कोरबा/बिलासपुर (BCC NEWS 24): राखड़ परिवहन के मामले में नियमों का पालन कभी भी नहीं हो रहा है। राखड़ परिवहन के लिए यह जरूरी है कि ऊपर तिरपाल ढंका जाये ताकि राखड़ किसी भी सूरत में सड़क पर उड़ने न पाये, किन्तु तिरपाल ढंके बिना ही और अधिकांश वाहनों में आधा-अधूरा ढंक कर परिवहन किए जाने से रास्ते भर उड़ती रहती है। कोरबा जिले में धनरास और बिलासपुर जिले के सीपत एनटीपीसी राखड़ डेम से परिवहन में लगे वाहनों के द्वारा धड़ल्ले से उल्लंघन कर कोरबा, कटघोरा, बिलासपुर मार्ग में राखड़ रास्ते भर उड़ाया जा रहा है। इसके अलावा इन वाहनों के चालक जहां पाये वहां सड़क किनारे राख फेंक कर चलते बनते हैं और बाद में जिम्मेदार लोग लकीर पीटते रह जाते हैं। इस बात पर कोई संदेह नहीं कि राखड़ के कारण जगह-जगह हो रहे वायु, जल और भूमि प्रदूषण में पर्यावरण विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत है वरना ऐसा कौन सा कारण है कि पर्यावरण विभाग इस तरह के मामलों में न तो संज्ञान ले रहा है और न ही कोई कार्यवाही करता है। एसडीएम और आरटीओ की जांच भले ही विभिन्न क्षेत्रों में जारी है और पिछले दिनों कटघोरा-कोरबा मार्ग में कार्रवाई भी लगातार की गई। राखड़ परिवहन के कार्य में लगे लोगों की मनमानी है कि वे लो-लाइन एरिया में राखड़ फेंकने की अनुमति के नाम पर कहीं भी राखड़ फेंकने का खेल कर रहे हैं। इनकी लापरवाही और मनमानी के कारण इंसानों के साथ-साथ बेजुबान जानवरों की सेहत पर भी खतरा बना हुआ है।
कोरबा: एनटीपीसी के राखड़ परिवहन से त्रस्त है क्षेत्रवासी, पर्यावरण विभाग पर मिली-भगत का आरोप….
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