Tuesday, October 21, 2025

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ दिल्ली-NCR में रातभर आतिशबाजी, हवा जहरीली हुई, AQI 400 पार; हरियाणा के 15 जिलों में 500 तक पहुंचा

नई दिल्ली: दिल्ली-NCR में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ दीवाली की रातभर आतिशबाजी हुई। इसका असर ये हुआ कि मंगलवार की सुबह दिल्ली-NCR में धुंध नजर आई और एयर क्वालिटी जहरीली हो गई।

दिल्ली के कई इलाकों जैसे अक्षरधाम, आईटीओ, एम्स का AQI 300 के ऊपर (सुबह 8 बजे) दर्ज किया गया। 38 में से 36 मॉनिटरिंग स्टेशनों पर पॉल्यूशन का लेवल रेड जोन में रिकॉर्ड हुआ।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मुताबिक, सोमवार रात 10 बजे तक ही AQI 344 पार पहुंच था। द्वारका में AQI 417, अशोक विहार में 404, वजीरपुर में 423 और आनंद विहार में 404 रहा था।

वहीं, हरियाणा में सोमवार रात 12 तक 15 जिलों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक स्तर यानी 500 तक पहुंच गया था। मंगलवार सुबह रोहतक में AQI 320, नारनौल में 311, बहादुरगढ़ में 306 रिकॉर्ड किया गया है।

इधर, राजस्थान में आज सुबह 8 बजे तक ओवरऑल AQI 243 रहा। भिवाड़ी में राज्य में सबसे ज्यादा AQI 318 रिकॉर्ड किया गया। 200 से ऊपर AQI ‘खराब’ कैटेगरी में आता है।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में दीवाली पर रात 8 बजे से 10 बजे तक ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति दी थी, लेकिन लोगों ने देर रात तक पटाखे फोड़े।

दिल्ली-हरियाणा की 4 तस्वीरें…

प्रदूषण नियंत्रित के लिए इंडिया गेट के आसपास पानी का छिड़काव किया जा रहा।

प्रदूषण नियंत्रित के लिए इंडिया गेट के आसपास पानी का छिड़काव किया जा रहा।

अन्य राज्यों से 2 तस्वीरें….

जाने GRAP के स्टेज

  • स्टेज I ‘खराब’ (AQI 201-300)
  • स्टेज II ‘बहुत खराब’ (AQI 301-400)
  • स्टेज III’गंभीर’ (AQI 401-450)
  • स्टेज IV ‘गंभीर प्लस’ (AQI >450)

GRAP-I लागू, N95 या डबल सर्जिकल मास्क पहनने की सलाह

GRAP-I तब सक्रिय होता है जब AQI 200 से 300 के बीच होता है। इसके तहत, एनसीआर में सभी संबंधित एजेंसियों को 27 निवारक उपायों को सख्ती से लागू किया जाना है।

इनमें एंटी-स्मॉग गन का उपयोग, पानी का छिड़काव, सड़क निर्माण, मरम्मत परियोजनाओं और रखरखाव गतिविधियों में धूल नियंत्रण करना शामिल हैं।

गाजियाबाद के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. शरद जोशी ने बचाव के लिए सभी को बाहरी गतिविधियों के दौरान N95 या डबल सर्जिकल मास्क पहनने की सलाह दी है।

प्रदूषण की वजह पराली जलाना, इसे रोकने के लिए कानून भी बना

उत्तर और मध्य भारत में दिवाली के बाद पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस वजह से प्रदूषण बढ़ने की रफ्तार भी तेज होने लगती है। दिल्ली के सबसे नजदीक हरियाणा और पंजाब में सबसे ज्यादा पराली जलाई जाती है।

2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पराली जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। इससे किसानों को पराली का सफाया करने में परेशानी होने लगी।

केंद्र सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) अधिनियम 2021 के तहत पराली जलाने पर नियम लागू किए। इसके मुताबिक 2 एकड़ से कम जमीन पर पराली जलाने पर 5,000 रुपए जुर्माने का प्रावधान है।

2 से 5 एकड़ जमीन पर 10,000 रुपए और 5 एकड़ से ज्यादा जमीन पर पराली जलाने पर 30,000 रुपए का जुर्माना लगता है।



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