कोरबा: जिले में SECL के वित्तीय प्रबंधन से संचालित डीएवी स्कूल में एडमिशन के लिए 50 हजार रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। हर्षिका श्रीवास्तव के परिजनों ने एसईसीएल के अधिकारी पर यह आरोप लगाया है। परिजन अपने दावे पर अडिग हैं। वहीं, स्कूल की प्राचार्य इस बारे में कुछ पता नहीं होने की बात कह रहे हैं।
दरअसल, साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की सुभाष ब्लॉक कॉलोनी क्षेत्र में डीएवी पब्लिक स्कूल का संचालन पिछले कुछ सालों से किया जा रहा है। जिसमें नर्सरी से 12वीं की कक्षाएं संचालित हैं।इस स्कूल के लिए भवन बनकर दिया गया और दूसरी सभी सुविधा भी मुहैया कराई गई हैं।
SECL से जुड़े लोगों के बच्चों को पहली प्राथमिकता
इसमें प्रवेश के लिए पहली प्राथमिकता एसईसीएल से जुड़े लोगों के बच्चों की है। बाकी सीटों के लिए सामान्य लोग आवेदन कर सकते हैं। शिक्षण सत्र 2024 के दौरान पवन श्रीवास्तव ने अपनी बेटी हर्षिका श्रीवास्तव की एडमिशन एल.के.जी में कराने के लिए स्कूल में आवेदन दिया।
परिजनों ने 50 हजार रिश्वत मांगने का लगाया आरोप
दावा किया गया कि हर स्तर पर इसे स्वीकार कर लिया गया। लेकिन बाद में एडमिशन देने से इनकार करने के साथ सीजीएम से मिलने की बात कही गई। जहां पर उनसे 50 हजार की मांग की गई।
प्राचार्य बोलीं- प्रवेश की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी
इस मामले में स्कूल की प्राचार्य अनामिका भारती से जानकारी ली गई, तो उन्होंने इस पर अनभिज्ञता जाहिर की। उन्होंने बताया कि प्रवेश की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है। अभिभावकों के सामने लॉटरी निकाली जाती है।
जनसंपर्क अधिकारी ने मामले को बताया झूठा
वहीं, साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के जनसंपर्क अधिकारी डॉक्टर सनिश चंद्र ने इस मामले को झूठ बताने के साथ ही पूर्वाग्रह से ग्रसित बताया। उन्होंने कहा कि, इस बारे में संबंधित जानकारी कोरबा एरिया से मंगवाई जाएगी। इधर, मानिकपुर चौकी प्रभारी प्रेम साहू ने बताया कि शिकायत के आधार पर मामले की जांच की जा रही है।
(Bureau Chief, Korba)