भिलाई// दुर्ग पुलिस ने बीएसपी कर्मियों के नाम पर फाइनेंस कराकर कार, बाइक और अन्य सामान सस्ते दर पर बेचने वाले गिरोह को पकड़ा है। ये गिरोह कर्मचारियों से मिली भगत करके उनके नाम से गाड़ियों और अन्य सामान को फाइनेंस कराता था। उसके बाद उसे 30 प्रतिशत कम रेट पर दूसरों को बेच देता था।
एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि खुर्सीपार थाने में बीएसपी के लोको पायलट हेमंत कुमार की शिकायत आई थी। उसने बताया कि कुछ लोगों ने उसके दस्तवेज से कार, बाइक व अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान फाइनेंस करा लिया है। पुलिस ने धोखाधड़ी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार पूछताछ किया। इनके कब्जे से 10 कार, 1 बुलेट, 1 वाशिंग मशीन और 2 मोबाइल फोन जब्त किया।
एसपी ने जोन 2 खुर्सीपार निवासी आरोपी शिवा उर्फ शिवकुमार से पूछताछ की तो उसने बताया कि वो लोग बीएसपी कर्मी को फाइनेंस के बाद कुछ रकम देते थे। उसने बताया कि बीएसपी कर्मी खुद फाइनेंस कराने शो रूम तक जाता था। उनके दूसरे साथी भिलाई 3 निवासी पी श्रीनिवास ने बताया कि बीएसपी कर्मी खुद बेटी की शादी, घर की मजबूरी की बात करके उनसे पैसे लेते थे और फिर अपने नाम पर कोई सामान फाइनेंस करवा देता था। योगेश सोनवानी निवासी कुल्बा अभनपुर भी ऐसे कर्मचारियों को खोजकर लाता था जो मजबूरी में इस तरह अपने नाम पर फाइनेंस करवाते हों। तीनों आरोपियों की बात सुनने के बाद एसपी ने शिकायतकर्ता बीएसपी कर्मी के नाम पर भी मामला दर्ज करने के निर्देश दिए।
30 प्रतिशत कम रेट पर दूसरों के बेच देते थे सामान
आरोपी शिवा उर्फ शिव कुमार ने बताया वो लोग बीएसपी कर्मी के नाम पर कार, बाइक, मोबाइल व अन्य सामान फाइनेंस कराते हैं। इसके बाद दूसरे लोगों को नया सामान 30 प्रतिशत तक कम रेट में नगद में बेच देते थे। इसके बाद 70 प्रतिशत रकम से आधी रकम बीएसपी कर्मी को दी जाती थी और उसे पूरी ईएमआई पटाने की जिम्मेदारी भी दी जाती है। इस तरह का खेल भिलाई में सालों से चला आ रहा है।
70 हजार रुपए सैलरी में 50 हजार EMI कटते थे
बीएसपी कर्मी हेमंत कुमार को 70 हजार रुपए सैलरी हर महीने मिलती थी। उसने अपने नाम पर इतना फाइनेंस और लोन करवाया हुआ कि उसमें से 50 हजार रुपए हर महीने ईएमआई कट जाती थी। इसीसे बचने के लिए उसने ईएमआई पटाना बंद कर दिया और पुलिस में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी।
एक ही सैलरी स्लिप में कई गाड़ी का था फाइनेंस
आरोपियों ने एक ही व्यक्ति की सैलरी स्लिप से कई वाहन व इलेक्ट्रॉनिक सामान फाईनेंस करवाए थे। इसके अलावा आरोपियों ने 4 क्रेटा कार, 1 आई 20, 2 स्कोडा कार, 1 बीएमडब्लू कार, एक होंडा सिटी कार को भी मोडीफाई कर दूसरे राज्यों केरल, कर्नाटक, गोवा अरूणाचल प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, ओडिशा, मध्य प्रदेश में बेचा है।