Wednesday, September 17, 2025

उद्यानिकी फसलों की खेती पर भी किसानों को मिलेगा शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण – डॉ. कमलप्रीत सिंह

  • मिलेट मिशन को बिलासपुर-सरगुजा संभाग में अच्छी सफलता
  • धान की नई प्रजातियों से किसानों को ज्यादा फायदा
  • जिओ टेग वाली सुगंधित प्रजातियों को बढ़ावा देने पर बल
  • छूटे किसानों का केसीसी बनाने चलेगा अभियान
  • कृषि उत्पादन आयुक्त ने की खरीफ 2023 के कार्यक्रम निर्धारण एवं रबी 2022-23 फसलों की प्रगति की समीक्षा

रायपुर: कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने कहा कि उद्यानिकी एवं वाणिज्यिक फसलों की खेती में परम्परागत खेती से कई गुना ज्यादा आमदनी होती हैं। राज्य सरकार इनकी खेती के लिए आकर्षक अनुदान के साथ इस साल से सहकारी बैंक शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण भी मुहैया करा रही है। लिहाजा किसानों को योजनाओं की जानकारी देकर इनकी खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। डॉ. सिंह आज यहां जिला कार्यालय के सभाकक्ष में बिलासपुर एवं सरगुजा संभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर वर्ष 2023 के लिए खरीफ फसल निर्धारण एवं वर्ष 2022-23 की रबी फसल कार्यक्रम की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। डॉ. सिंह ने बिलासपुर एवं सरगुजा संभाग के जिलों में राज्य सरकार की मिलेट मिशन की सफलता पर खुशी जताई है। दोनों संभाग मिलाकर लगभग 50 हजार हेक्टेयर में पहली बार इसकी फसल ली जा रही है। दो सत्रों में आयोजित बैठक में संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग, विशेष सचिव श्री फकीर अयाज तम्बोली, कृषि संचालक रानू साहू, उद्यानिकी संचालक मतेश्वरन व्ही सहित दोनों संभागों के जिला कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, उप संचालक कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन एवं मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

एपीसी डॉ. सिंह ने कहा कि इस साल खाद की पर्याप्त उपलब्धता है। गत साल के विपरीत सभी तरह की खाद भरपूर पात्रा में उपलब्ध हैं। अब तक कुल मांग का 50 प्रतिशत भंडारित किया जा चुका है। किसानों को अग्रिम उठाव के लिए प्रोत्साहित किया जाए। गोदामों में जगह खाली होने पर पुनः आपूर्ति की जाएगी। किसानों को इससे कई फायदे हैं। खाद की कोई एक्सपायरी नहीं होती और शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण मिलने के कारण अतिरिक्त आर्थिक नुकसान नहीं होता है। उन्होंने कहा की खाद की बिक्री पॉश मशीन से ही किया जाए। इसी को केंद्र सरकार आधार मानकर खाद आबंटन करती है। सन एवं ढेंचा जैसे जैविक खाद को किसानों की प्रैक्टिस में लाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। गोठानों में रोज गोबर खरीदी हो। इससे बने कंपोस्ट किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। प्रत्येक जिले की एक कार्ययोजना बने कि कितने किसानों को मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने गोबर से वर्मी खाद बनाने की बदलाव रेट 33 फीसदी से कम नहीं होनी चाहिए। मरवाही और मुंगेली जिले में कम कन्वर्जन होने पर इसे दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कुछ अपूर्ण गोठानों को 30 जून तक हर हाल में चालू करने को कहा है।

एपीसी डॉ. कमलप्रीत ने किसानों को धान की नई प्रजातियों को लोकप्रिय बनाने के निर्देश दिए। ये अपेक्षाकृत ज्यादा फायदेमंद होती हैं। नई प्रजातियां कम अवधि में पक जाती हैं। जिसके कारण रबी की खेती के लिए किसानों को पर्याप्त समय एवं नमी मिल जाता है। उन्होंने बताया कि मरवाही एवं सरगुजा में धान की कई सुगंधित प्रजातियों को जिओ टेग मिली हुई है। इससे इनका बाजार मूल्य काफी बढ़ गया है। इसलिए उन क्षेत्रों में ज्यादा रकबे में जिओ टेग वाली फसल उगाया जाए ताकि किसानों को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो सके। उन्होंने सूरजपुर के गन्ना किसानों को कबीरधाम जिले का भ्रमण कराने का सुझाव दिया। सूरजपुर में गन्ने की पर्याप्त उत्पादन नहीं होने के कारण गन्ना फैक्टरी में आपूर्ति प्रभावित होती है। श्री सिंह ने कहा कि किसानों की आमदनी तभी बढ़ेगी जब उन्हें खेती के लिए आसान ऋण मिले। इसके लिए हर किसान को केसीसी योजना का लाभ दिलाया जाये। उन्होंने राज्य के लगभग आधे किसानों को केसीसी सुविधा नहीं मिल पाने पर चिंता जताई। उन्होंने जिला प्रशासन को बैंको के साथ मिलकर अभियान चलाने के निर्देश दिए। किसानों को दिए जा रहे अल्पकालीन ऋण की हर दिन समीक्षा करने के निर्देश कलेक्टर्स को दिए हैं।

डॉ. सिंह ने गोठानों में उद्यानिकी विभाग द्वारा विकसित किये गये सामुदायिक बाड़ी योजना की सराहना की। उन्होंने कहा कि यहां उत्पादित साग-सब्जी को बिक्री के लिए शासकीय योजनाओं से लिंक किया किया जाये तो महिलाओं को और ज्यादा फायदा हो सकेगा। उन्होंने कहा कि परम्परागत फसलों में आमदनी की एक सीमा होती है। ज्यादा आमदनी के लिए किसानों को वाणिज्यिक खेती की ओर ले चलना होगा। छत्तीसगढ़ की एग्रो क्लाईमेटिक जोन के अनुरूप जशपुर में चाय, सरगुजा में लीची एवं कटहल, रायगढ़ एवं सारंगढ़ में पाम ऑयल की खेती उपयुक्त है। राज्य सरकार इनकी खेती के लिए अनुदान के साथ गारण्टी भी देती है। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा किसानों को लाभान्वित करने के लिए प्रकरण तैयार करने के निर्देश दिए।



                                    Hot this week

                                    Related Articles

                                    Popular Categories