जांजगीर-चांपा: जिले में 2.5 एकड़ जमीन को फर्जी ढंग से 12 एकड़ दर्ज कराने और गरियाबंद जिले के एचडीएफसी बैंक से इस जमीन को बंधक रख 22 लाख रूपए का लोन लेने के मामले में पुलिस ने ग्राम सिलादेही के तत्कालीन पटवारी दयाराम साहू (47 साल) को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। यह बिर्रा थाना क्षेत्र का मामला है।
दरअसल, ग्राम देवरानी निवासी नम्मू लाल पटेल ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि 2.5 एकड़ खेत को ग्राम पवनी जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ निवासी परमानंद कर्ष और उसके साथियों ने तत्कालीन हल्का पटवारी से मिलीभगत कर खसरा नंबरों में फर्जीवाड़ा कर फर्जी तरीके से जमीन का नामांतरण कराया है। फर्जी दस्तावेज से एचडीएफसी बैंक राजिम जिला गरियाबंद से 22 लाख रूपए का लोन ले लिया।
खसरा नंबरों में किया फर्जीवाड़ा
इस दौरान सभी दस्तवेजों की जांच में मिला कि जमीन के खसरा नंबर में 104/02,334/1, 482/3,733/4,756/6,1045/4,1513/1,1513/3,1668/4,1722/3,1789/3,1789/2,1318/2,/1516/1 लगभग 2.5 एकड़ जमीन खेत हैं।
इसमें पटवारी दयाराम साहू और सहायक ताराचंद पटेल ने साजिश रचकर फर्जी तरीके से इन्हीं नंबरों की फर्जी ऋण पुस्तिका तैयार की। पटवारी दयनाद साहू ने नम्मू लाल पटेल के पैतृक जमीन को आरोपी परमानंद कर्ष के नाम से ऑनलाइन तैयार किया था।
फर्जी ऋण पुस्तिका से बैंक से लिए 22 लाख रुपए का लोन
जांच के बाद यह जानकारी सामने आई कि तत्कालीन पटवारी दयाराम साहू द्वारा ही जमीन के फर्जी ऋण पुस्तिका और अन्य दस्तावेज में तहसीलदार और राजस्व निरीक्षक का डिजिटल हस्ताक्षर किया गया है। इसी आधार पर परमानंद कर्ष ने राजिम के एचडीएफसी बैंक से 22 लाख का लोन लिया। पटवारी दयाराम साहू के डिजिटल हस्ताक्षर से आरोपी ने बड़ी रकम फर्जी तरीके से निकला है।
बिर्रा थाना प्रभारी कृष्ण पाल सिंह से बताया कि पटवारी अपने सहयोगी ताराचंद पटेल के साथ मिलकर साजिश के तहत अपराध किया है। बिर्रा थाना पुलिस ने आरोपी पटवारी दयाराम साहू को गिरफ्तार किया और न्यायालय में पेश किया। यहां से उसे जेल भेज दिया गया। वहीं इस प्रकरण के अन्य आरोपी परमानंद और ताराचंद को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है।
(Bureau Chief, Korba)