रायपुर: संस्कृति तथा योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी मंत्री श्री अमरजीत भगत के विभागों से संबंधित 3259 करोड़ 53 लाख 64 हजार रूपए की अनुदान मांगे आज विधानसभा में ध्वनिमत से पारित कर दी गई है। सदन में पारित अनुदान मांगों में खाद्य, नागरकि आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण विभाग के व्यय के लिए 3064 करोड़ 6 लाख 14 हजार रूपए, संस्कृति विभाग से संबंधित व्यय के लिए 113 करोड़ 44 लाख 63 हजार रूपए तथा योजना, आर्थिक तथा सांख्यिकी विभाग से संबंधित व्यय के लिए 62 करोड़ 2 लाख 87 हजार रूपए शामिल हैं।
अनुदान मांगों पर चर्चा करते हुए मंत्री श्री भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य का पहचान धान के कटोरे के रूप में है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हमारी सरकार बनते ही गरीबों और किसानों के हित में नीतिगत फैसले लिए गए। आज किसान आर्थिक रूप सुदृढ़ हो रहे हैं। पहले किसान खेती-किसानी को घाटे का सौदा समझते थे और शहरों की ओर पलायन कर रहे थे। राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों के कारण पंजीकृत किसानों की संख्या बढ़कर लगभग 25 लाख हो गई है। खेती-किसानी छोड़ चुके किसान अब खेती की ओर पुनः लौटने लगे हैं।
खाद्य मंत्री श्री भगत ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पीडीएस तथा युनिवर्सल पीडीएस के जरिए अमीर-गरीब सभी को राशन देने का काम कर रही है। प्रदेश में 73 लाख से अधिक राशनकार्डधारियों को राशन वितरण किया जा रहा है। राज्य सरकार अब प्राथमिकता वाले राशनकार्डधारियों को उचित मूल्य दुकानों में फोर्टिफाइड चावल वितरण करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल के समय राज्य सरकार ने प्रवासी मजदूरों को भोजन उपलब्ध कराने के साथ-साथ ठहरने एवं चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम किया है।
अनुदान मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए श्री भगत ने यह भी कहा कि हमारी सरकार छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और पंरपरा को सहेजने का काम कर रही है। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य के माध्यम से छत्तीसगढ़ को देश और दुनिया में नई पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि संस्कृति विभाग द्वारा स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहन और महत्व दिया जा रहा हैं, इससे छत्तीसगढ़ के लोक-कलाकारों का मान बढ़ा है।