Sunday, November 24, 2024
Homeछत्तीसगढ़टसर कोसाफल उत्पादन के साथ अन्तर फसल लेकर ईश्वर राम अर्जित कर...

टसर कोसाफल उत्पादन के साथ अन्तर फसल लेकर ईश्वर राम अर्जित कर रहे अतिरिक्त आय…

  • योजना से जुड़कर आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में हुआ सुधार-हितग्राही ईश्वर राम

जशपुरनगर: ग्रामोद्योग संचालनालय रेशम प्रभाग द्वारा दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों व वनांचलों में निवास करने वाले ग्रामीणों की आर्थिक विकास हेतु अनेक विभागीय योजनाओं  के माध्यम से उन्हें आजीविका के साधन उपलब्ध करा रही है। जिले के विकासखण्ड कांसाबेल  के ग्राम  टाँगरगांव  में ग्रामीण कोसाफल उत्पादन के साथ ही अन्तर फसल योजना का लाभ लेकर स्वाभिमान से स्वावलंबन की राह पर आगे बढ़ रहे है। कोसाफल के अच्छे उत्पादन से यहाँ के  ग्रामीणों को आर्थिक लाभ मिल रहा है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है।  टाँगरगांव ग्राम के 55 वर्षीय श्री ईश्वर राम विभागीय  योजनाओं से जुड़कर टसर कोसाफल उत्पादन के साथ ही अंतर फसल का भी कार्य प्रारम्भ किया।  उन्होंने बताया कि  ग्रामोद्योग विभाग द्वारा ग्रामीण स्तर पर योजनाओं का प्रचार प्रसार कर आमजनों को लाभांवित करने का  सार्थक प्रयास कर रही है। इससे जुड़कर उनकी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में सुधार हुआ है।

कोसाफल उत्पादन

हितग्राही ने बताया कि टसर कोसा कृमिपालन एवं कोसाफल उत्पादन कार्य के साथ वे ग्रामोद्योग संचालनालय (रेशम प्रभाग) का अन्तर फसल योजनांतर्गत अपनी कृषि भूमि में  धान का फसल भी लेते है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा अपने लगभग 25 डिसमिल भूमि में आलू, प्याज, धनिया, पालक भाजी, लाल भाजी, टमाटर, बरबटटी इत्यादि मौसमी सब्जी का उत्पादन करते है। जिसके विक्रय से उन्हें 25 हजार से अधिक की अतिरिक्त  आमदनी हुई है। इस प्रकार वे वर्ष में 02 फसल लेते है।  उन्होंने बताया कि उक्त योजना एवं योजना से होने वाले लाभ के बारे में रेशम विभाग के अधिकारियों द्वारा जानकारी प्रदान की गई।  जिसके अनुरूप उनके द्वारा कार्य प्रारंभ किया गया है। जिससे उन्हें नियमित रूप से अतिरिक्त आय प्राप्त हो रहा है। हितग्राही ने बताया कि प्राप्त आमदनी से उन्होंने अपने लिए मोटर साईकल खरीदी के साथ ही अपने  अन्य घरेलू  जरूरतों को भी पूरा किया  है। लाभार्थी बताते है कि अतिरिक्त आय से हमारी आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। रेशम विभाग की कोसाफल उत्पादन के साथ अंतर फसल लेने की योजना हमारे जैसे पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है। उनका उद्देश्य उत्पादन को और बढ़ा कर आमदनी में अधिक इजाफा करना है। इसी प्रकार अन्य समूह के सदस्य भी कोसाफल उत्पादन से अच्छी आय अर्जित कर रहे है।  हितग्राही ने टसर कोसा, कृमिपालन, कोसाफल उत्पादन से जोड़कर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने एवं आय का जरिया प्रदान कराने हेतु प्रदेश सरकार एवं छत्तीसगढ़ शासन को धन्यवाद दिया है।




RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular