Tuesday, September 16, 2025

इजराइल ने गाजा-हमास मुद्दे पर फ्रांस-ब्रिटेन को फटकारा, UN में कहा- इन्होंने इराक-सीरिया में हमले किए; वो जायज तो कतर में हमारा हमला भी सही

न्यूयॉर्क: इजराइल के राजदूत डैनी डैनन ने शुक्रवार को UN महासभा में कतर में हमास नेताओं पर इजराइली हमले का बचाव किया और फ्रांस तथा ब्रिटेन की आलोचना की।

डैनन ने कहा कि 2014 से 2022 तक फ्रांस ने माली, चाड, बुर्किना फासो और मॉरिटानिया में आतंकवादियों पर हमले किए। ब्रिटेन ने इराक और सीरिया में ISIS के खिलाफ एयर स्ट्राइक की।

अगर ये काम उस वक्त जायज थे, तो इजराइल का हमला भी सही है। इजराइल को क्यों निशाना बनाया जा रहा है? क्या इजराइली खून की कोई कीमत नहीं है?

दरअसल, इजराइली सेना ने 9 सितंबर को कतर की राजधानी दोहा में हमास चीफ खलील अल-हय्या को निशाना बनाकर हवाई हमले किए थे। इसके बाद कई देशों ने इजराइल की आलोचना की थी।

इजराइल ने मंगलवार को कतर का राजधानी दोहा में हमास के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाते हुए हमला किया।

इजराइल ने मंगलवार को कतर का राजधानी दोहा में हमास के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाते हुए हमला किया।

इजराइल बोला- ये लोग 7 अक्टूबर 2023 के मास्टरमाइंड थे

डैनन ने कहा कि 9 सितंबर को इजराइल ने दोहा में एक सटीक हमला किया था। यह हमला हमास नेताओं को निशाना बनाया गया था, जो सालों से इजराइल के खिलाफ हमलों की योजना बनाते रहे हैं।

उन्होंने रोज देकर कहा कि ये लोग कोई मान्य राजनेता या डिप्लोमैट्स नहीं थे, बल्कि आतंक के मास्टरमाइंड थे, जिन्होंने 7 अक्टूबर के नरसंहार की योजना बनाई थी। उन्होंने आम लोगों की हत्या की, बच्चों का अपहरण किया और महिलाओं का बलात्कार किया।

डैनन ने कहा कि जबकि इजराइली सुरक्षित कमरों में छिपे थे, हमास के नेता टेलीविजन पर लाइव आकर अपनी जीत का जश्न मना रहे थे।

यरुशलम बस स्टॉप पर हमले की भी जिक्र किया

इजराइली राजदूत ने यरुशलम के रामोट जंक्शन पर हालिया हमले का जिक्र करते हुए कहा कि यहां हमास आतंकवादियों ने एक बस स्टॉप पर गोलीबारी की, जिसमें 6 निर्दोष लोगों की मौत हुई, जिसमें एक 25 साल का लड़का, एक रब्बी, और एक 8 महीने की गर्भवती महिला शामिल थी।

ये नंबर नहीं हैं, ये जिंदगियां हैं, परिवार हैं, भविष्य हैं जो छीने गए। हमास ने तुरंत ही इन हत्यारों को हीरो कहा और पूरी जिम्मेदारी ली।

कुछ लोगों ने 8 सितंबर को यरुशलम के बस स्टॉप पर गोलीबारी की थी, जिसमें 6 लोग मारे गए थे।

कुछ लोगों ने 8 सितंबर को यरुशलम के बस स्टॉप पर गोलीबारी की थी, जिसमें 6 लोग मारे गए थे।

कतर पर हमास नेताओं को ठिकाना देने का आरोप लगाया

डैनन बताया कि 48 निर्दोष लोग अभी भी हमास की कैद में हैं और उनके परिवार दर्द में हैं। 700 दिनों से ज्यादा वक्त हो चुका है। हमास इन्हें सौदेबाजी के लिए इस्तेमाल कर रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि इजराइल ने राष्ट्रपति ट्रंप के सीजफायर प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, लेकिन हमास मना कर रहा है। वे समय बर्बाद कर रहे हैं, जबकि बंधक और गाजा के लोग मुश्किल झेल रहे हैं।

डैनन कतर पर तंज करते हुए कहा कि कतर ने लंबे वक्त से हमास नेताओं को जगह देता रहा है, जबकि वे हमलावर और आतंकी हमले की प्लानिंग बनाते रहे हैं। या तो कतर हमास को बाहर निकाले और उन्हें कठघरे में लाए, नहीं तो इजराइल ऐसा करेगा।

लादेन और पाकिस्तान का भी जिक्र किया

इजराइली राजदूत ने 9/11 हमलों का उदाहरण देते हुए कहा कि जब ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में मारा गया, तो सवाल नहीं था कि उसे क्यों मारा गया, बल्कि सवाल था कि उन्हें शरण क्यों दी गई।

इसी तरह, आज सवाल है कि हमास नेताओं को शरण क्यों दी गई, जबकि बंधक और गाजा के लोग तकलीफ झेर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इजराइल का संघर्ष सिर्फ इजराइल का नहीं है, बल्कि लोकतंत्र, सभ्यता और न्याय के लिए है। हम तब तक लड़ेंगे, जब तक बंधक सुरक्षित वापस नहीं आ जाते और आतंकियों को दुनिया के किसी कोने में शरण नहीं मिलती।

लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में एक बड़ी हवेली छिपा हुआ था। यह ठिकाना पाकिस्तानी मिलिट्री एकेडमी से लगभग 1,300 मीटर दक्षिण-पश्चिम में था। अमेरिकी नेवी सील्स ने 2 मई 2011 को उसे मार गिराया था।

लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में एक बड़ी हवेली छिपा हुआ था। यह ठिकाना पाकिस्तानी मिलिट्री एकेडमी से लगभग 1,300 मीटर दक्षिण-पश्चिम में था। अमेरिकी नेवी सील्स ने 2 मई 2011 को उसे मार गिराया था।

संयुक्त राष्ट्र ने दो-राष्ट्र समाधान को समर्थन दिया

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लिया। उन्होंने इजराइल और फिलिस्तीन के बीच दो-राष्ट्र समाधान (टू स्टेट सॉल्यूशन) के लिए एक घोषणा-पत्र को मंजूरी दी।

यह घोषणा जुलाई में सऊदी अरब और फ्रांस की मेजबानी में हुई एक बैठक का नतीजा है। लेकिन अमेरिका और इजराइल ने इस बैठक का बहिष्कार किया।

इस प्रस्ताव को 142 देशों ने समर्थन दिया, जबकि इजराइल और अमेरिका समेत 10 देशों ने इसका विरोध किया। 12 देशों ने वोटिंग से खुद को अलग रखा।

दो-राष्ट्र समाधान इजराइल और फिलिस्तीन के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष को सुलझाने का एक प्रस्तावित तरीका है। इस के तहत, इजराइल और फिलिस्तीन दोनों को अलग-अलग, स्वतंत्र राज्यों के तौर पर मान्यता दी जाएगी।



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