Tuesday, December 12, 2023
Homeछत्तीसगढ़कोरबाBCC News 24: छत्तीसगढ़- चश्मे वाली देवी.. यहां माता को भक्त चढ़ाते...

BCC News 24: छत्तीसगढ़- चश्मे वाली देवी.. यहां माता को भक्त चढ़ाते हैं चश्मा; मनोकामना पूरी करने और नजर से बचाने के लिए प्रसाद में गॉगल, माँ को चश्मा पहनाकर करवाते हैं गांव की परिक्रमा

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में एक ऐसी देवी भी है जिन्हें भक्त काला चश्मा चढ़ाते हैं। देवी मां सब की मनोकामना पूरी करती हैं। ग्रामीणों की मान्यता है कि देवी मां जंगल को हरा-भरा रखती हैं। जंगल के साथ ही हमारी रक्षा भी करती हैं। हर 3 साल में विशाल जात्रा का आयोजन किया जाता है। इस जात्रा में पूरे बस्तर संभाग से लोग पहुंचते हैं और चश्मा चढ़ाते हैं। बताया जाता है कि देवी को जो चश्मा चढ़ाते हैं, वे फिर प्रसाद स्वरूप अपने साथ लेकर जाते हैं। यह मान्यता सदियों से चली आ रही है। भक्त उन्हें चश्मे वाली देवी भी कहते हैं।

बस्तर जिले के कांगेर वैली नेशनल पार्क के कोटमसर गांव में देवी बास्ताबुंदिन का मंदिर है। इन्हें चश्मे वाली देवी के नाम से भी जाना जाता है। जो भी भक्त अपनी मनोकामना लेकर माता के दरबार जिस समय भी पहुंचता है वो चश्मा चढ़ा सकता हैं। ग्रामीणों ने बताया कि, बस्तर के कई गांवों के लोग खुद पैसे इकट्ठा कर जात्रा का आयोजन करते हैं। माता से सभी की रक्षा की मनोकामना करते हैं। इस साल 28 अप्रैल को जात्रा का आयोजन किया जाएगा, जो 3 दिन तक चलेगी।

ग्रामीण बोले- भगवान ने हमें वरदान में दिया है जंगल
कोटमसर इलाके के ग्रामीणों ने कहा कि, बस्तर का हरा-भरा जंगल बेहद खूबसूरत है। भगवान ने हमें इसे वरदान में दिया है। ग्रामीणों ने कहा कि हम अपने जंगल को अपनी जान से भी ज्यादा चाहते हैं। जंगल को किसी की नजर न लगे इस लिए देवी को नजर का काला चश्मा भी चढ़ाते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। अब युवा पीढ़ी इस परंपरा को आगे बढ़ा रही है।

पहले एक ही परिवार करता था पूजा, अब पूरा गांव पूजता है
कांगेर वैली इलाके में निवास करने वाले आदिवासियों की संस्कृति के विशेष जानकार गंगाराम बताते हैं कि देवी मां की पहले एक ही परिवार पूजा-अर्चना करता था। धीरे-धीरे माता के बारे में लोगों को पता चला तो पूरा गांव पूजने लगा। माता सब की मनोकामना पूरी करतीं हैं। माता के मंदिर आकर आज तक जितने भी लोगों ने मन्नत मांगी सभी की मुराद भी पूरी हुई है।

देवी को चश्मा पहनाकर करवाते हैं गांव की परिक्रमा
मंदिर के पुजारी जीतू का कहना है कि, इस साल भी देवी की कृपा होगी और हरे-भरे वन की देवी रक्षा करेंगी। फिर से पुरे गांव ले लोग देवी को चश्मा चढ़ाएंगे। मंदिर के सिरहा संपत बताते हैं कि देवी को चढ़ाए गए ज्यादातर चश्मे भक्त अपने साथ ले जाते हैं। वहीं मेले के दूसरे दिन देवी को चश्मा पहनाकर पूरे गांव की परिक्रमा करवाई जाती है। ताकि बास्ताबुंदिन देवी की कृपा पूरे गांव में बनी रहे और वह पूरे ग्रामवासियों की रक्षा करें

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular