रायपुर: स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया गई स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आज सिडनी यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लोबल हेल्थ का भ्रमण किया। टीम ने वहां ट्रॉमा मैनेजमेंट कोर्स और लोक स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी ली। उन्होंने विशेषज्ञों के साथ क्रोनिक डिसीज, संक्रमण तथा इम्युनोलॉजिकल समस्याओं के प्रबंधन पर भी विस्तार से चर्चा की। सिडनी यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लोबल हेल्थ आस्ट्रेलिया का पहला मेडिकल स्कूल है। अकादमिक प्रतिष्ठा से संबंधित क्यूएस सब्जेक्ट रैंकिंग में यह संस्थान दुनिया में 19वें और ऑस्ट्रेलिया में दूसरे स्थान पर है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने यूनिवर्सिटी में संचालित पब्लिक हेल्थ संस्थान का भी दौरा किया।
मधुमेह के विशेषज्ञों से रिसर्च एवं स्टडी पर हुई विशेष चर्चा
स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर. ने प्रदेश में लगातार मधुमेह (डायबिटीज़) के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए इससे जुड़े तमाम पहलुओं पर प्रशिक्षण विशेषज्ञों के साथ चर्चा की। उन्होंने इस पर रिसर्च एंड स्टडी पर विशेष रूप से चर्चा की। मधुमेह की देखभाल की बढ़ती आवश्यकता और एंडोक्रिनोलॉजिस्ट की कमी को पूरा करने के लिए सिडनी विश्वविद्यालय ने अस्पताल के डॉक्टरों के साथ मिलकर मधुमेह प्रबंधन में नर्सिंग देखभाल का एक नवीन अभिनव मॉडल तैयार किया है। इस मॉडल के माध्यम से डॉक्टरों के समय को कम कर नर्सों को मधुमेह मरीजों की देखभाल करने का अधिकार दिया गया है। सिडनी यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लोबल हेल्थ ने छत्तीसगढ़ के लिए भी इस तरह का मॉडल तैयार करने में गहरी रुचि दिखाई है जो मधुमेह देखभाल प्रबंधन में छत्तीसगढ़ के अनुकूल हो। सिडनी मेडिकल स्कूल के एंडोक्राइनोलॉजी की विभाग प्रमुख प्रो. स्टीफेन ट्वीगी और सहायक निदेशक प्रो. मार्गरेट मैकगिल ने इस पर प्रस्तुति दी और राज्य की टीम के साथ चर्चा की।
सिडनी विश्वविद्यालय ने छत्तीसगढ़ की जरूरत के अनुरूप पाठ्यक्रम के डिजाइन में दिखाई रूचि
सिडनी विश्वविद्यालय स्वास्थ्य देखभाल के विभिन्न पहलुओं पर पीएचडी के साथ विभिन्न पाठ्यक्रम संचालित करता है। वहां स्लीप मेडिसिन, दर्द प्रबंधन, जिनोम अध्ययन आदि पाठ्यक्रमों के माध्यम से मानव संसाधन को प्रशिक्षित किया जा रहा है जिससे कम लगत में बेहतर सुविधा प्रदान की जा सके। अधिकांश प्रशिक्षण कार्यक्रम ऑनलाइन व स्व-शिक्षण हैं। साथ ही पाठ्यक्रम में कुछ शारीरिक प्रशिक्षण का संयोजन भी किया गया है। प्रशिक्षण के माध्यम से वहां कार्यरत मानव संसाधनों का कौशल उन्नयन किया जाता है। सिडनी विश्वविद्यालय ने प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों के कौशल उन्नयन की जरूरत की पहचान करने तथा स्वास्थ्य विभाग एवं आयुष विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी कर उपयुक्त पाठ्यक्रमों के डिजाइन में रूचि दिखाई है। सिडनी मेडिकल स्कूल में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम कार्यक्रम के निदेशक डॉ. शैलेंद्र सवलेशवारकर ने इस पर अपनी टीम के साथ प्रस्तुति दी।
ट्रॉमा मैनेजमेंट कोर्स और लोक स्वास्थ्य सेवाओं की ली जानकारी
ट्रॉमा केयर मैनेजमेंट पर प्रो. डॉ. क्रिस्टिन बोव्लेस के साथ चर्चा के दौरान प्रदेश में किस तरह ट्रॉमा केयर प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाए और ट्रॉमा केयर प्रबंधन के लिए मौजूदा मानव संसाधन का कौशल उन्नयन किया जाए, इस पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने चर्चा की।
स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डीन प्रो. जेमी मिरांडा ने छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए राज्य की टीम द्वारा किए जा रहे पहल की सराहना की। उन्होंने ग्राम पंचायतों के माध्यम से हेल्थ इंडिकेटर्स को प्राप्त करने में पंचायतों की भूमिका के बारे में जानने की उत्सुकता दिखाई। उन्होंने भविष्य में इस विषय पर सहयोग की बात भी कही। सिडनी विश्वविद्यालय ने रायपुर में एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने में भी रुचि दिखाई है।
स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव तथा टीम के अन्य सदस्यों ने सिडनी यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लोबल हेल्थ में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं तथा अस्पतालों के प्रबंधन के बारे में भी जानकारी ली। इस दौरान स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक श्री भीम सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक श्री भोसकर विलास संदिपान, राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन, सिडनी यूनिवर्सिटी में स्वास्थ्य सुविधाओं के सहायक निदेशक श्री डेनियल सोमर्स और सिडनी मेडिकल स्कूल की सहायक निदेशक मार्गरेट मैकगिल भी मौजूद थीं।