कोरबा (BCC NEWS 24): आयुर्वेद चिकित्सा की अद्भुत क्षमता एक बार फिर से लोगों के सामने आई है, जब एक 60 वर्षीय बुजुर्ग ने केवल डेढ़ महीने के आयुर्वेदिक उपचार से साइटिका के गंभीर दर्द से राहत पाई। यह वाकया कोरबा में स्थित निहारिका आयुर्वेद चिकित्सा केंद्र में सामने आया। जहां बुजुर्ग डी.आर.अहिरवार ने आयुर्वेद चिकित्सक नागेंद्र नारायण शर्मा के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की। डी.आर.अहिरवार, जो कि बालको में रिटायर्ड कर्मचारी हैं, उन्होंने बताया कि वह पिछले कई वर्षों से साइटिका के दंश से परेशान थे।उन्होंने अनेक अस्पतालों और चिकित्सकों का सहारा लिया, लेकिन कोई भी उपचार उन्हें स्थायी राहत नहीं दे सका। उनकी स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि रोज़मर्रा के कार्य करना भी बहुत कठिन हो गया था। एक निराशा के बाद, उन्होंने आयुर्वेद चिकित्सा की ओर रुख किया। निहारिका स्थित आयुर्वेद चिकित्सा केंद्र में पहुंचकर उन्हें आयुर्वेदिक दवाओं के अलावा उचित आहार और जीवनशैली में बदलाव के लिए भी सलाह मिली। आयुर्वेद चिकित्सक नाड़ीवैद्य डॉ.नागेंद्र नारायण शर्मा ने उन्हें एक विशेष उपचार योजना दी, जिसमें जड़ी-बूटियों का उपयोग किया गया।
डी.आर.अहिरवार ने नियमित रूप से दवाइयां लीं और चिकित्सा के साथ बताई गई जीवनशैली में बदलाव किए। उन्होंने कहा, मुझे पहले कभी नहीं लगा था कि मैं इस दर्द से छुटकारा पा सकूंगा। लेकिन आयुर्वेदिक दवाओं के सेवन के बाद, मैंने महसूस किया कि मेरा दर्द धीरे-धीरे कम हो रहा है। सिर्फ डेढ़ महीने के भीतर, उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ और अंततः वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गए। अब वह अपनी सामान्य दिनचर्या को फिर से शुरू कर चुके हैं। स्वस्थ होने के बाद, डी आर अहिरवार ने आयुर्वेद चिकित्सा के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया उन्होंने कहा, मैंने कई जगहों पर इलाज कराया, लेकिन आयुर्वेद ने मुझे जो राहत दी उससे मेरा साइटिका तो ठीक हुआ ही और भी जो शरीर में अन्य परेशानियाँ थी वो भी पूरी तरह से ठीक हो गई और अब मै पूर्ण रूप से स्वस्थ हूँ।नाड़ीवैद्य डॉ. नागेंद्र नारायण शर्मा ने बताया कि यह वाक्या आयुर्वेद चिकित्सा की प्रभावशीलता को दर्शाती है और यह साबित करती है कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में भी गंभीर बीमारियों का इलाज संभव है। आयुर्वेद के प्रति लोगों का विश्वास तेजी से बढ़ रहा है, और इस तरह की सफलताएं इसे और भी मजबूती प्रदान करती हैं. लोगों को प्रारंभिक तौर पे आयुर्वेद चिकित्सा को अपनाना चाहिए।
(Bureau Chief, Korba)