रायपुर: राज्य सरकार ने दो डॉक्टर्स को नौकरी से निकाल दिया है। ये दोनों पशु चिकित्सक हैं। दोनों के ही खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की वजह से ये कार्रवार्द की गई है। नौकरी से बर्खास्त किए जाने आने का आदेश पशुधन विकास विभाग की उप सचिव तुलिका प्रजापति ने जारी किया है।
इस आदेश पर की कार्रवाई।
दोनों डॉक्टर्स के खिलाफ छह साल पूर्व ईओडब्लू ने भ्रष्टाचार अधिनियम के मामले दर्ज किया था। इनमें गरियाबंद में उप संचालक डॉ. डीएस.ध्रुव कांकेर का पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीएल सरल शामिल है। जब इनके खिलाफ केस दर्ज हुआ तो डॉ.ध्रुव गिरफ्तार किए गए थे, जबकि सरल फरार हो गए थे। मंत्रालय से वेटेरनरी विभाग ने इससे पहले डॉ. ध्रुव को 48 घंटे से अधिक जेल में रहने के कारण 13 सितंबर 2017 को निलंबित कर दिया गया था। डॉ. सरल को फरार रहने और ACB की ओर से न्यायालय में चालान पेश किए जाने के कारण निलंबित किया गया।
भ्रष्टाचार निवारण की विशेष अदालत में दोनों के खिलाफ मामला चला, अदालत ने दोनों को दोषी पाया और तीन -तीन साल का सश्रम कारावास और एक -एक हजार रुपए जुर्माना भी लगाया। जुर्माना न भरने पर एक -एक महीने के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। अब सामान्य प्रशासन विभाग ने दोनों डॉक्टरों के खिलाफ कोर्ट के फैसले नियमों में दिए प्रावधानों के अनुसार इन्हें सेवा से बर्खास्त किया है।
ये था मामला
विभागीय सूत्रों ने बताया कि इन दोनों पशु चिकित्सकों के खिलाफ विभाग में कई तरह की आर्थिक अनियमित्ता के मामले थे। इन्होंने अपने दौरों पर खर्च की गलत-सलत जानकारी देकर रुपयों की गड़बड़ी की। एक बार एक ऐसी गाड़ी का खर्चा दिखा दिया जो कहीं और ड्यूटी में इस्तेमाल में लाई जा रही थी, इसके बाद इनके खिलाफ मामला खुला। ACB ने जांच की और इनके खिलाफ धारा 420, 419,467,471 और 120 बी के तहत केस दर्ज किया गया था। करीब 6 साल इनके खिलाफ विभागीय जांच, अदालती कार्रवाई चली और अब नौकरी से भी इन्हें हाथ धोना पड़ा