रायपुर: छत्तीसगढ़ के IAS अफसर समीर विश्नोई, करोबारी सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी को अब जेल भेज दिया गया है। गुरुवार को रायपुर की अदालत ने इन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल जाने का आदेश दे दिया। हालांकि ED ने अपनी कस्टडी मांगी थी, मगर इसे खारिज करते हुए अदालत ने आरोपियों को रायपुर की सेंट्रल जेल भेज दिया है। पिछले 14 दिनों से ही तीनों ED की कस्टडी में थे। रायपुर में प्रवर्तन निदेशालय के अफसर इनसे पूछताछ कर रहे थे।
सबसे पहले 8 और बाद में अतिरिक्त 6 दिन की रिमांड ED को मिली थी। ये रिमांड गुरुवार को खत्म होने के बाद कोर्ट में अफसर और कारोबारियों को पेश किया गया था। ED के अधिवक्ता ने बताया कि इनके पास कई तरह के चेक, दस्तावेज और कैश मिला है जो अपराध किए जाने की ओर इशारा कर रहा है। जांच और पूछताछ इस मामले में जारी रहेगी। IAS समीर और कारोबारियों पर कोल मायनिंग में अवैध लेन-देन के आरोप हैं। 11 अक्टूबर को पहली बार ED ने इनके ठिकानों पर छापे मारी की थी। तीनों के पास से कुल साढ़े 6 करोड़ का कैश, सोना, हीरे वगैरह मिले थे। इसके बाद भी संपत्तियां मिली मगर ED ने आधिकारिक तौर पर इसे उजागर अब तक नहीं किया है।
2 करोड़ का सोना, हीरा और कैश भी मिला
गुED ने चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और IAS अधिकारी समीर विश्नोई को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया था। समीर विश्नोई के घर में लगभग 2 करोड़ का 4 किलो सोना और 20 कैरेट हीरा मिला था। इसके साथ 47 लाख रुपए कैश मिले थे
ED के पास जब्त सोना की कीमत 2 करोड़ 20 लाख रुपए बताई जा रही है। इधर बचाव पक्ष ने ईडी की कार्रवाई को गलत बताया है। गिरफ्तारी को भी अवैध बताया है। उनका कहना है कि आय से अधिक संपत्ति का मामला तो आईटी का है। इसमें ईडी का क्या काम? IAS समीर विश्नोई को कोर्ट में पेश करने से पहले मेकाहारा में उनका मेडिकल चेकअप भी कराया गया। उनके अलावा कारोबारी सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी की गिरफ्तारी हुई है। बताया जा रहा है कि, नवनीत तिवारी को भी हिरासत में लिया गया है। इन सभी पर कोयला कारोबारियों से अवैध लेनदेन और आय से अधिक संपत्ति जैसे आरोप हैं।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर बोला था हमला
ईडी की कार्रवाई पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहले भी कह चुके हैं कि,भाजपा सीधे लड़ नहीं पा रही है तो ईडी-आईटी, डीआरआई के माध्यम से लड़ने की कोशिश कर रही है। मैं पहले ही कह चुका हूं कि ये और आएंगे। यह आखिरी नहीं है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएगा इनकी यात्राएं बढ़ेंगी। यह डराने-धमकाने का ही काम है। उसके अलावा कुछ नहीं।
कोरबा में व्यापारियों के घर खंगाले गए थे दस्तावेज
कोरबा के ट्रांसपोर्ट नगर और अग्रसेन मार्ग पर तीन व्यापारियों के ठिकानों में ED की टीम ने दबिश दी गई थी। पुलिसकर्मियों को घर और कार्यालय के पास तैनात किया गया है। आरकेटीसी कंपनी के दफ्तर, ट्रांसपोर्टर राजकुमार अग्रवाल के घर और दफ्तर और कोल व्यवसायी संजय जायसवाल के घर पर कार्रवाई हुई थी।
ED की एक बड़ी टीम ने सीआरपीएफ के सुरक्षा घेरे के साथ छत्तीसगढ़ के कई जिलों में फैले 40 ठिकानों पर एक साथ दबिश दी थी। इनमें रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू का सरकारी आवास भी शामिल था। उसके अलावा खनिज विभाग के संचालक IAS जेपी मौर्या, चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी समीर विश्नोई, पूर्व विधायक अग्नि चंद्राकर सहित कोयला और परिवहन कारोबार से जुड़े तमाम व्यापारियों और चार्टर्ड अकाउंटेंट के यहां छापा पड़ा। रायगढ़ में रानू साहू नहीं मिली तो एजेंसी ने उनके सरकारी आवास को सील कर दिया था।