रांची: झारखंड के पूर्व CM शिबू सोरेन का आज यानी मंगलवार को उनके पैतृक गांव नेमरा (रामगढ़) में अंतिम संस्कार किया गया। सीएम हेमंत सोरेन ने मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए।
रांची से रामगढ़ जाने के दौरान कई जगह लोगों ने श्रद्धांजलि दी। सड़क किनारे समर्थक खड़े थे और शिबू सोरेन अमर रहे के नारे लगा रहे थे।
इससे पहले मंगलवार सुबह बड़ी संख्या में लोगों ने मोरहाबादी स्थित उनके आवास पर गुरुजी के अंतिम दर्शन किए और श्रद्धांजलि दी।
शिबू सोरेन के करीबियों में गिने जाने वाले पूर्व सीएम चंपाई सोरेन भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे। इसके साथ ही पूर्णिया सांसद पप्पू यादव, आप सांसद संजय सिंह अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए रांची पहुंचे।
फिर पार्थिव शरीर उनके आवास से विधानसभा पहुंचा। जहां राज्यपाल संतोष गंगवार, स्पीकर रवींद्र महतो समेत कई नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
पूर्णिया सांसद ने पूर्व CM को आदिवासी अस्मिता और संघर्ष का प्रतीक बताते हुए X पर लिखा- ‘शिबू सोरेन जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए। झारखंड सरकार के मंत्री इरफान अंसारी ने भी भारत रत्न देने की मांग की है।’
अंतिम यात्रा की 5 तस्वीरें…

मोरहाबादी स्थित आवास से झारखंड विधानसभा लाया जा रहा पार्थिव शरीर।

पिता की अंतिम यात्रा में झारखंड के CM हेमंत सोरेन।

झारखंड विधानसभा में श्रद्धांजलि देते हुए राज्यपाल संतोष गंगवार।

पार्थिव शरीर रांची से रामगढ़ के नेमरा गांव ले जाया गया।

रास्ते में रोक कर लोगों ने दिशोम गुरू को श्रद्धांजलि दी।
सोमवार को दिल्ली में हुआ निधन
सोमवार की सुबह 8:56 बजे शिबू सोरेन ने दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में अंतिम सांस ली। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन X पर लिखा- ‘दिशोम गुरु हम सभी को छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया हूं।’
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अस्पताल पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

दिल्ली में गंगाराम अस्पताल पहुंचकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि दी।
19 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था
81 साल के शिबू सोरेन हृदय रोग, किडनी और फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित थे। उन्हें 19 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उन्हें ब्रेन स्ट्रोक और पैरालिसिस अटैक भी हुआ। वह वेंटिलेटर पर थे।
सोमवार की शाम उनका पार्थिव शरीर रांची लाया गया। इसके बाद एयरपोर्ट से उनके मोरहाबादी स्थित आवास पर ले जाया गया, जहां समर्थकों के साथ-साथ विपक्षी दल के नेताओं ने उनके अंतिम दर्शन किए।

सोमवार को गंगाराम हॉस्पिटल में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ढांढस बंधाते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
झारखंड में 3 दिन का राजकीय शोक
उनके निधन पर झारखंड सरकार ने सोमवार से 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया है। 3 दिन तक अब कोई भी सरकारी आयोजन नहीं होगा। सोमवार और मंगलवार को सभी सरकारी कार्यालय में छुट्टी घोषित कर दी गई है।
विधानसभा का मानसून सत्र भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। झारखंड गठन में शिबू सोरेन की अहम भूमिका रही है, जो तीन बार सीएम, एक बार केंद्रीय मंत्री और आठ बार सांसद रहे।
पहली बार जब CM बने, 10 दिन में गिर गई सरकार
शिबू सोरेन 2 मार्च 2005 को पहली बार झारखंड के CM बने, लेकिन बहुमत साबित नहीं कर पाने के कारण दस दिन में ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
27 अगस्त 2008 को शिबू सोरेन दूसरी बार झारखंड के CM बने। इस बार वे विधायक नहीं थे। इस कारण छह महीने में उन्हें चुनाव जीतकर विधानसभा का सदस्य बनना था।
पांच महीने बाद 2009 में उपचुनाव हुआ। शिबू को एक सुरक्षित सीट की जरूरत थी, लेकिन कोई भी उनके लिए सीट छोड़ने को तैयार नहीं था। जो विधायक सीट छोड़ने को तैयार थे, वो मुश्किल सीट थी।
तमाड़ विधानसभा में उपचुनाव का ऐलान हुआ। UPA ने गठबंधन की ओर से शिबू का नाम रखा, लेकिन शिबू वहां से चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे।
शिबू जानते थे कि तमाड़ मुंडा बहुल है। वहां शिबू को मुश्किल हो सकती है। मजबूरी में शिबू सोरेन ने पर्चा दाखिल कर दिया। विरोधी के रूप में झारखंड पार्टी के राजा पीटर मैदान में थे।
8 जनवरी 2009 को परिणाम आया तो CM शिबू सोरेन करीब 9 हजार वोट से उपचुनाव हार गए थे। आखिर में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
3 बार के कार्यकाल में सिर्फ 10 महीने सरकार चलाई
तीन बार के कार्यकाल में शिबू सोरेन को 10 महीना 10 दिन ही राज्य की कमान संभालने का मौका मिला। शिबू सोरेन पहली बार सिर्फ 10 दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने थे।
इसके बाद शिबू सोरेन दूसरी बार 28 अगस्त 2008 को झारखंड के मुख्यमंत्री बने। इस बार उन्हें पांच महीने तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का मौका मिला। उन्होंने 18 जनवरी 2009 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
फिर तीसरी बार 30 दिसंबर 2009 को शिबू सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने। इस बार उनका कार्यकाल सिर्फ पांच महीने का रहा। उन्होंने 31 मई 2009 को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।

(Bureau Chief, Korba)