Saturday, November 23, 2024
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बिजली विभाग की लापरवाही से ठेका श्रमिक की मौत… सब स्टेशन में मेंटेनेंस के दौरान करंट की चपेट में आ गया था, मुख्य अभियंता ने दिए विभागीय जांच के आदेश

दुर्ग: जिले में बिजली विभाग के बघेरा सब स्टेशन में मेंटेनेंस के दौरान एक ठेका कर्मचारी की करंट की चपेट में आने से मौत हो गई। इस घटना के बाद मुख्य अभियंता ने आनन फानन में मामले की जांच के आदेश दिए हैं। जांच में अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारी की टीम यह पता लगाएगी की इस दुर्घटना के लिए कौन जिम्मेदार है।

जानकारी के मुताबिक बघेरा सब स्टेशन में प्री मानसून मेंटिनेंस का कार्य चल रहा है। यह कार्य ठेकेदार आशीष देशमुख के कर्मचारियों द्वारा कराया जा रहा है। मंगलवार को ठेका कर्मी चंदखुरी निवासी संजय ढीमर बस बार नंबर 2 में काम कर रहा था। इस कार्य के दौरान वहां का लाइन स्टॉफ डी रतन ने सट डाउन लिया था। संजय मेंटिनेंस का काम कर ही रहा था कि अचानक कुछ सामान घट गया। लाइनमैन डी रतन ने दूसरे कर्मचारी को सामान लेने के लिए भेज दिया। इस दौरान संजय को यह नहीं बताया गया कि बस बार नंबर 1 और 3 की लाइन चालू है। संजय अचानक बस बार नंबर 2 से तीन की तरफ चला गया। वहां लाइन चालू होने से वो करंट की चपेट में आ गया और बुरी तरह झुलसने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सूचन मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पीएम के लिए भेज दिया है।

बघेरा सब स्टेशन जहां हुई दुर्घटना

बघेरा सब स्टेशन जहां हुई दुर्घटना

विभागीय जांच के दिए आदेश, एसई करेंगे जांच
इधर दुर्ग के मुख्य अभियंता एम जमुलकर ने मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने मामले में जांच के लिए विभागीय कमेटी का गठन किया है। अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में टीम मामले की जांच करेगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद लापरवाही बरतने वाले कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। परिजनों ने जिम्मेदार ठेकेदार और बिजली कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

एसी कमरे से बाहर नहीं आए एई
इंडियन इलेक्ट्रिसिटी रूल के तहत जिस भी सब स्टेशन में मेंटिनेंस का कार्य होता है वहां सेफ जोन बनाने की जिम्मेदारी वहां के एई मेंटिनेंस और एई जोन की होती है। बघेरा में एई मेंटिनेंस गोस्वामी और एई जोन महेंद्र कुमार वर्मा मेंटिनेंस के दौरान स्पॉट से गायब थे। यदि वो अपने एसी चैंबर से बाहर कर काम करवाते और बस बार को शार्ट करके प्रॉपर तरीके से डिस्चार्ज करवाते तो इतनी बड़ी दुर्घटना नहीं होती। बिना सुपरवीजन के उन्होंने एक 9 महीने पहले ज्वाइन किए अकुशल ठेका श्रमिक को पोल में चढ़ा दिया।




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