Tuesday, September 16, 2025

कोरबा: शादी के 10 साल बाद पति ने गला घोंटकर पत्नी को मार डाला, वारदात के समय जेठ ने महिला के पकड़े थे दोनों पैर, मरने के बाद फंदे से लटकाया शव; आरोपियों को उम्र कैद की सजा

कोरबा: जिले में शादी के 10 साल बाद पति ने गला घोंटकर पत्नी को मार डाला। तरदा गांव में जेठ ने सुनीता कुर्रे (28 साल) का दोनों पैर पकड़ा, पति ने गला दबाया, फिर उसकी लाश फांसी के फंदे में लटका दी और थाने में जाकर घटना की सूचना दी थी। मामला उरगा थाना क्षेत्र का है।

घटना 1 साल पहले 10 मई 2024 की है। पुलिस के मुताबिक, फांसी के फंदे की हाइट कम होने के बाद हत्या का शक हुआ। जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ। आरोपी पति राजू कुर्रे और जेठ मनोज कुर्रे को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है।

जांच में पता चला कि ससुराल वाले पैसों के लिए सुनीता को परेशान करते थे। जबकि शादी में उसे दहेज दिया गया था, फिर भी पैसों की डिमांड करते थे। मृतका के पिता ने कई बार धान बेचकर पैसे दिए थे। 10 साल से मांगने का यही सिलसिला चल रहा था। जब पैसे देने बंद किए तो उसकी हत्या की प्लानिंग की।

सुनीता को मारने के बाद उसे फंदे में लटका दिए थे।

सुनीता को मारने के बाद उसे फंदे में लटका दिए थे।

ये है पूरा मामला

सुनीता बिलासपुर के पचपेड़ी गांव की रहने वाली थी। 10 साल पहले उसकी शादी राजू कुर्रे के साथ हिंदू रीति-रिवाज से हुई थी। राजू कुर्रे का परिवार खेती मजदूरी करने वाला था। सुनीता के घर वालों ने शादी में दहेज भी दिया था। शुरुआत में सब ठीक था, उनके 2 बच्चे भी हैं।

बच्चे होने के बाद ससुराल वालों का लालच और बढ़ गया उससे और पैसों और सामान की डिमांड करने लगे। राजू कुर्रे अपनी पत्नी पर दबाव बनाने लगा। सुनीता के पिता उन्हें कभी चावल देते थे कभी धान बेचकर पैसा भिजवाते थे कभी उधारी लेकर पैसे देते।

सुसराल वालों के मांगने का यह सिलसिला चलता रहा। जब सुनीता ने अपने माता पिता से पैसे मांगना बंद किया तो उसे और परेशान करने लगे। फिर उसे मारने की प्लानिंग की और 10 मई 2024 को जब घर में कोई नहीं था तब जेठ और पति ने मिलकर हत्या कर दी।

कोरबा जिले के तरदा गांव में सुसराल वालों ने मिलकर बहू को मार डाला।

कोरबा जिले के तरदा गांव में सुसराल वालों ने मिलकर बहू को मार डाला।

हत्या के बाद दोनों भाग गए थे

घटना के दिन दोनों आरोपी बिलासपुर में रिश्तेदार की तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर जा रहे थे। मायकों वालों को सुनीता की लाश मिलने पर उन्होंने राजू को सूचना दी और वापस बुलाया। इसके बाद दोनों ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।

तब से अब तक मामला कोर्ट में चल रहा था। तृतीय श्रेणी अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार नंदे की कोर्ट ने सभी गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया। शासकीय अभिभाषक कृष्ण कुमार द्विवेदी ने बताया कि कोर्ट ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।



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