मुंबई: भारत पर अमेरिका के टैरिफ का ज्यादा असर नहीं होगा। यह दावा फिच सॉल्यूशंस की कंपनी BMI ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) में होने वाले सुधार से टैक्स रेट कम होंगे जिससे खपत बढ़ेगी।
इससे अमेरिका के टैरिफ दबाव को कम किया जा सकेगा। GST सुधार और इनकम टैक्स में हालिया कटौती से खपत में ₹5.31 लाख करोड़ की बढ़ोतरी हो सकती है, जो GDP का लगभग 1.6% है।
वित्त वर्ष 2025-26 में 5.8% और 2026-27 में 5.4% ग्रोथ का अनुमान
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी टैरिफ से वित्त वर्ष 2025-26 और 2026-27 में भारत की GDP ग्रोथ में 0.2% की कमी आ सकती है। इसलिए BMI ने अपने अनुमान को रिवाइज किया है। इसमें वित्त वर्ष 2025-26 में 5.8% और 2026-27 में 5.4% ग्रोथ का अनुमान है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत इस दशक (2019-2029) में एशिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा। इस दौरान GDP विकास दर 6% से थोड़ ऊपर रहेगा।

S&P ने भारत की रेटिंग बढ़ाई थी
इससे पहले ग्लोबल रेटिंग एजेंसी S&P ग्लोबल ने भारत की लॉन्ग-टर्म क्रेडिट रेटिंग को BBB- से बढ़ाकर BBB कर दिया था। वहीं शॉर्ट-टर्म रेटिंग को भी A-3 से बढ़ाकर A-2 कर दिया। वहीं इंडियन इकोनॉमी को लेकर आउटलुक स्टेबल रखा गया है।
S&P का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। सरकार लगातार अपने खर्चों को कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है, जिसे फिस्कल कंसॉलिडेशन कहते हैं। इसके अलावा, भारत का आर्थिक विकास भी तेजी से हो रहा है, जो इस अपग्रेड का बड़ा कारण है।
- BBB- क्या है : सबसे निचली “इन्वेस्टमेंट ग्रेड” रेटिंग। इसका मतलब है कि कर्ज चुकाने की क्षमता ठीक है, लेकिन आर्थिक दिक्कतों में थोड़ा जोखिम हो सकता है। निवेश सुरक्षित, पर सीमित भरोसा।
- BBB क्या है: ये BBB- से एक कदम ऊपर। कर्ज चुकाने की क्षमता अच्छी, जोखिम कम, और निवेशकों का भरोसा थोड़ा ज्यादा।

(Bureau Chief, Korba)