वॉशिंगटन डीसी: भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में कश्मीर को लेकर झूठे प्रचार करने पर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की। ओपन डिबेट के दौरान संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत के राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने कहा, ‘पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जो अपने ही लोगों पर बम गिराता है और नरसंहार करता है।’
हरीश ने कहा, ‘जो अपने लोगों पर बम गिराए और 4 लाख महिलाओं के साथ रेप जैसा अमानवीय अपराध करे, उसे दूसरों को सिखाने का कोई अधिकार नहीं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दुनिया का ध्यान भटकाने और गुमराह करने के लिए झूठ और बढ़ा-चढ़ाकर बातें करता है।’
हरीश ने यह बयान उस समय दिया, जब एक पाकिस्तानी अधिकारी ने आरोप लगाया कि कश्मीरी महिलाएं दशकों से यौन हिंसा झेल रही हैं। वहीं, भारत ने एक बार फिर दोहराया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा।
हरीश बोले- दुनिया पाकिस्तान के झूठे प्रचार को समझती है
हरीश ने कहा, ‘पाकिस्तान वही देश है जिसने 1971 में ऑपरेशन सर्चलाइट चलाया था और अपनी सेना को 4 लाख महिला नागरिकों के नरसंहार और सामूहिक बलात्कार के सुनियोजित अभियान को मंजूरी दी थी। दुनिया पाकिस्तान के इस झूठे प्रचार को भली-भांति समझती है।’
पाकिस्तान की सेना ने 1971 में ऑपरेशन सर्चलाइट के तहत पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में क्रूर दमन शुरू किया, जिसमें 30 लाख लोग मारे गए और महिला नागरिकों के साथ बलात्कार किया गया।
पाकिस्तानी सेना ने बिना चेतावनी बम गिराए थे, 30 लोग मारे गए
पाकिस्तान की खैबर पख्तूनख्वा की तिराह घाटी में पाकिस्तानी सेना ने 22 सितंबर को बिना कोई चेतावनी जारी किए ही बम गिरा दिए। इस हमले की चपेट में आकर 30 लोगों की जान चली गई थी।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान की वायुसेना इन हमलों के जरिए आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को निशाना बनाने की कोशिश कर रही थी। हालांकि, आतंकियों के बजाय हमले में अधिकतर नागरिकों की मौत हो गई।
भारतीय अधिकारी बोले- पाकिस्तान का असली चेहरा अब सबके सामने
पिछले हफ्ते भी भारत ने पाकिस्तान को फटकार लगाई थी। जिनेवा में मानवाधिकार परिषद (Human Rights Council) की बैठक में भारतीय अधिकारी के.एस. मोहम्मद हुसैन ने कहा था कि पाकिस्तान दुनिया के सबसे खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड वाले देशों में से एक है।
उन्होंने कहा, ‘जो देश अपने यहां धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करता है, वह दूसरों को मानवाधिकार का पाठ नहीं पढ़ा सकता। पाकिस्तान का असली चेहरा अब दुनिया के सामने आ चुका है।’
ऑपरेशन सर्चलाइट के बारे में जानिए…
- ऑपरेशन सर्चलाइट पाकिस्तान की सेना का एक सैन्य अभियान था, जिसे 25 मार्च 1971 की रात शुरू किया गया था।
- इसका मकसद था पूर्वी पाकिस्तान (आज का बांग्लादेश) में बंगाली आबादी के आंदोलन को कुचलना।
- 1970 में पाकिस्तान में आम चुनाव हुए थे। इनमें शेख मुजीबुर्ररहमान की पार्टी अवामी लीग को भारी जीत मिली थी। इस जीत से पूर्वी पाकिस्तान की जनता को उम्मीद थी कि उन्हें आजादी मिलेगी।
- पश्चिमी पाकिस्तान की सैन्य सरकार (जनरल याह्या खान की अगुआई वाली) ने सत्ता हस्तांतरित करने से इनकार कर दिया। इसके बाद पूर्वी पाकिस्तान में विरोध और आंदोलन शुरू हो गया।
- 25 मार्च 1971 की रात, पाकिस्तानी सेना ने ढाका विश्वविद्यालय, अखबार दफ्तरों, छात्रावासों और आम नागरिक इलाकों में हमला किया।
- इस अभियान में बड़े पैमाने पर हिंसा, हत्याएं, बलात्कार और मानवाधिकार उल्लंघन हुए। अनुमान के अनुसार, लाखों लोग मारे गए और करीब 1 करोड़ लोग शरणार्थी बनकर भारत में आए।
- इस अत्याचार के बाद बंगाली जनता ने स्वतंत्रता संग्राम शुरू किया। भारत ने भी मानवता और शरणार्थी संकट को देखते हुए 16 दिसंबर 1971 में हस्तक्षेप किया।
- 13 दिनों के युद्ध के बाद 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान को हार माननी पड़ी और बांग्लादेश नाम से नया देश बना।

पाकिस्तान के नरसंहार में करीब 30 लाख लोग मारे गए थे।
पाकिस्तानी मंत्री की धमकी- जंग में भारत मलबे के नीचे दब जाएगा
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी भारत को धमकी दी थी। उन्होंने कहा था, ‘अबकी बार जंग हुई तो भारत अपने लड़ाकू विमानों के मलबे के नीचे दब जाएगा।’
इससे पहले पाकिस्तान सेना ने शनिवार रात को कहा था कि अगर अब दोनों देशों के बीच युद्ध हुआ तो तबाही होगी। अगर दुश्मनी का नया दौर शुरू हुआ तो पाकिस्तान पीछे नहीं हटेगा। हम बिना किसी हिचकिचाहट के जवाब देंगे।
PAK सेना बोली- भारतीय सेना के बयान जंग को बढ़ावा देने की कोशिश
पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग ISPR ने ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी कर कहा था कि भारतीय रक्षामंत्री और सेना के अधिकारियों के गैर-जिम्मेदाराना बयान जंग को बढ़ावा देने की कोशिश हैं।
इसके साथ ही भारतीय आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी पर निशाना साधते हुए पाकिस्तानी सेना ने कहा- जहां तक पाकिस्तान को नक्शे से मिटाने की बातें हैं। भारत को पता होना चाहिए कि ऐसे हालात आते हैं, तो दोनों देश मिट जाएंगे।
दरअसल, शुक्रवार को उपेंद्र द्विवेदी ने कहा था- पाकिस्तान को सोचना पड़ेगा कि उसे मैप में रहना है या नहीं। अगर अपनी जगह बनानी है, तो उसे आतंकवाद को संरक्षण देना बंद करना पड़ेगा।

(Bureau Chief, Korba)