Tuesday, June 17, 2025
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साइप्रस ने PM मोदी को देश के सर्वोच्च सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III’ से नवाजा, अब तक 21 देश कर चुके सम्मानित

निकोसिया: साइप्रस ने सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III’ से नवाजा। राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने राष्ट्रपति भवन में उन्हें यह सम्मान दिया। मोदी दो दिन के दौरे पर साइप्रस पहुंचे थे।

मोदी ने कहा, ‘मैं साइप्रस सरकार का और साइप्रस के लोगों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। यह सिर्फ नरेंद्र मोदी का ही नहीं बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह उनकी क्षमताओं और आकांक्षाओं का सम्मान है। यह हमारी संस्कृति, भाईचारे और वसुधैव कुटुम्बकम की विचारधारा का सम्मान है।’

इससे पहले मोदी का प्रेसिडेंशियल पैलेस में स्वागत किया गया। इसके बाद दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच बैठक हुई। मोदी रविवार को साइप्रस पहुंचे थे। अब पीएम G7 समिट में हिस्सा लेने के लिए कनाडा रवाना हो गए हैं।

साइप्रस के राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस ने प्रेसिडेंशियल पैलेस में मोदी का सम्मान किया।

साइप्रस के राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलिडेस ने प्रेसिडेंशियल पैलेस में मोदी का सम्मान किया।

मोदी ने साइप्रस राष्ट्रपति को कश्मीरी कालीन भेंट की

मोदी ने राष्ट्रपति क्रिस्टोडुलाइड्स को कश्मीरी रेशमी कालीन भेंट की। यह गहरे लाल रंग में है, जिसमें भूरे और लाल किनारे हैं। पारंपरिक बेल-बूटों और ज्यामितीय आकृतियों की कलाकारी है। इसमें दोहरे रंग का खास प्रभाव है, जो देखने के कोण और रोशनी के अनुसार रंग बदलता लगता है। मानो एक कालीन में दो अलग-अलग डिजाइन हों।

पीएम ने साइप्रस की प्रथम महिला फिलिपा कारसेरा को एक सिल्वर कोटेट पर्स दिया। इसे आंध्र प्रदेश के कारीगरों ने बनाया है। इस पर मंदिरों और शाही कला से प्रेरित बारीक पुष्प डिजाइन उकेरे गए हैं।

राष्ट्रपति निकोस ने कहा- आतंकवाद के खिलाफ साइप्रस भारत के साथ खड़ा

  • पीएम मोदी और राष्ट्रपति निकोस ने जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, ‘हमने द्विपक्षीय संबंधों, भारत-यूरोपीय संघ के रिश्तों और IMEEC कॉरिडोर (India-Middle East-Europe Economic Corridor) पर भी बात की। साइप्रस-तुर्किये मुद्दे और साइप्रस के पुनःएकीकरण भी चर्चा में शामिल रहा। साइप्रस किसी भी तरह के आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है।
  • पीएम मोदी ने कहा, ‘लोकतंत्र में आपसी विश्वास हमारे संबंधों की मजबूत नींव है। भारत और साइप्रस के बीच रिश्ते न तो परिस्थितियों से बने हैं और न ही ये सीमित हैं। हम एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हैं।’

साइप्रस में मोदी-निकोस की मीटिंग, 4 बातें…

  • भारत-साइप्रस सीईओ फोरम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘पिछले एक दशक में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और बहुत निकट भविष्य में हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
  • साइप्रस लंबे समय से हमारा भरोसेमंद साझेदार रहा है और यहां से भारत में काफी निवेश हुआ है। कई भारतीय कंपनियां भी साइप्रस आई हैं और एक तरह से साइप्रस को यूरोप के प्रवेश द्वार के रूप में देखा है। आज आपसी व्यापार 150 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।
  • ऐसा 6 दशक बाद हुआ है कि भारत में लगातार तीसरी बार एक ही सरकार चुनी गई है। पिछले 10 सालों में डिजिटल क्रांति आई है। दुनिया में भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI की चर्चा है। साइप्रस को इसमें शामिल करने के लिए बातचीत चल रही है और मैं इसका स्वागत करता हूं।
  • हम भारत में भविष्य के बुनियादी ढांचे के विकास में सालाना 100 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर रहे हैं। इनोवेशन भारत की आर्थिक ताकत का एक मज़बूत स्तंभ बन गया है। हमारे 1 लाख से ज़्यादा स्टार्टअप सिर्फ सपने नहीं, समाधान बेचते हैं।’

मोदी के साइप्रस दौरे की तस्वीरें…

एयरपोर्ट पर वेलकम

साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस खुद पीएम मोदी को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचे।

साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस खुद पीएम मोदी को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचे।

पीएम मोदी का एयरपोर्ट पर रेड कार्पेट बिछाकर स्वागत किया गया। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।

