Friday, September 19, 2025

काठमांडू: नेपाली PM ओली के बाद राष्ट्रपति रामचंद्र का भी इस्तीफा, प्रदर्शनकारियों ने वित्त मंत्री और पूर्व पीएम को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा; राष्ट्रपति, गृहमंत्री के घर जलाए

काठमांडू: नेपाल में हिंसक घटनाओं के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पद से इस्तीफा दे दिया। सेना का एक हेलिकॉप्टर उन्हें अज्ञात स्थान पर ले गया। इसके तुरंत बाद राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने भी अपना इस्तीफा सौंप दिया। राजधानी में हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं और सुरक्षा बल हालात को काबू में लाने में नाकाम दिख रहे हैं।

देश में हिंसक प्रदर्शनों ने हालात को और बिगाड़ दिया है। राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में हुई झड़पों और आगजनी में अब तक 22 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 400 से ज्यादा लोग घायल हैं। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में आग लगा दी और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल और गृहमंत्री के निजी आवासों पर भी हमला कर तोड़फोड़ और आगजनी की।

गुस्साए युवाओं ने पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा को उनके घर में घुसकर पीटा, जबकि वित्त मंत्री विष्णु पौडेल को काठमांडू में उनके घर के पास दौड़ा-दौड़ाकर मारा गया। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक प्रदर्शनकारी उनके सीने पर लात मारते हुए दिख रहा है। इसी बीच प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, शेर बहादुर देउबा और संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के घरों को भी आग के हवाले कर दिया।

नेपाल में हिंसक विरोध की 8 तस्वीरें…

1. संसद भवन

प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को नेपाल की संघीय संसद को आग के हवाले कर दिया।

प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को नेपाल की संघीय संसद को आग के हवाले कर दिया।

2. पीएम ओली का निजी आवास

प्रधानमंत्री ओली के घर में मंगलवार को आग लगा दी। इसके बाद धुएं का गुबार उठता नजर आया।

प्रधानमंत्री ओली के घर में मंगलवार को आग लगा दी। इसके बाद धुएं का गुबार उठता नजर आया।

3. राष्ट्रपति भवन

राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के निवास (शीतल भवन) में प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को आग लगा दी।

राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के निवास (शीतल भवन) में प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को आग लगा दी।

4. गृहमंत्री का निजी आवास

प्रदर्शनकारियों ने इस्तीफा दे चुके गृहमंत्री रमेश लेखक के घर पर मंगलवार को आगजनी और तोड़-फोड़ की।

प्रदर्शनकारियों ने इस्तीफा दे चुके गृहमंत्री रमेश लेखक के घर पर मंगलवार को आगजनी और तोड़-फोड़ की।

5. पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा और उनकी पत्नी को घर में घुसकर पीटा

प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा और उनकी पत्नी विदेश मंत्री आरजू राणा को उनके घर में घुसकर पीटा।

प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा और उनकी पत्नी विदेश मंत्री आरजू राणा को उनके घर में घुसकर पीटा।

6. वित्त मंत्री को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा

प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को वित्त मंत्री विष्णु पौडेल को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। उनके सीने पर लात मारी। (वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।)

प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को वित्त मंत्री विष्णु पौडेल को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। उनके सीने पर लात मारी। (वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।)

7. नेपाली कांग्रेस का पार्टी कार्यालय

प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को नेपाली कांग्रेस के ऑफिस में आग लगा दी।

प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को नेपाली कांग्रेस के ऑफिस में आग लगा दी।

8. केपी शर्मा ओली सुरक्षित जगह शिफ्ट हुए

सुरक्षा बलों ने पीएम ओली को हेलिकॉप्टर से सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कर दिया। उन्हें कहां ले जाया गया है, इसकी जानकारी नहीं है।

सुरक्षा बलों ने पीएम ओली को हेलिकॉप्टर से सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कर दिया। उन्हें कहां ले जाया गया है, इसकी जानकारी नहीं है।

युवाओं के आंदोलन की 7 प्रमुख वजहें

1. नेपोटिज्म: जेन-जी को भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी ने निराश किया। भाई-भतीजावाद (नेपोटिज्म) और चहेतों को कुर्सी पर बैठाने से नेताओं के बच्चों की विदेशी यात्राएं, ब्रांडेड सामान, शानो शौकत की पार्टियां सोशल मीडिया पर चर्चित होने लगीं।

2. सोशल मीडिया बैन: लोगों को लगा कि उनकी आवाज दबा दी गई है। कई युवा इसके जरिए कमाई भी कर रहे थे। इससे गुस्सा भड़का।

3. तीन बड़े घोटाले: 4 साल में 3 बड़े घोटाले सामने आए। 2021 में 54,600 करोड़ रुपए का गिरी बंधु भूमि स्वैप घोटाला, 2023 में 13,600 करोड़ रुपए का ओरिएंटल कोऑपरेटिव घोटाला और 2024 में 69,600 करोड़ रुपए का कोऑपरेटिव घोटाला। इससे युवाओं में सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा था।

4. सियासी अस्थिरता: 5 साल में 3 सरकारें आईं। जुलाई 2021 में शेर बहादुर देउबा पीएम। दिसंबर 2022 में प्रचंड पीएम बने। जुलाई 2024 से ओली आए।

5. बेरोजगारी-आर्थिक असमानता: बेरोजगारी दर 2019 में 10.39% थी, अभी 10.71% है। महंगाई दर 2019 में 4.6% थी। अब 5.2% है। आर्थिक असमानता हावी। 20% लोगों के पास 56% संपत्ति।

6. विदेशी दबाव: ओली सत्ता में आए तो चीन की ओर झुकाव बढ़ा। पहले सरकारों ने कई फैसले अमेरिकी प्रभाव में लिए। सोशल मीडिया बैन के बीच सिर्फ चीनी ऐप टिक-टॉक चलता रहा। युवाओं को लगता है कि बड़े देशों के दबाव में नेपाल मोहरे जैसा इस्तेमाल हो रहा है।

7. भारत से बढ़ती दूरी: ओली पीएम बने तो लिपुलेख दर्रे को नेपाल के नक्शे में दिखाया। चीन से नजदीकी बढ़ाई। दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हुए तो नेपाल पर आर्थिक दबाव पड़ा। इससे भी युवाओं में बेचैनी।



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