नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तानी नेताओं को जुबान पर कंट्रोल रखने की सलाह दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि पाकिस्तानी नेता भारत के खिलाफ गैर-जिम्मेदार, युद्ध भड़काने वाले और नफरत फैलाने वाले बयान दे रहे हैं।
जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तानी नेता अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए बार-बार ऐसे बयान देते हैं। उन्हें अपनी जुबान पर कंट्रोल रखना चाहिए, क्योंकि अगर उन्होंने कोई गलत कदम उठाया तो उसका नतीजा बहुत बुरा होगा।
दरअसल, सिंधु जल समझौते के निलंबन को लेकर पिछले 48 घंटों में 3 पाकिस्तानी नेताओं ने भारत के खिलाफ धमकी भरे बयान दिए हैं। इनमें आर्मी चीफ आसिम मुनीर, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो शामिल हैं।
जायसवाल ने सिंधु समझौते पर पाकिस्तान के दावों को खारिज किया
जायसवाल ने सिंधु जल समझौते को लेकर मध्यस्थता न्यायालय (Court of Arbitration) की वैधता पर कहा कि- भारत मध्यस्थता न्यायालय की न तो कानूनी मान्यता है, न वैध, और न ही इसे कोई अधिकार है कि वह इस तरह के फैसले दे सके। इसलिए इसके फैसले अधिकार क्षेत्र से बाहर है। ये भारत के जल उपयोग के अधिकारों पर कोई असर नहीं डालती हैं।
जायसवाल ने समझौते को लेकर पाकिस्तान के दावे को भी खारिज किया। उन्होंने कहा- जैसा कि 27 जून 2025 की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया था कि, सिंधु जल संधि भारत सरकार के फैसले के कारण स्थगित है। ये कदम पाकिस्तान के पहलगाम हमले सहित सीमा पार आतंकवाद को लगातार बढ़ाने के जवाब में उठाया गया।
भारत-अमेरिकी रिश्ते और अलास्का में पुतिन-ट्रम्प के बैठक पर बोले जायसवाल
- भारत-अमेरिका साझेदारी- अमेरिका और भारत का रिश्ता गहरे रणनीतिक सहयोग, लोकतांत्रिक मूल्यों और मजबूत आपसी संबंधों पर टिका है। यह साझेदारी कई बदलावों और चुनौतियों से गुजरी है, लेकिन हमें भरोसा है कि आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर यह आगे भी मजबूत होगी।
- विदेश मंत्री की रूस यात्रा- विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के भारत-रूस इंटर-गवर्नमेंट सेशन के 26वें सत्र के लिए मॉस्को जाने की उम्मीद है। यह इस महीने के अंत में होगा।
- पुतिन-ट्रम्प के बीच बैठक- हम 15 अगस्त को अलास्का में होने वाली बैठक के लिए अमेरिका और रूस के बीच बनी सहमति का स्वागत करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी पहले भी कई मौकों पर कह चुके हैं कि यह युद्ध का युग नहीं है।
- भारत-चीन सीमा व्यापार- हम भारत और चीन के बीच सभी ट्रेड प्वाइंट, उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रा और शिपकी ला दर्रा के माध्यम से सीमा व्यापार को फिर से शुरू करने के लिए चीनी पक्ष के साथ बात कर रहे हैं।
- अमेरिकी मानवाधिकार रिपोर्ट- ये रिपोर्टें आरोपों, गलतबयानी और एक तरफा अनुमान हैं जो भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को सच्चाई के साथ नहीं दिखाती हैं। हम ऐसे पक्षपाती रिपोर्ट पर भरोसा नहीं करते। अमेरिका ने 12 अगस्त को ये रिपोर्ट जारी किया था।

(Bureau Chief, Korba)