रायपुर: छत्तीसगढ़ में लोगों के घरों में जाकर बिजली मीटर रीडिंग करने वाले कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया है। स्मार्ट मीटर, नियमितीकरण और मानदेय में वृद्धि जैसी अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर ये कर्मचारी लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन्होंने 1 मई से काम बंद किया हुआ है। जिसके चलते अब प्रदेशभर में बीते तीन दिनों से मीटर रीडिंग का काम पूरी तरह बंद पड़ गया है। इसके साथ ही कर्मचारी संगठन ने रायपुर के बिजली विभाग के 6 डिवीजन में ज्ञापन सौंपकर जल्द कर्मचारियों के भविष्य को लेकर कोई निर्णय लेने की बात कही है।
छत्तीसगढ़ स्पॉट बिलिंग और मीटर रीडिंग श्रमिक ठेका कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष देवलाल पाटले ने बताया कि स्मार्ट मीटर का लगने का काम आगे बढ़ रहा है। टेंडर प्रकिया के बाद सभी घरों में स्मार्ट मीटर लगने शुरू हो जाएंगे। जिससे बिजली कंपनियों को मीटर रीडर्स की जरूरत पूरी तरह खत्म हो जाएगी।
स्पॉट बिलिंग और मीटर रीडिंग करने के लिए 6 हजार के करीब कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। जो एक गंभीर स्थिति है। हमने 3 सूत्रीय मांगे बिजली कंपनी के प्रबंधक के सामने रखी है। जिसमें 62 साल तक जॉब सिक्युरिटी, मानदेय में वृद्धि और सरकार की चुनावी घोषणा के अनुसार नियमितीकरण जैसी मांगें हैं।
मांग जायज नहीं
इस संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य बिजली कंपनी के प्रबंध संचालक मनोज खरे ने बताया कि बिजली मीटर रीडर्स संघ की स्मार्ट मीटर को लेकर ये चिंता जायज नहीं है। उन्हें बात करने के लिए बुलाया गया है। उन्हें समझाने की कोशिश की जाएगी। स्मार्ट मीटर लगने में अभी लंबा समय है।
21 अप्रैल को कर चुके है प्रदर्शन
इस मामले में मीटर रीडिंग श्रमिक ठेका कर्मचारी महासंघ रायपुर के जिलाध्यक्ष राजेश साहू ने बताया की स्पॉट बिलिंग और मीटर रीडर्स महासंघ ने बीते दिनों अपने भविष्य की चिंता को लेकर बिजली विभाग के अधिकारियों से बातचीत की थी। लेकिन कोई लिखित में जवाब नहीं मिलने के चलते 21 अप्रैल को नवा रायपुर के तूता मैदान में धरना प्रदर्शन किया गया। जिसमें 1 मई से काम बंद करने के लिए ज्ञापन भी दिया गया था।
बिजली बिल आने में होगी देरी
मीटर रीडिंग करने वाले कर्मचारियों का पिछले 3 दिनों से काम बंद है। यदि ये स्थिति ऐसे ही बनी रही तो लोगों के घरों में बिजली बिल आने में देरी होगी।