पीएम मोदी का एयरपोर्ट पर रेड कार्पेट बिछाकर स्वागत किया गया। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।

भारतीय समुदाय से मुलाकात

पीएम मोदी ने साइप्रस के लिमासोल में होटल के बाहर भारतीय समुदाय से मुलाकात की। बच्चों को दुलार किया।

पीएम मोदी ने साइप्रस के लिमासोल में होटल के बाहर भारतीय समुदाय से मुलाकात की। बच्चों को दुलार किया।

साइप्रस में मोदी का स्वागत करने आए भारतीय समुदाय के लोगों ने ऑपरेशन सिंदूर लिखा हुआ पोस्टर लहराया।

साइप्रस में मोदी का स्वागत करने आए भारतीय समुदाय के लोगों ने ऑपरेशन सिंदूर लिखा हुआ पोस्टर लहराया।

बिजनेस बढ़ाने पर चर्चा

भारत-साइप्रस के बीच बिजनेस पार्टनरशिप को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की गई। पीएम मोदी भी बैठक में शामिल हुए।

भारत-साइप्रस के बीच बिजनेस पार्टनरशिप को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की गई। पीएम मोदी भी बैठक में शामिल हुए।

साइप्रस दौरे के पहले दिन 15 जून को पीएम मोदी ने भारत-साइप्रस सीईओ फोरम में हिस्सा लिया।

साइप्रस दौरे के पहले दिन 15 जून को पीएम मोदी ने भारत-साइप्रस सीईओ फोरम में हिस्सा लिया।

मोदी का राष्ट्रपति भवन में स्वागत

साइप्रस की राजधानी निकोसिया में राष्ट्रपति निकोस ने प्रेसिडेंशियल पैलेस में मोदी का स्वागत किया।

साइप्रस की राजधानी निकोसिया में राष्ट्रपति निकोस ने प्रेसिडेंशियल पैलेस में मोदी का स्वागत किया।

पीएम मोदी ने निकोसिया में राष्ट्रपति भवन में आर्कबिशप मकारियोस तृतीय की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

पीएम मोदी ने निकोसिया में राष्ट्रपति भवन में आर्कबिशप मकारियोस तृतीय की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

मोदी साइप्रस जाने वाले तीसरे भारतीय पीएम

मोदी साइप्रस जाने वाले तीसरे भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले 1983 में इंदिरा गांधी और 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी ने इस देश का दौरा किया था।

भारत और साइप्रस के कूटनीतिक रिश्ते हमेशा मजबूत रहे हैं, लेकिन इतने उच्चस्तरीय दौरे बहुत कम हुए हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2018 में और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 2022 में साइप्रस का दौरा किया था।

साल 2002 में तब के प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने साइप्रस का दौरा किया था।

साल 2002 में तब के प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने साइप्रस का दौरा किया था।

पीएम की यात्रा के 4 मकसद, चीन और तुर्किये को संदेश

1. IMEC कॉरिडोर में भागीदारी: साइप्रस भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर (IMEC) का हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट के जरिए भारत से यूरोप तक ऊर्जा और व्यापारिक रिश्ते मजबूत होंगे। इसमें यूएई, सऊदी अरब, इजराइल और यूरोपीय संघ के देश शामिल हैं।

अमेरिका ने भी इस पहल को चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के जवाब में समर्थन दिया है। वहीं, साइप्रस और ग्रीस ने मिलकर इस साल ‘ग्रीस-इंडिया बिजनेस काउंसिल’ की शुरुआत की है।

2. पाकिस्तान का साथ देने पर तुर्किये को संदेश: तुर्किये और साइप्रस के बीच 1974 से विवाद चल रहा है। तुर्किये ने 1974 में साइप्रस के एक भाग पर अवैध कब्जा करके नॉर्थ साइप्रस नाम दिया था। वह लगातार पाकिस्तान के साथ मिलकर ‘नॉर्थ साइप्रस’ को मान्यता दिलाने की कोशिश कर रहा है।

पाकिस्तान ने भी हाल ही में कश्मीर के मुद्दे पर ‘नॉर्थ साइप्रस’ का जिक्र किया, जिससे साइप्रस सरकार नाराज है। तुर्किये ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के समय पाकिस्तान का समर्थन किया था। मोदी का दौरा इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।

3. कश्मीर मुद्दे पर भारत के साथ: साइप्रस 2026 में यूरोपीय यूनियन की परिषद की अध्यक्षता करने वाला है। साइप्रस ने कश्मीर मुद्दे पर हमेशा भारत का समर्थन किया है और POK से आने वाले आतंकवाद के खिलाफ भी EU में भारत के पक्ष में बात उठाने का वादा किया है। वहीं, भारत ने साइप्रस को 1960 में स्वतंत्रता मिलने के तुरंत बाद मान्यता दी थी। 1962 में राजनयिक रिश्ते बने।

