झारखंड: यह कहानी झारखंड के आदिवासी क्षेत्र घाटशिला की है। नरसिंहगढ़ पंचायत के रहने वाले लक्ष्मण सोरेन और सलमा किस्कू एक-दूसरे प्यार करते थे। पर रिश्तेदार होने के कारण दोनों के परिवारों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। रविवार को लक्ष्मण और सलमा ने रेलवे ट्रैक पर अपनी जान दे दी। अपने बच्चों की मौत से दुखी दोनों परिवारों ने सोमवार को बड़ा फैसला लिया और दोनों के शवों को आदिवासी रीति-रिवाज से शादी करा दी।
यह फैसला काफी चर्चा में है। सलमा के पिता मेघराय किस्कू ने लक्ष्मण के पिता माघा सोरेन और वहां के ग्राम प्रधानों से कहा कि उनकी बेटी को बहू के रूप में स्वीकारते हुए विवाह के बाद अंतिम संस्कार किया जाए। इसके बाद माघा सोरेन ने दोनों शवों का आदिवासी परंपरा और विधि विधान से विवाह कराया। फिर दोनों का अंतिम संस्कार किया गया। मृतक-मृतका के पिता व परिवार वालों ने भविष्य में इस घटना को लेकर किसी प्रकार का आरोप-प्रत्यारोप नहीं करने का भरोसा भी दिलाया।
कश्मीर में काम करता था लक्ष्मण, सलमा 9वीं की छात्रा थी
लक्ष्मण सोरेन कश्मीर में काम करता था और 10 दिन पहले ही घर लौटा था। वहीं, सलमा 9वीं की छात्रा थी। गुरुवार की सुबह वह परीक्षा देने की बात कहकर स्कूल निकली थी। रविवार को दोनों ने रेलवे पटरी पर जान दे दी।
हादसे के बाद चारचक्का आदिवासी टोला में विलासी सिंह, ग्राम प्रधान चुकू हांसदा, उल्दा के ग्राम प्रधान लाछु राम हांसदा, चारचक्का आदिवासी टोला के बुरूडीह के ग्राम प्रधान कुंअर मुर्मू की उपस्थिति में लक्ष्मण के पिता माघा सोरेन व सलमा के पिता मेघराय किस्कू के बीच समझौता हुआ। तय हुआ कि अंतिम संस्कार के बाद श्राद्ध कर्म का खर्चा माघा सोरेन करेंगे।