Saturday, April 27, 2024
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कोरबा: शहर के सिटी डेंटल हाॅस्पिटल में थ्रीडी एक्स-रे की सुविधा शुरू, बिलासपुर-रायपुर की नहीं लगानी पड़ेगी दाैड़….

  • सीबीसीटी मशीन व इंट्रा ओरल स्कैनर का हुआ उद्घाटन, दांताें के जिस जांच के लिए खर्च करने पड़ते हैं ढाई से तीन हजार रुपए उसके लिए चुकानी हाेगी मात्र 5 साै रुपए की फीस

काेरबा (BCC NEWS 24): शहर के घंटाघर स्थित सिटी डेंटल हाॅस्पिटल में अब हाईटेक सीबीसीटी मशीन से जबड़ों (दांताें) की थ्रीडी एक्स-रे हाेगी। जिसमें बारिक से बारिक समस्या के बारे मेें सटीक जानकारी मिल जाएगी। अब तक सीबीसीटी मशीन से जांच के लिए मरीजाें काे बिलासपुर या रायपुर जाना पड़ता था। जहां जांच के लिए ढाई से तीन हजार फीस लगता है लेकिन सिटी डेंटल हाॅस्पिटल में उक्त जांच के लिए मात्र 5 साै रुपए की फीस ली जाएगी। उक्त जानकारी सिटी डेंटल हाॅस्पिटल में रविवार काे सीबीसीटी मशीन व इंट्रा ओरल स्कैनर की सुविधा का उद्घाटन समाराेह में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे इंडियन डेंटल एसाेसिएशन के प्रेसिडेंट डाॅ. राजीव सिंह व सिटी डेंटल हाॅस्पिटल के डायरेक्टर डाॅ. सरफराज खान ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता के दाैरान दी। उन्हाेंने बताया कि सीबीसीटी मशीन महंगी हाेने के कारण अब तक इसकी सुविधा काेरबा में नहीं थी। सिटी डेंटल हाॅस्पिटल में डिजिटल सिस्टम से सीबीसीटी मशीन व इंट्रा ओरल स्कैनर का लाभ काेरबा के निजी डेंटल क्लीनिक के साथ ही सरकारी अस्पतालाें के डेंटिस्ट के पास उपचार कराने वाले मरीजाें काे भी मिलेगा। क्याेंकि एक ताे दांत के मरीजाें की संख्या में लगातार बढ़ाेतरी हाे रही है और दूसरा बिलासपुर-रायपुर के अलावा कही भी सीबीसीटी मशीन से जांच की सुविधा नहीं है। शहर में सुविधा शुरू हाेने से मरीजाें काे उन शहराें की दाैड़ नहीं लगानी पड़ेगी। साथ ही कम फीस में ही जांच हाे सकेगा। इससे मरीजाें का समय के साथ ही खर्च भी बचेगा। सीबीसीटी मशीन से जबड़ाें के फैक्चर, रूट कैनाल समेत अन्य बारिकियां का पता चल सकेगा। जाे उपचार व सर्जरी में बेहद मददगार साबित हाेगा। इंट्रा ओरल स्कैनर से दांतों के अंदर के रोग के अलावा दांतो की सेटिंग एवं दांतो का माप भी आसानी से लिया जा सकेगा। प्रेस वार्ता के दाैरान डाॅ. सनोबर खान भी उपस्थित थी।

गुटखा-तंबाखू की वजह से बढ़ रहा दांतो का कैंसर
इंडियन डेंटल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ. राजीव सिंह ने सीबीसीटी मशीन के बारे में विस्तार से बताया कि गुटखा व तंबाखू खाने की आदत के कारण दांतो (मुंह) में हाेने वाला कैंसर बढ़ रहा है। पहले लक्षण के आधार पर मरीजाें काे बायोप्सी जांच कराने के लिए कहा जाता था। लेकिन सीबीसीटी मशीन में चंद मिनट में जांच कर दांताें की जांच कर साफ ताैर पर देखा जा सकेगा कि कैंसर है या नहीं। क्याेंकि जबड़ाें की स्थिति साफ दिखती है। कैंसर हाेने पर दांत व आसपास के हड्डी व मांस गल जाते हैं। इस तरह मुंह में कैंसर की शुरूआत हाेने पर मामूली खर्चे पर जांच से मरीज का समय पर उपचार संभव है।

सीबीसीटी मशीन की खासियत
मशीन से जांच पर दांतों, हड्डियों और जबड़े की थ्रीडी स्कैनिंग होती है। इससे जबड़ा, दांत के साथ ही नाक और कान के पास का पूरा हिस्सा और चेहरों की अन्य नसों की सही जानकारी मिल जाती है।

सीबीसीटी मशीन का यह लाभ

इलाज में हाे जाएगी आसानी

CBCT मशीन द्वारा ट्यूमर, सिस्ट, माउथ कैंसर की जांच और पहचान में काफी मदद मिलेगी। साथ ही इनके इलाज में काफी आसानी होगी

थ्रीडी डायमेंशन से आसान हुई डायग्नोसिस

पहले रेडियोग्राफ टू-डायमेंशन होते थे, मगर अब थ्रीडी डायमेंशन तकनीक आने से डायग्नोसिस आसान हुई है। इसमें कोन बीम कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीबीसीटी) के जरिए व्यक्ति के दांतों की हर एंगल से जांच होती है। उसका हर पार्ट कंप्यूटर पर दिखाई देता है, जिससे जरूरत के हिसाब से उसके दांतों का शेप, कलर आदि तय किया जाता है। कई बार चोट लगने से दांत का रंग नीला या काला पड़ जाता है या फिर उसकी सफेदी चली जाती है। ऐसे में पहले रूट कैनाल ट्रीटमेंट और फिर इंटरनल ब्लीचिंग करते हैं, जिससे दांत ठीक हो जाता है।

डेंटल इम्लांट प्लानिंग

सीबीसीटी मशीन का इस्तेमाल अक्सर डेंटल इम्प्लांट प्लानिंग के लिए किया जाता है। यह वायु काेशिय हड्डी और आसपास की संरचनाें की विस्तृत छवियां प्रदान कर सकता है। जिसका उपयाेग हड्डी की मात्रा काे मापने और हड्डी की गुणवत्ता काे मूल्यांकन करने के लिए किया जा सकता है। उदाहरण के लिए यह तय करने में सहायता करने के लिए कि काैन सा प्रत्याराेपण उपयाेग करा है।

आर्थाेडाॅन्टिक ट्रीटमेंट प्लानिंग

सीबीसीटी मशीन का इस्तेमाल आर्थाेडाॅन्टिक ट्रीटमेंट प्लान के लिए किया जा सकता है। जैसे-ब्रेसेस या एलाइनर, दांताें एवं जबड़ाें की विस्तृत छवियां प्रदान करने, इसका उपयाेग राेगियाें व सहकर्मियाें काे उपचार याेजना एवं अनुमानित परिणामाें काे प्रदर्शित करने के लिए भी किया जाता है। उदाहरण के लिए 3डी माॅडल एवं सीबीसीटी स्कैन से उत्पन्न विडियाे के माध्यम से।

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