगों पर आरोप लगा रहा था कि मोबाइल किसी ने चोरी कर लिया। उसने कहा कि पीछे जो खेत है, वहां पर कोई बाइक वाला फसलें खराब कर रहा है। बाइक छुपा रखी है। मौके पर जाकर देखा तो कोई नहीं मिला।

हाईवे पर दौड़ रहा था युवक, लोग पकड़ कर लेकर आए।

हाईवे पर दौड़ रहा था युवक, लोग पकड़ कर लेकर आए।

पिता ने बिहार से बुलाया था
सरपंच ने बताया कि बिहार के छपरा निवासी मुस्लिम अंसारी ने 4 महीने से चित्तौड़गढ़-उदयपुर सिक्स लेन पर बजरंग होटल के बाहर दुकान लगा रखी है। वह अपने गांव छपरा गया हुआ है। उसने बिहार से अपने बेटे इरफान को यहां बुला लिया और दुकान संभालने के लिए कहा। 10 दिन से इरफान काम कर रहा था। युवक की तबीयत खराब होने पर उसके पिता को जानकारी दी गई है।

ऑनलाइन गेम खेलने वाले वर्चुअली अपनी एक दुनिया बना लेते
मनोचिकित्सक डॉ. मुकेश जाटोलिया का कहना है कि हम दिन भर जिस माहौल में रहते हैं, उसी में ढल जाते हैं। ऑनलाइन गेम खेलने वाले वर्चुअली अपनी एक दुनिया बना लेते हैं। धीरे-धीरे उनका इमोशन भी उस गेम से जुड़ने लगता है। उन्हें लगता है जो उस वर्चुअल दुनिया में हो रहा है। वह एक्चुअल में इनके साथ हो रहा है, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। सब कुछ काल्पनिक ही होता है। उसमें कई हिंसक चीजें दिखाई जाती है जो भड़काऊ होते है।

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