Monday, June 16, 2025
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CJI बनने के बाद पहली बार मुंबई पहुंचे जस्टिस गवई, उन्हें चीफ सेक्रेटरी-DGP ने रिसीव नहीं किया, बोले- निराश हूं कि महाराष्ट्र के बड़े अफसर प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते

मुंबई: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनने के बाद जस्टिस बीआर गवई रविवार को पहली बार मुंबई पहुंचे। जहां उन्हें रिसीव करने चीफ सेक्रेटरी, DGP और मुंबई के पुलिस कमिश्नर नहीं पहुंचे। इस पर उन्होंने महाराष्ट्र-गोवा बार काउंसिल के कार्यक्रम में निराशा जताई।

CJI गवई ने कहा, ‘मैं ऐसे छोटे-मोटे मुद्दों पर बात नहीं करना चाहता, लेकिन मैं इस बात से निराश हूं कि महाराष्ट्र के बड़े अफसर प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते। लोकतंत्र के तीनों स्तंभ समान हैं और उन्हें एक-दूसरे के प्रति सम्मान दिखाना चाहिए।’CJI ने कहा,

अगर भारत के चीफ जस्टिस पहली बार महाराष्ट्र आ रहे हैं तो ये उम्मीद की जाती है कि यहां के चीफ सेक्रेटरी, DGP और मुंबई के पुलिस कमिश्नर को मौजूद रहना चाहिए। ऐसा न करना सोचने पर मजबूर करता है।

मुंबई में महाराष्ट्र-गोवा बार काउंसिल ने CJI का सम्मान समारोह रखा था। इसी दौरान जस्टिस गवई ने कहा कि जब किसी संस्था का प्रमुख पहली बार राज्य में आ रहा हो, खासकर जब वह भी उसी राज्य का हो, तो उन्हें खुद ही सोचना चाहिए कि जो व्यवहार किया गया वह सही था या नहीं।

CJI गवई ने मराठी में सभा को संबोधित करते हुए उन्हें मिले प्यार और स्नेह के लिए गहरा आभार व्यक्त किया। इसके पहले वे मुंबई में चैत्यभूमि डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर स्मारक भी गए।

भाषण के बीच भावुक हुए CJI गवई

स्पीच के दौरान CJI गवई अपने लिए लोगों का सम्मान और प्यार देखकर भावुक हो गए। उन्होंने कहा- मैं सभी का बहुत आभारी हूं। मुझे जो प्यार और सम्मान मिला है, उससे मैं अभिभूत हूं। 40 साल से मुझे यह प्यार मिल रहा है। आज का समारोह अविस्मरणीय है। मैं अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं ढूंढ पा रहा हूं।

14 मई को जब मैंने भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली तो महाराष्ट्र ने मुझ पर बहुत प्यार बरसाया। पूरे राज्य से लोगों ने समारोह देखने की इच्छा व्यक्त की, लेकिन सीमाओं के कारण मैं सभी को शामिल नहीं कर सका।

CJI बोले- तीनों स्तंभों को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए

  • देश न केवल मजबूत हुआ है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक मोर्चों पर भी विकसित हुआ है और ऐसा करना जारी है।
  • देश का मूल ढांचा मजबूत है और संविधान के तीनों स्तंभ समान हैं। संविधान के सभी अंगों को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।
  • न तो न्यायपालिका, न ही कार्यपालिका और संसद सर्वोच्च है, बल्कि भारत का संविधान सर्वोच्च है और तीनों अंगों को संविधान के अनुसार काम करना है।

बार काउंसिल के इवेंट में कहा था- जज जमीनी हकीकत नजरअंदाज नहीं कर सकते

CJI बीआर गवई शनिवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के सम्मान समारोह में मौजूद थे। तब उन्होंने कहा था कि जज जमीनी हकीकत को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। आज की न्यायपालिका मानवीय अनुभवों की जटिलताओं को नजरअंदाज करते हुए कानूनी मामलों को सख्त काले और सफेद शब्दों में देखने का जोखिम नहीं उठा सकती।

सीजेआई ने इस बात पर जोर दिया था कि न्यायपालिका में लोगों से दूरी रखना असरदार नहीं है। उन्होंने इस धारणा को खारिज कर दिया कि सुप्रीम कोर्ट के जजों को लोगों से जुड़ने से बचना चाहिए।

मुंबई में हुए इवेंट की 2 तस्वीरें…

सम्मान समारोह में CJI की मां कमला गवई भी मौजूद रहीं।

सम्मान समारोह में CJI की मां कमला गवई भी मौजूद रहीं।

इवेंट में जस्टिस गवई के सुनाए गए 50 बड़े फैसलों पर आधारित किताब का विमोचन किया गया।

इवेंट में जस्टिस गवई के सुनाए गए 50 बड़े फैसलों पर आधारित किताब का विमोचन किया गया।


Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
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