Sunday, August 10, 2025

पूर्व अमेरिकी NSA बोले- ट्रम्प के टैरिफ का उल्टा असर, अमेरिका की बरसों पुरानी मेहनत बर्बाद हुई, भारत हमसे दूर होकर चीन-रूस के पास जा रहा

वॉशिंगटन डीसी: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा कि ट्रम्प की नीतियों से भारत, अमेरिका से दूर होता जा रहा है।

CNN को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाने के फैसले को ‘भारी भूल’ बताया। बोल्टन ने आशंका जाहिर की है कि रूस को कमजोर करने के लिए भारत पर लगाया गया एक्स्ट्रा टैरिफ कहीं उल्टा न पड़ जाए।

उन्होंने कहा कि अमेरिका, भारत को रूस और चीन से दूर रखने के लिए कई साल से कोशिश कर रहा था लेकिन अब वह कोशिश कमजोर पड़ चुकी है।

पूर्व NSA ने कहा कि भारत पर टैरिफ लगाने का मकसद रूस को नुकसान पहुंचाना है, लेकिन नतीजा यह हो सकता है कि भारत, रूस और चीन एकजुट होकर इन टैरिफ का विरोध करें।

बोल्टन बोले- दोस्त-दुश्मन पर एक जैसा टैरिफ लगाना ‘गलती’

जॉन बोल्टन ने पहले भी अमेरिकी अखबार द हिल में लिखा था कि व्हाइट हाउस टैरिफ और अन्य शर्तों में चीन के प्रति भारत से ज्यादा नरमी दिखा रहा है, जो कि एक गंभीर गलती होगी।

उनके मुताबिक, ‘दोस्त और दुश्मन दोनों पर एक समान टैरिफ लगाने’ से अमेरिका का वो भरोसा और आत्मविश्वास कमजोर हुआ है, जिसे बनाने में दशकों लगे थे, और बदले में बहुत कम आर्थिक फायदा मिला है, जबकि बड़े नुकसान का खतरा बढ़ गया है।

बोल्टन ट्रम्प के पिछले कार्यकाल में अमेरिकी सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे। वे पिछले कुछ महीनों से ट्रम्प की नीतियों की लगातार आलोचना कर रहे हैं। उन्होंने पिछले महीने कहा था कि अमेरिकी सरकार बिजनेस और सुरक्षा के मुद्दों को अलग-अलग तरीसे से देख रही है, जबकि भारत जैसे देशों के लिए दोनों चीजें जुड़ी हुई हैं।

अमेरिकी विदेश नीति विशेषज्ञ क्रिस्टोफर पैडिला ने भी चेतावनी दी कि यह टैरिफ भारत-अमेरिका संबंधों को लंबे समय तक नुकसान पहुंचा सकते हैं। भारत हमेशा अमेरिका को शक की निगाह से देखेगा और कभी भी इन टैरिफ को नहीं भूलेगा।

ट्रम्प बोले- टैरिफ से रोज करोड़ों डॉलर आ रहे

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने शुक्रवार को दावा किया था कि टैरिफ से शेयर बाजार में जबरदस्त बढ़ोतरी हो रही है और हर दिन नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। साथ ही, सैकड़ों अरब डॉलर देश की तिजोरी में आ रहे हैं।

उन्होंने सोशल मीडिया ट्रुथ सोशल पर कहा कि अगर किसी अतिवादी वामपंथी कोर्ट ने इस वक्त टैरिफ के खिलाफ फैसला सुनाया तो इतनी बड़ी रकम और सम्मान को वापस पाना मुश्किल होगा।

ट्रम्प ने चेतावनी दी कि ऐसा फैसला 1929 की तरह महामंदी ला सकता है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह तबाह हो जाएगी। ट्रम्प ने दावा किया कि वह कोर्ट सिस्टम को सबसे अच्छे से समझते हैं और इतिहास में कोई भी उनकी तरह चुनौतियों से नहीं गुजरा।

चीन ने भारत पर लगे अमेरिकी टैरिफ की निंदा की

वहीं, चीन ने भारत पर लगे अमेरिकी टैरिफ की निंदा की है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने गुरुवार को इसे “टैरिफ का दुरुपयोग” करार दिया।

गुओ ने कहा- ‘चीन साफ तौर पर टैरिफ के गलत इस्तेमाल के खिलाफ है।’ उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका को तकनीकी और व्यापारिक मुद्दों का राजनीतिकरण बंद करना चाहिए।

चीन का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के उस एग्जीक्यूटिव ऑर्डर के जवाब में आया, जिसमें भारत पर रूसी तेल खरीदने की वजह से 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया गया है।

इससे पहले ट्रम्प ने भारत से ट्रेड डील पर बातचीत करने से इनकार कर दिया है। ट्रम्प ने कहा कि जब तक टैरिफ विवाद का हल नहीं निकल जाता, बातचीत शुरू नहीं होगी।

अमेरिका में भी ट्रम्प के फैसले का विरोध

इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि भारत से ट्रेड डील पर बातचीत के लिए अमेरिकी अधिकारियों का एक दल इसी महीने भारत आने वाला है।

