Saturday, August 2, 2025

भारत ने रूसी ऑयल खरीद पर अमेरिकी दबाव को नकारा, कहा- भारत बाजार में मौजूद चीजों के हिसाब से फैसले लेता है

नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्रालय ने उन खबरों को खारिज किया है, जिनमें दावा किया गया था कि भारत ने अमेरिकी दबाव में रूस से ऑयल खरीदना बंद कर दिया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा- बाजार में जो चीज मौजूद हैं और दुनिया में जो हालात हैं, भारत उसी हिसाब से फैसले लेता है।

दरअसल कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने हाल ही में दावा किया था कि भारत की सरकारी ऑयल रिफाइनरियों ने पिछले हफ्ते रूसी तेल खरीदना बंद कर दिया है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारत को मॉस्को से तेल नहीं खरीदने की चेतावनी दी है।

पाकिस्तान से तेल खरीदने पर टिप्पणी नहीं

राष्ट्रपति ट्रम्प ने हाल ही में कहा था कि भारत एक दिन पाकिस्तान से तेल खरीद सकता है। रणधीर जायसवाल ने इस बयान पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

ईरान के साथ व्यापार के सवाल पर उन्होंने कहा- भारत सरकार ईरान के साथ व्यापार करने वाली भारतीय कंपनियों पर अमेरिकी प्रतिबंधों की समीक्षा कर रहा है। सरकार ने इन्हें नोट कर लिया है और इस पर विचार किया जा रहा है।

भारत और अमेरिका के बीच मजबूत रक्षा संबंध

जायसवाल ने आगे कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंध मजबूत बने हुए हैं। भारत की रक्षा नीति पूरी तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक जरूरतों पर आधारित है।

यह बयान ऐसे समय पर आया है जब हाल ही में केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया है कि भारत ने F-35 लड़ाकू विमानों की खरीद को लेकर अमेरिका के साथ कोई औपचारिक चर्चा नहीं की है।

भारत को रूसी ऑयल की खरीद बंद न करने की सलाह

रिसर्च इंस्टीट्यूट ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने पिछले महीने ही भारत से कहा कि उसे रूस से कच्चे तेल की खरीद बंद करने के अमेरिकी दबाव में नहीं आना चाहिए और उसका विरोध करना चाहिए।

थिंक टैंक ने कहा है कि रूस से तेल इंपोर्ट करने से भारत को महंगाई को काबू में करने और अस्थिर ग्लोबल माहौल में आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में मदद मिली है।


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