Saturday, April 20, 2024
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CG: 14 साल की बच्ची के रेपिस्ट का DNA मैच.. रायपुर में दुष्कर्म के बाद बालिका ने दिया था बच्चे को जन्म, 1 साल बाद युवक गिरफ्तार

छत्तीसगढ़: रायपुर में 14 साल की बच्ची से गैंगरेप का मामला उजागर हुआ था। एक बाल आश्रम में हुए इस कांड को करीब 1 साल तक दबाकर रखा गया था। मीडिया में खबर लीक होने के बाद पुलिस एक्शन में आई। इस केस में पिछले महीने एक युवक को पुलिस ने बिलासपुर से अरेस्ट किया था। अब DNA रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि इसकी वजह से बच्ची मां बन गई थी।

रायपुर ग्रामीण SP कीर्तन राठौर ने मीडिया को पुष्ट जानकारी देते हुए बताया कि बिलासपुर से गिरफ्तार आरोपी का DNA मैच हुआ है। इसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। इससे ये तय हो गया कि इस केस में नाबालिग से गैंगरेप में दो लोग शामिल थे। हालांकि चर्चा दो से अधिक लोगों के शामिल होने की भी है। एक साल पहले हुए इस कांड में एक आरोपी को गिरफ्तार कर केस क्लोज कर दिया गया था। मगर मीडिया में खबरों के बाद एक नए आरोपी को बिलासपुर से पकड़ा गया, जिसका DNA बच्चे से मैच हुआ है।

आश्रम में काम करने वालों ने किया था कांड
जिस आरोपी से बच्चे का DNA मैच कर गया उसका नाम आदित्य खांडे है, ये अपने दोस्त अंजनी शुक्ला के साथ आश्रम में ही काम करता था। वहीं बच्ची का रेप किया। दोनों इस कांड में शामिल थे। इस कांड के करीब 6 महीने बाद अंजनी को पकड़ लिया गया था। मगर आदित्य फरार था। आदित्य से पुलिस आश्रम के प्रबंधन के संबंध में भी पूछताछ कर रही है क्योंकि जब बच्ची 6 महीने की प्रेग्नेंट हो गई तब प्रबंधन की ओर से केस दर्ज कराया गया था। तब तक मामला दबाकर रखा क्यों गया इसका जवाब अब तक साफ नहीं हो सका है।

ये है पूरा मामला
गैंगरेप के बाद नाबालिग लड़की 5 से 6 महीने की प्रेग्नेंट भी हो गई थी। पिछले महीने ही ये केस फिर से खुला। अफसरों ने न सिर्फ इस पूरे कांड की फाइल को दबा दिया, बल्कि महिला बाल विकास विभाग की मंत्री अनिला भेड़िया को भी इस केस की कानों-कान खबर नहीं लगने दी। अब मीडिया में मामला फूटा तो मंत्री को खबर लगी।

इस मामले में मंत्री अनिला भेडिया ने अपने दिए बयान में कहा है कि उन्हें भी ये केस पता नहीं था। खबरों के जरिए ही पता चला है। इसमें लड़की ने जिसे आरोपी बताया पुलिस ने उसे पकड़ा है। इस केस की फिर से पूरी तरह से जांच कराएंगे, जो भी जिम्मेदार होगा, दोषी होगा उसपर कार्रवाई करेंगे। मामले में अफसरों की भूमिका पर भी मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि जांच में अफसरों की गड़बड़ी के तथ्य मिलेंगे तो कार्रवाई करेंगे। बड़ी गलती हुई है, बच्ची के साथ जो हुआ गंभीर मामला है, आगे ऐसा न हो, सतर्क रहना होगा।

बीते साल नवंबर में FIR दर्ज हुई थी। इस पूरे केस में हुई चूक या जानबूझकर बरती गई ढिलाई को इस बात से समझा जा सकता है कि मामले की अहम कड़ी को ही छोड़ दिया गया। जिस बच्ची का रेप हुआ, उसकी देखभाल करने वाली हाउस मदर (आया) को कांड के फौरन बाद दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया।

अफसरों ने किया घाल-मेल
बच्ची के प्रेग्नेंट होने, उसके रेप की खबर आश्रम और महिला बाल विकास विभाग के अफसरों ने लीक नहीं होने दी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अपनी कुर्सी बचाने के चक्कर में इस केस को दबाया गया। अफसरों ने कुछ बड़े अफसरों को भी पैसे दिए। वरना इतनी बड़ी घटना उजागर हो जाती। आश्रम के किसी अफसर या जिम्मेदारों पर इस मामले में कोई कार्रवाई अब तक नहीं हुई। सभी अफसर अपने पदों पर बने रहे, किसी के खिलाफ काेई जांच तक का आदेश अब तक नहीं हुआ।

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