4. UN और NSG में भारत का समर्थन: साइप्रस भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्यता, न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (NSG) और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) सदस्यता के लिए खुलकर समर्थन करता आया है।

वहीं, भारत ने हमेशा अलग-अलग इंटरनेशनल मंचों पर साइप्रस की संप्रभुता और तुर्किये के अवैध कब्जे वाले क्षेत्र के पुनर्मिलन का समर्थन किया है। भारतीय जनरल केएस थिम्मैया, पीएस ग्यानी और डीपी चंद UN शांति मिशन में कमांडर रहे। जनरल थिम्मैया का 1965 में साइप्रस में निधन हुआ था, उन्हें वहां बड़े सम्मान से याद किया जाता है।

5. ऑपरेशन सुकून में साइप्रस ने साथ दिया: साइप्रस ने 2006 में लेबनान युद्ध के दौरान वहां फंसे भारतीयों को निकालने में अहम रोल निभाया था। इंडियन नेवी ने इसे ‘ऑपरेशन सुकून’ नाम दिया था। इसी तरह 2011 में लीबिया गृहयुद्ध के दौरान भारतीयों को बाहर निकालने में मदद की थी। इसे ‘ऑपरेशन सेफ होमकमिंग’ नाम दिया था।

ऑपरेशन सुकून के दौरान भारतीयों को लेबनान से सुरक्षित निकालकर साइप्रस लाया गया था, जहां से उन्हें भारत लाया गया।

ऑपरेशन सुकून के दौरान भारतीयों को लेबनान से सुरक्षित निकालकर साइप्रस लाया गया था, जहां से उन्हें भारत लाया गया।

अब जानिए साइप्रस के बारे में

साइप्रस, पूर्वी भूमध्य सागर (मेडिटेरेनियन सी) पर ग्रीस के पूर्व, लेबनान, सीरिया और इसराइल के पश्चिम, मिस्र के उत्तर और तुर्की के दक्षिण में स्थित एक यूरेशियन द्वीप देश है। इसकी राजधानी निकोसिया है। मिस्र से इसकी दूरी 300 किमी है।

  • 1960: ब्रिटेन से आजादी मिली। बहुसंख्यक ग्रीक और अल्पसंख्यक तुर्की समुदायों के बीच तनाव बढ़ा। ग्रीक चाहते थे कि साइप्रस को ग्रीस से साथ मिले, जबकि मुस्लिम तुर्किए के साथ जाना चाहते थे।
  • 1964: तुर्किए और ग्रीक समुदाय में जंग छिड़ गई। इसे कोकिना की लड़ाई कहा जाता है। इसके बाद UN ने कोकिना में शांति बनाए रखने के लिए एक स्पेशन फोर्स तैनात की। UN ने ग्रीक और तुर्किए इलाकों के बीच एक ‘ग्रीन लाइन’ बनाया।
  • 1974: साइप्रस में सेना ने देश को ग्रीस से मिलाने के लिए तख्तापलट कर दिया। इसके बाद तुर्किये ने साइप्रस के उत्तरी हिस्से में सेना भेज दी और एक तिहाई इलाके पर कब्जा कर लिया।
  • 1975: साइप्रस दो हिस्सों में बंट गया। साइप्रस और उत्तरी साइप्रस।
  • 1983: तुर्किये ने उत्तरी साइप्रस को देश का दर्जा दिया। हालांकि और किसी देश ने मान्यता नहीं दी। यहां की राजधानी लेफकोशा है।साइप्रस की राजधानी निकोसिया है।

PM मोदी का अगले 3 दिनों का शेड्यूल

16-17 जून: कनाडा में G7, मोदी लगातार छठी बार शामिल होंगे

पीएम कनाडा के अल्बर्टा प्रांत के कनानास्किस में आयोजित G7 समिट में हिस्सा लेंगे। भारत को यह न्योता समिट शुरू होने के ठीक 10 दिन पहले मिला था।

पीएम मोदी की कनाडा के पीएम मार्क कार्नी के साथ यह पहली मुलाकात होगी। जनवरी 2025 में जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद 14 मार्च को मार्क कार्नी कनाडा के नए पीएम बने थे। जस्टिन ट्रुडो के वक्त भारत-कनाडा के संबंधों में खटास आई थी।

18 जून: क्रोएशिया, किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा

पीएम 18 जून को क्रोएशिया भी जाएंगे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली क्रोएशिया यात्रा होगी। वे क्रोएशिया की राजधानी जाग्रेब में पीएम आंद्रेज प्लेंकोविच से द्विपक्षीय बातचीत करेंगे और राष्ट्रपति जोरान मिलानोविच से भी मुलाकात करेंगे।

भारत और क्रोएशिया के बीच राजनयिक संबंधों की शुरुआत 9 जुलाई, 1992 से हुई। इसी दिन भारत ने क्रोएशिया को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी थी। तब से ही दोनों देशों के बीच मजबूत राजनयिक संबंध हैं।


Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
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