Wednesday, December 31, 2025

              इलॉन मस्क 600 बिलियन डॉलर पार करने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति बने, अंबानी-अडाणी जितनी संपत्ति एक दिन में बढ़ी, स्पेसएक्स की वैल्यू ₹72.80 लाख करोड़

              नई दिल्ली: दुनिया के सबसे अमीर शख्स इलॉन मस्क की संपत्ति 600 बिलियन डॉलर (₹54.60 लाख करोड़) पार कर गई है। मस्क नेटवर्थ का यह आंकड़ा छूने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति बन गए हैं। इससे पहले 1 अक्टूबर को मस्क की संपत्ति 500 बिलियन (डॉलर 45.50 लाख करोड़ रुपए) पर पहुंची थी।

              स्पेसएक्स की 800 बिलियन डॉलर (₹72.80 लाख करोड़) का वैल्यूएशन और IPO आने की खबर के बाद मस्क की संपत्ति में एक ही दिन में लगभग 168 बिलियन डॉलर (₹15 लाख करोड़) की बढ़ोतरी हुई। यह भारत के दो सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी की नेटवर्थ के लगभग बराबर है। दोनों की संपत्ति 16 लाख करोड़ की है।

              अब मस्क की टोटल नेटवर्थ करीब 638 बिलियन डॉलर (₹58 लाख करोड़) है। इनसाइडर शेयर सेल के बाद स्पेसएक्स अब दुनिया की सबसे वैल्यूएबल प्राइवेट कंपनी बन गई है। मस्क स्पेसएक्स के फाउंडर और CEO हैं।

              स्पेसएक्स की वजह से अचानक बढ़ी मस्क की नेटवर्थ

              रॉयटर्स के मुताबिक कंपनी के अंदर ही हुई शेयर्स की बिक्री में स्पेसएक्स की टोटल वैल्यूएशन $800 बिलियन निकली है। मस्क के पास स्पेसएक्स में लगभग 42% हिस्सेदारी है। यदि कंपनी अमेरिकी शेयर बाजार में 800 बिलियन डॉलर के वैल्यूएशन पर लिस्ट होती है, तो मस्क की हिस्सेदारी की कीमत अकेले 336 बिलियन डॉलर से ज्यादा बढ़ सकती है।

              फोर्ब्स का कहना है कि ऐसा होने पर मस्क दुनिया के पहले ट्रिलियनेयर बन सकते हैं, हालांकि यह IPO की अच्छी लिस्टिंग पर निर्भर करेगा।

              टेस्ला और xAI ने भी बढ़ाई मस्क की दौलत

              • टेस्ला: स्पेसएक्स के अलावा, मस्क की ईवी कंपनी टेस्ला में भी उनकी लगभग 12% हिस्सेदारी है। 2025 में अब तक टेस्ला के शेयर 13% चढ़ चुके हैं। सोमवार को भी टेस्ला के शेयर करीब 4% ऊपर थे, जब मस्क ने कहा कि कंपनी फ्रंट पैसेंजर सीट पर बिना सेफ्टी मॉनिटर के रोबोटैक्सी का परीक्षण कर रही है। मस्क की टेस्ला में हिस्सेदारी अब लगभग 197 बिलियन डॉलर की है।
              • xAI: उनकी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप xAI भी 230 अरब डॉलर के वैल्यूएशन पर 15 अरब डॉलर की नई इक्विटी जुटाने के लिए बातचीत के एडवांस स्टेज में है।

              मस्क ने 12 साल की उम्र में वीडियो गेम बनाकर बेचा

              इलॉन मस्क, टेस्ला और स्पेसएक्स के CEO हैं। मस्क ने 10 साल की उम्र में कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग सीखी और 12 साल की उम्र में ‘ब्लास्टर’ नामक एक वीडियो गेम तैयार किया। इसे एक स्थानीय मैगजीन ने उनसे पांच सौ अमेरिकी डॉलर में खरीदा। इसे मस्क की पहली ‘व्यापारिक उपलब्धि’ कहा जा सकता है।

              1995 में उन्होंने वेब सॉफ्टवेयर कंपनी जिप-2 बनाई थी। कॉम्पेक ने इस कंपनी को 1999 में 307 मिलियन डॉलर में खरीद लिया था। इस डील से मस्क को कंपनी में 7% हिस्सेदारी के बदले 22 मिलियन डॉलर मिले थे। यहीं से इलॉन मस्क के बिजनेस की असल शुरुआत हुई।

              ईबे ने 2002 में पेपाल को खरीदा था

              मस्क ने 1999 में पेपाल बनाई थी। ईबे ने 2002 में इसे 1.5 अरब डॉलर में खरीद लिया। मस्क को इस डील से 180 मिलियन डॉलर की कमाई हुई। इसके तुरंत बाद मस्क ने स्पेसएक्स की स्थापना की। इस कंपनी के जरिए मस्क मंगल ग्रह पर कॉलोनी बसाकर ह्यूमैनिटी को मल्टी प्लेनेट स्पीशीज बनाना चाहते हैं।

              मस्क की दूसरी कंपनी X.com थी जो एक ऑनलाइन सर्विस कंपनी थी। बाद में ये पेपाल बनी और ईबे ने इसे खरीद लिया।

              मस्क की दूसरी कंपनी X.com थी जो एक ऑनलाइन सर्विस कंपनी थी। बाद में ये पेपाल बनी और ईबे ने इसे खरीद लिया।

              मस्क ने टेस्ला, स्पेसएक्स और न्यूरालिंक जैसी कंपनियां बनाईं

              टेस्ला:टेस्ला की स्थापना 2003 में मार्टिन एबरहार्ड और मार्क टारपेनिंग ने की थी। इलॉन मस्क कंपनी के शुरुआती निवेशकों में से एक थे और फरवरी 2004 में उन्होंने टेस्ला में भारी निवेश किया। इसके बाद मस्क टेस्ला के चेयरमैन और फिर CEO बन गए। टेस्ला का मकसद इलेक्ट्रिक गाड़ियों को आम लोगों तक पहुंचाना और सस्टेनेबल एनर्जी को बढ़ावा देना था।

              स्पेसएक्स:स्पेसएक्स की शुरुआत इलॉन मस्क ने मार्च 2002 में की थी। उनका सपना स्पेस लॉन्च की लागत घटाना और मंगल ग्रह पर इंसानी बस्ती बसाना था। स्पेसएक्स ने 2008 में पहला सफल रॉकेट (Falcon 1) लॉन्च किया और 2012 में इसका Dragon कैप्सूल इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से जुड़ा।

              न्यूरालिंक:न्यूरालिंक की स्थापना इलॉन मस्क ने 2016 में की थी। इस कंपनी का मकसद इंसानी दिमाग और कंप्यूटर को जोड़ने वाली ब्रेन-मशीन इंटरफेस तकनीक विकसित करना है। न्यूरालिंक का उद्देश्य न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का इलाज करना और भविष्य में इंसानों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ बेहतर तरीके से जोड़ना है।


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