रायपुर: छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारियों के डीए में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी गई है। सीएम हाउस में आयोजित कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया है। इससे राज्य सरकार को प्रति वर्ष एक हजार करोड़ रूपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा।
इधर विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश भर में संविदा और स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा कर दिया है। कर्मचारियों के कई वर्ग हड़ताल पर हैं। ऐसे में सीएम बघेल का ऐलान काफी अहम माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर दी जानकारी।
भूपेश कैबिनेट के अहम फैसलें:-
- सरकारी कर्मचारियों को पूर्ण पेंशन की पात्रता अवधि को 33 साल से घटाकर 30 साल कर दिया गया है। इसके साथ ही स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति की अवधि 20 से घटाकर 17 साल कर दिया गया है।
- बस्तर और सरगुजा संभाग में शिक्षकों के रिक्त 3722 एवं सहायक शिक्षकों के 5577 पद भरने के लिए भर्ती नियमों में बदलाव किया गया है।
- राज्य सरकार द्वारा आम लोगों को सस्ते दरों पर आवास उपलब्ध कराने के लिए बाजार मूल्य की गाइडलाइन दरों को 30 प्रतिशत घटाया गया है।
- छत्तीसगढ़ में महिलाओं के सशक्तिकरण और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए औद्योगिक नीति 2019-24 में संशोधन किया गया है।
- 26 मार्च 2003 के बाद से नियुक्त किए गए सभी वन रक्षकों का वेतनमान 3050-4590 रुपए मान्य किए जाने का निर्णय लिया गया।
- बिरनपुर घटना में जिन लोगों की मौत हुई है, उनके परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी देने का निर्णय लिया गया है।
स्वास्थ्यकर्मियों की जारी है हड़ताल
प्रदेश में स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल चल रही है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है। नियमितिकरण को लेकर उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने संकेत दिए थे। फिलहाल सभी विभागों की जानकारी मंगाई गई है। सभी से चर्चा के बाद ही किसी निर्णय पर पहुंचेंगे।
बैठक से पहले डिप्टी सीएम का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री