ट्रम्प भारत पर अब तक 50% टैरिफ लगाने का ऐलान कर चुके हैं। उन्होंने 30 जुलाई को 25% टैरिफ लगाया था, जो 7 अगस्त से लागू हो गया है।

वहीं, 6 अगस्त को एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन कर भारत पर 25% टैरिफ और बढ़ा दिया है, जो 27 अगस्त से लागू होगा।

अमेरिका में भी ट्रम्प के इस कदम की आलोचना हो रही है। हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के डेमोक्रेट्स ने चेतावनी दी कि यह कदम भारत-अमेरिका संबंधों को नुकसान पहुंचा सकता है। कमेटी के मेंबर ग्रेगरी मीक्स ने कहा, “ट्रम्प का यह टैरिफ फैसला भारत-अमेरिका के बीच रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को कमजोर कर सकता है।”

विदेश विभाग बोला- भारत रणनीतिक साझेदार, बातचीत जारी रहेगी

इधर, अमेरिकी विदेश विभाग ने 7 अगस्त की रात जारी बयान में भारत को एक रणनीतिक साझेदार बताया। मंत्रालय के प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ स्पष्ट और खुली बातचीत कर रहा है, भले ही टैरिफ विवाद के चलते दोनों देशों के संबंधों में तनाव बना हुआ है।

टॉमी के मुताबिक ट्रम्प ने व्यापार असंतुलन और रूसी तेल की खरीद को लेकर अपनी चिंताएं बहुत स्पष्ट तरीके से जाहिर की हैं। साथ ही सीधी कार्रवाई (भारत पर टैरिफ) भी की है।

टॉमी ने मतभेदों को सीधे संवाद के जरिए सुलझाने की बात भी कही है।

भारत-अमेरिका में 5 राउंड बातचीत पूरी

भारत-अमेरिका के बीच बाइलैटरल ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) पर अब तक 5 राउंड बातचीत हुई है। छठे राउंड की चर्चा के लिए 25 अगस्त को अमेरिकी अधिकारियों को भारत आना था। अब ट्रम्प के बयान के बाद इस बातचीत को लेकर स्थिति साफ नहीं है।

दोनों देश सितंबर-अक्टूबर तक ट्रेड एग्रिमेंट्स के पहले चरण को पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसके साथ ही एक अंतरिम ट्रेड एग्रीमेंट की संभावना भी तलाशी जा रही है।

ट्रेड डील को लेकर वार्ता का पिछला राउंड वॉशिंगटन में हुआ था।

भारत की तरफ से इस बातचीत के लिए राजेश अग्रवाल चीफ नेगोशिएटर हैं। (फाइल फोटो)

भारत की तरफ से इस बातचीत के लिए राजेश अग्रवाल चीफ नेगोशिएटर हैं। (फाइल फोटो)

भारत पर सेंकेडरी सैंक्शंस लगाने की चेतावनी

ट्रम्प अब तक 50% टैरिफ तो लगा ही चुके हैं, लेकिन उन्होंने भारत पर ज्यादा प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है। उन्होंने बुधवार रात पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा,

अभी सिर्फ 8 घंटे ही हुए हैं। अभी तो बहुत कुछ होना बाकी है। बहुत सारे सेकेंडरी सैंक्शंस आने वाले हैं।

ट्रम्प ने भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लागू करने को लेकर पूछे गए सवाल पर यह जवाब दिया। ट्रम्प से पूछा गया था कि अमेरिका ने भारत पर ही क्यों सख्ती की, जबकि चीन जैसे और देश भी रूस से तेल खरीद रहे हैं।

सेकेंडरी सैंक्शंस में कंपनियों पर भी एक्शन

ये वो प्रतिबंध होते हैं जो किसी देश पर सीधे नहीं, बल्कि किसी तीसरे देश से उसके व्यापारिक रिश्तों के चलते लगाए जाते हैं। यानी अमेरिका सीधे भारत को टारगेट न करके, उन कंपनियों और बैंकों पर सख्ती कर सकता है जो रूस से तेल खरीद में शामिल हैं।

भारत ने रूस-यूक्रेन जंग के बावजूद रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदना जारी रखा है। अमेरिका लंबे समय से भारत पर इस फैसले को लेकर दबाव बना रहा है। हालांकि भारत हमेशा कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा जरूरतें उसके राष्ट्रीय हित से जुड़ी हैं।

कुछ भारतीय सामानों पर टैरिफ लागू नहीं होगा

  • अप्रैल 2025 में जारी एक और आदेश में कुछ खास उत्पादों को पहले ही टैरिफ से छूट दे दी गई थी, वे छूट अब भी जारी रहेंगी।
  • इन सामानों में सेमी-कंडक्टर्स, स्मार्टफोन, कंप्यूटर, फार्मास्युटिकल्स, ऑटोमोटिव पार्ट्स, तांबा और अन्य धातु व खनिज शामिल हैं।
  • इसका मतलब है कि भारत से होने वाले इन सामानों के भेजे जाने पर अब भी एक्स्ट्रा टैरिफ लागू नहीं होगा।
  • इस आदेश में यह भी बताया गया है कि अगर भविष्य में जरूरत पड़ी तो राष्ट्रपति इसमें संशोधन कर सकते हैं, यानी टैरिफ की दर बदल सकते हैं या और नए प्रावधान जोड़ सकते हैं।

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